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आखिर कौन है हेड कोच के लिए कोहली की पसंद!

टीम इंडिया का हेड कोच कौन बनेगा इस पर सस्पेंस बना हुआ है. टीम इंडिया के लिए हेड कोच की तलाश जारी है. इस बीच शेन वॉर्न, राहुल द्रविड़ जैसे कई बड़े नाम इस पद के लिए आए, लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. इस रेस में एक नया नाम और जुड़ता नजर आ रहा है. न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बंगलुरु (आरसीबी) टीम के कोच डेनियल विटोरी भी इस लिस्ट में शामिल हो सकते हैं. खास बात यह कि इसका प्रस्ताव खुद टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने दिया है.

विराट कोहली ने बीसीसीआई को डेनियल विटोरी को फुलटाइम हेड कोच बनाए जाने का सुझाव दिया है. हालांकि इस पर बीसीसीआई की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है और न ही इसकी पुष्टि हुई है. फिर भी यदि अभी तक के ट्रेंड को देखा जाए, तो जिस प्रकार से ग्रेग चैपल और गैरी कर्स्टन को कोच बनाने के समय कप्तान की सलाह को तवज्जो दी गई थी, उससे विटोरी के नाम पर भी गंभीरता से विचार किया जा सकता है. वैसे भी विराट का इन दिनों दबदबा है.

कोहली-विटोरी की ट्यूनिंग है खास

आरसीबी में कोच के रूप में विराट और विटोरी के बीच अच्छी खासी ट्यूनिंग है. वह पिछले दो साल से विराट के साथ काम कर रहे हैं और विराट उनसे काफी प्रभावित हैं. वह इस टीम के कप्तान भी रह चुके हैं. न्यूजीलैंड के कप्तान रहे बाएं हाथ के स्पिनर विटोरी ने पिछले साल मार्च में ही इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया है. इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में ब्रिस्बेन हीट टीम के कोच बने थे.

कोचिंग तकनीक काबिले तारीफ

सूत्रों के अनुसार टीम इंडिया के कई सदस्यों ने विटोरी की कोचिंग तकनीक की तारीफ की है,  इसके चलते उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. यह साफ तौर पर माना जा रहा है कि विटोरी का नाम आगे बढ़ाने के पीछे विराट का हाथ है, क्योंकि वर्तमान भारतीय टीम के वे एकमात्र प्रमुख सदस्य है जो इस समय आरसीबी में खेल रहे हैं.

द्रविड़ लगभग कर चुके हैं इंकार

बीसीसीआई की सलाहकार समिति ने इस पद के लिए राहुल द्रविड़ से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि टीम इंडिया का कोच बनने का मतलब है कि आप 9-10 महीने टीम के साथ टूर पर रहते हैं. करियर के इस पड़ाव पर उनके लिए यह मुमकिन नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था, 'इंडिया-A या IPL में कोच बनने का मतलब है कि आप टीम के साथ थोड़े दिन तक ही रहते हैं. लेकिन मैंने करीब 20 साल प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने के बाद अभी तीन साल पहले ही क्रिकेट छोड़ी है, इसलिए हाल के दिनों में टीम इंडिया का कोच बनने के लिए मैं खुद को तैयार नहीं कर पा रहा हूं.'

फ्लेचर रहे अंतिम फुलटाइम कोच

टीम इंडिया के अंतिम फुलटाइम हेड कोच डंकन फ्लेचर थे, जिनका कार्यकाल 2011 से 2015 तक रहा. फ्लेचर के कार्यकाल के दौरान ही इंग्लैंड दौरे पर रवि शास्त्री को टीम डायरेक्टर बना दिया गया था और फिर फ्लेचर के जाने के बाद टी-20 वर्ल्ड कप तक शास्त्री टीम डायरेक्टर थे, लेकिन हेड कोच कोई नहीं था.

शास्त्री की उपलब्धियां

रवि शास्त्री ने 2014 में टीम डायरेक्टर का पद संभाला था. उनकी कोचिंग में टीम इंडिया ने 2014 में इंग्लैंड को वनडे सीरीज़ में हराया. 2015 वनडे विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में पहुंचे. 2016 में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 सीरीज़ जीती और 2016 टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में पहुंचे.

खेलने हैं 18 टेस्ट मैच

विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया को इस जून 2016 से मार्च 2017 तक कुल 18 टेस्ट मैच खेलने हैं. कोहली को दिसंबर 2014 में एमएस धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद टीम का कप्तान बनाया गया था. इसके बाद से टीम का प्रदर्शन श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार रहा था और हमने ऐतिहासिक सीरीज जीत दर्ज की थी.

सलाहकार समिति लेगी फैसला

बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा था, 'रवि शास्त्री का करार टी-20 विश्व कप तक ही था और नए कोच के नाम का फैसला क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी या सलाहकार समिति करेगी. इस समिति में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज हैं. अनुराग ठाकुर ने ये भी साफ किया था कि इस बार कोई दो पद नहीं होंगे. इस बार टीम डायरेक्टर और फुलटाइम कोच की भूमिका एक ही शख्स निभाएगा. फिर भी रवि शास्त्री भी अपना करार के नवीनीकरण के लिए आवेदन दे सकते हैं.

‘कामसूत्र’ की तर्ज पर ‘इमरानसूत्र’

इमरान हाशमी बॉलीवुड के सीरियल किसर के नाम से मशहूर हैं. वह अपनी हर फिल्म में हीरोइन को किस करते हुए नजर आते हैं. अब सुनने में आ रहा है कि फिल्म 'अजहर' की प्रमोशन में बिजी इमरान एक किताब लिखने जा रहे हैं, जिसमें वो लोगों को 'किसिंग टिप्स' देते हुए नजर आएंगे.

इमरान हाशमी ने बताया कि 'कामसूत्र' ग्रंथ की तर्ज पर 'इमरानसूत्र' आने वाला है, जिसमें वो किसिंग टिप्स देंगे. दरअसल, ये आइडिया इमरान को लेखक एस हुसैन जैदी ने दिया है. इमरान ने बताया, 'जैदी ने कुछ दिनों पहले मुझसे कहा कि मुझे अपने किसिंग एक्सपीरियंस पर एक किताब लिखनी चाहिए. हालांकि अभी तक इसको लेकर कुछ फाइनल नहीं है. अभी इस बारे में बातचीत ही चल रही है. वैसे अभी मेरे पास काफी काम है, कई फिल्मों की शूटिंग करनी है. लेकिन मुझे यह आइडिया काफी पसंद आया. हो सकता है कि इस किताब के लिए कोई पब्लिशर भी मिल जाए.'

इमरान को बॉलीवुड में स्मूच किंग भी कहा जाता है. सभी फीमेल को-स्टार्स ने इमरान को किसिंग में पूरे नंबर दिए हैं. इमरान के साथ काम कर चुकीं एक्ट्रेस का कहना है कि इनके जैसा किस कोई दूसरा एक्टर नहीं करता है.

इमरान कहते हैं, 'शायद, किसिंग पर किताब लिखने के आइडिया को मुझे सीरियसली लेना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि अभी तक इस विषय पर किसी ने किताब लिखी होगी.'

बता दें कि इमरान की पिछले दिनों एक बुक लॉन्च हुई, जिसका नाम है 'द किस ऑफ लाइफ'. इस किताब में इमरान ने अपने बेटे की कैंसर से लड़ने के सफर को बयां किया है. इस किताब को पढ़ने के बाद अमिताभ बच्चन ने भी इमरान के बेटे की तारीफ की थी.

महिला कारोबारियों को प्रोत्साहित करेगा ‘महिला ई हाट’

शादी या पार्टी का मौका, मेहंदी लगवानी है और कोई मिल नहीं रहा या फिर आपको अपनी ड्रेस सिलवाने के लिए कोई अच्छा दर्जी नहीं मिल रहा हो तो अब घबराने की बात नही है.

एक विश्वसनीय ई बाजार यानी ‘महिला ई हाट’ पर आपको तमाम छोटी बड़ी सेवाओं के लिए बस अपना आवेदन भेजना होगा और जल्द से जल्द सेवा आपके दरवाजे पर खड़ी होगी या आपको उसके बारे मे बता दिया जाएगा. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से लगभग दो महीने पहले शुरू की गई ‘महिला ई हाट’ में इस तरह की सेवाओं को लगातार शामिल किया जा रहा है.

ग्रामीण महिलाओं को बाजार देने का प्रयास

महिला उद्यमियों और खासकर ग्रामीण महिलाओं को जिन्हें अपना सामान बेचने के लिए उपयुक्त बाजार नहीं मिलता, उनको एक बाजार देने के लिए डिजिटल इंडिया की तर्ज पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘महिला ई हाट’ की शुरूआत की थी. इसमें देश के किसी भी कोने में काम कर रही महिलाएं, सेल्फ हेल्प ग्रुप में अपने को रजिस्टर कर सकती है. लगभग दो महीने पहले शुरू की गई इस सेवा का लगातार विस्तार किया जा रहा है.

2 महीने में ढाई लाख से ज्यादा क्लिक

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ज्वॉइट सेकेट्री रश्मि सहगल ने बताया कि, ‘दिसंबर 2016 तक महिला उद्यमी सेल्फ हेल्प ग्रुप में फ्री रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. मकसद यही है कि ज्यादा से ज्यादा महिला उद्यमी इस ई हाट का इस्तेमाल कर अपना सामान बेंच सके’. उन्होंने बताया कि अब तक लगभग एक लाख महिलाएं इस ‘महिला  हाट’ से जुड़ चुकी हैं.

फिलहाल इस ‘महिला ई हाट’ में 16 अलग-अलग सेक्शन हैं. महिलाओं की ओर से बेची जाने वाली तमाम चीजों की लिस्ट है. इसमें कपड़े, जूते-चप्पल, पर्स, ज्वैलरी से लेकर हैडीक्राफ्ट्र सामान की एक से बढ़कर एक वैरायटी मिल जाएगी.

हर तरह की सेवा उपलब्ध

यही नहीं खाने का सामान, दाल, मसाले, अचार जैसी तमाम चीजों की खरीदारी  इस हाट के जरिए के जरिए की जा सकती है. एक सेक्शन सेवाओं का है जिसका लगातार विस्तार किया जा रहा है. इसमें हेयर कट, नेल आर्ट, टैटू डिजाइनिंग, वेब डिजाइनिंग, कंम्प्यूटर ट्रेनिंग आदि सेवाओं को शामिल करने की योजना है.

ई हाट की सलाहकार मंजू कालरा ने बताया कि इसमें महिलाओं को अपनी सफलता के बारे मे लिखने, अपने अनुभव शेयर करने, टिप्स देने के लिए भी अलग से प्लेटफार्म दिया गया है. इसके जरिए और महिलाओं को इस हाट में शामिल होकर सामन बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. अभी तक इसमें 554 सामान और सेवाओं की लिस्ट है जो लगातार बढ़ रही है.

इस ‘महिला ई हाट’ मे बेचे जाने वाले सामान की गुणवत्ता को लेकर भी मंत्रालय सजग है. महिलाओं को समय-समय पर कार्यशालाओं के जरिए इस ई हाट के बारे में, इसमें कैसे शामिल हों इसकी जानकारी दी जाती है. गुणवत्ता को लेकर महिलाओं को सजग किया जाता है.

आवेदन करने का तरीका आसान

कोई भी महिला उद्यमी जो भारत की नागरिक है, और उम्र 18 साल से ऊपर है, इस ई हाट के जरिए अपना सामान बेच सकती हैं. अपनी सेवाओं का प्रचार कर सकती हैं. बस एक मोबाइल नंबर, अपने प्रोडक्ट की तस्वीरें या सेवा की जानकारी इस हाट पर डालनी होगी. इस ई हाट मे जाकर आवेदन करने का तरीका भी बहुत आसान बनाया गया है.

 

अब आप कर सकते हैं 3D वीडियो कॉलिंग

वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला होलोग्रैफिक फ्लेक्सिबल स्मार्टफोन बनाने का दावा किया है. इस फोन को मोड़ा जा सकता है, जिससे यूजर बिना चश्मे या हेडगिअर के भी 3D विडियो और तस्वीरें देख सकते हैं. इस डिवाइस का नाम 'होलोफ्लेक्स' रखा गया है.

ऐसे करता है काम:

यह फोन फ्लेक्सिबल है और इसे मोड़ा जा सकता है. कनाडा की क्वींस यूनिवर्सिटी में 'ह्यूमन मीडिया लैब' के वैज्ञानिकों ने इसे तैयार किया है. इसमें लगा फ्लेक्सिबल डिस्प्ले मोशन पैरालैक्स और स्टीरियोस्कोपी की मदद से 3D इमेज तैयार करता है. यानी अलग-अलग ऐंगल से यह 3D इमेज तैयार करता है, जिससे यूजर्स को अलग से कोई चश्मा नहीं लगाना पड़ता.

होलोफ्लेक्स नया वर्जन

यह तकनीक दरअसल ReFlex डिस्प्ले टेक्नॉलजी का ही अगला वर्जन है. दोनों टेक्नलॉजीज को एक ही लैब में विकसित किया गया है. दोनों को तैयार करने में बैंड सेंसर इस्तेमाल किए गए हैं, जिससे यूजर को डिस्प्ले को मोड़ने की सुविधा मिलती है और डिस्प्ले में दिखने वाली चीजें मूव करने लगती हैं

होलोग्रैफिक विडियो कॉलिंग

ह्यूमन मीडिया लैब के डायरेक्टर डॉय रेल वेर्टेगल ने कहा कि खास तरह के कैमरों की मदद से यूजर्स एक-दूसरे को होलोग्रैफिक विडियो कॉलिंग भी कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि जब डिस्प्ले को बेंड किया जाएगा तो लगेगा कि सामने वाला स्क्रीन से बाहर आने वाला है.

गेमिंग भी की जा सकती है

इस डिस्प्ले पर ऐंग्री बर्ड्स जैसे गेम्स को भी खेला जा सकता है. उदाहरण के लिए यूजर को गेम में इलास्टिक रबर को खींचने के लिए डिस्प्ले को साइड से मोड़ना होगा.

अभी यह तकनीक शुरुआती दौर में है और इस पर काम चल रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले वक्त में यह और बेहतर होगी.

ईमेल भेज कोई आप पर नजर तो नहीं रख रहा?

आजकल ईमेल ट्रैकिंग टूल बड़े आसानी से आपके लोकेशन और दूसरी जानकारी आपसे झटक सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा.कई ऐसे ईमेल ट्रैकिंग टूल बाजार में मिल रहे हैं और उनका काम सिर्फ एक है – ये पता करना कि एक बार ईमेल भेज दिया जाता है उसके बाद उसका क्या होता है. कंपनियां जब अपने ग्राहकों को ईमेल भेजती हैं तो वो इसका इस्तेमाल कर सकती हैं. कई बार ऑफिस के अंदर भी ईमेल पर ऐसे ही नजर रखी जाती है. अगर आप क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं तो उसके भी कई एक्सटेंशन हैं जो भेजे गए ईमेल पर नजर रखते हैं. बनानाटैग जैसी कंपनी का यही काम है और मेल भेजते समय सिर्फ इसके 'ट्रैक ईमेल' फीचर को टिक करना होता है. अगर आप और खर्च करने को तैयार हैं तो और भी जानकारी आपको मिल सकती है.

आम तौर पर ईमेल ट्रैक करने की जरुरत कंपनियों को होती है क्योंकि वो ग्राहकों की पसंद को समझने की कोशिश करते हैं. अगर ईमेल पढ़कर आपने उसे किसी को फॉरवर्ड किया तो उसकी भी खबर ऐसे सॉफ्टवेयर के पास पहुंच जाती है. जीमेल इस्तेमाल करने वालों के लिए बूमेरैंग भी इस्तेमाल किया जा सकता है. आपकी जरुरत के लिए 10 ईमेल महीने में आप फ्री ट्रैक कर सकते हैं. अगर आप करीब 325 रुपये महीने खर्च को तैयार हैं तो सभी कंप्यूटर या मोबाइल पर देखे जा रहे ईमेल पर नजर रख सकते हैं. क्रोम ब्राउजर पर मेल2क्लाउड पर आप 14 दिन तक उसके सभी फीचर मुफ्त इस्तेमाल कर सकते हैं. जीमेल के साथ-साथ ये माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक के साथ-साथ भी काम करता है.

यसवेयर और मेलट्रैक भी ऐसे ही सॉफ्टवेयर हैं जो आपके ईमेल पर नजर रखते हैं. बस ध्यान रहे कि अगर आप ऑफिस में हैं तो काम से जुड़े ईमेल को किसी अनजान व्यक्ति को फॉरवर्ड नहीं कीजिये. आजकल स्मार्टफोन के जमाने में मेल फॉरवर्ड करना बहुत आसान है. कहीं ऐसा नहीं हो कि कंपनी को पता चल जाए और आपको नौकरी से हाथ धोना पड़े.

स्मार्टफोन के साथ ये 8 रिस्क पड़ सकता है महंगा

अगर आपको लगता है कि स्मार्टफोन सिर्फ एक फोन है तो ये गलत सोच है. आज के समय में स्मार्टफोन ही सब कुछ है. स्टाइल स्टेटमेंट से लेकर एक ऐसी जगह जहां आप अपने सीक्रेट्स रखते हैं, लेकिन इस डिवाइस के साथ कई बार अनजाने में हम कई बड़े रिस्क ले लेते हैं. तो अब एंड्रॉयड स्मार्टफोन के साथ ना लें ये 8 बड़े रिस्क…

Paypal, ebay और बाकी हैकिंग एप्स में लॉगइन रहना

अगर आप इन सेंसिटिव एप्स में हमेशा लॉगइन रहते हैं तो इन्फॉर्मेशन और पैसे चोरी होने के साथ-साथ फिशिंग अटैक होने का भी खतरा बढ़ जाता है.

शॉपिंग ऑनलाइन एप की जगह ब्राउजर से करना

ब्राउजर में फिशिंग अटैक से सुरक्षा के लिए कोई खास तकनीक नहीं होती. लेकिन शॉपिंग एप्स को इस तरह के स्पैम से बचने के लिए डिजाइन किया जाता है.

Wifi से ऑटोकनेक्ट रहना

लैपटॉप हो या स्मार्टफोन, डिवाइस में मालवेयर आने का  सबसे ज्यादा खतरा रहता है. इसके अलावा, इससे हैकिंग का भी खतरा बढ़ जाता है.

पुराने स्मार्टफोन्स से पूरा डाटा न निकालना

सिर्फ कॉन्टैक्ट डिलीट करना या फैक्टरी रीसेट करने से ही सारा डाटा नहीं जाता. इससे आपकी पर्सनल जानकारी किसी और के साथ शेयर हो सकती है. इसका सबसे अच्छा तरीका है मैनुअली सारा डाटा डिलीट करना.

कई सारे फ्री एप्स डाउनलोड कर लेना

कोई भी फ्री एप डाउनलोड कर ट्राई करने से मालवेयर और डाटा चोरी का खतरा बढ़ जाता है. कई फ्री एप्स डाउनलोड तो हो जाते हैं. उसके बाद In-App खरीदारी महंगी पड़ सकती है. रिव्यू पढ़ने के बाद ही एप डाउनलोड करें.

रिमोट वाइपिंग सॉफ्टवेयर ना रखना

फोन अगर चोरी हो जाए या खो जाए तो इन एप्स की मदद से उसे लोकेट भी किया जा सकता है. अगर ये सॉफ्टवेयर नहीं है तो फोन चोरी होने पर डाटा और पर्सनल इन्फॉर्मेशन चोरी होने का भी खतरा रहता है.

ब्लूटूथ कनेक्शन खुले रखना

ब्लूटूथ कनेक्शन ओपन रखने से मालवेयर का खतरा बढ़ता है. इससे फोन स्लो होने के साथ-साथ फाइल्स करप्ट होने का भी खतरा होता है.

कोई पासवर्ड प्रोटेक्शन नहीं रखना

फोन में पासवर्ड प्रोटेक्शन नहीं रखने से सबसे ज्यादा खतरा फोटोज चोरी होने का रहता है. इसके अलावा बैंक संबंधित जानकारी और जरूरी कॉन्टैक्ट्स भी कुछ सेकेंड्स में चोरी हो सकते हैं. 

‘बेफिक्रे’ के दूसरे पोस्टर में भी रणवीर-वाणी का लिप-लॉक

रणवीर सिंह और वाणी कपूर इन दिनों पेरिस में अपनी आने वाली फिल्म 'बेफिक्रे' की शूटिंग कर रहे हैं. इनकी फिल्म का दूसरा पोस्टर रिलीज हुआ है जिसमें वाणी, रणवीर को गोद में बैठी उन्हें स्मूच करती नजर आ रही हैं. वाणी ने इस पोस्टर को ट्विटर पर शेयर किया है. ट्विटर अकाउंट पर पोस्टर रीलीज करते हुए बतौर कैप्शन लिखा गया है- बी केयरफ्री इन पेरिस. बता दें कि पहले पोस्टर में भी वे स्मूच करते दिखे थे.

यह पहला मौका है जब वाणी और रणवीर की जोड़ी एक साथ फिल्म में रोमांस करती नजर आएगी. खबरे हैं कि इस फिल्म ने दोनों के बीच करीब 23 किस सीन्स देखने को मिलेंगे. इसके अलावा कई लव मेकिंग सीन्स भी फिल्म में देखे जाएंगे, जैसा कि फिल्म के पोस्टर में देखने को मिल रहा है.

पेरिस की पृष्ठभूमि पर आधारित इस लव स्टोरी से आदित्य आठ साल बाद निर्देशन में वापसी कर रहे हैं. उनकी निर्देशित आखिरी फिल्म शाहरूख खान के अभिनय वाली 'रब ने बना दी जोड़ी' थी. आदित्य इससे पहले तीन फिल्में बतौर निर्देशक बना चुके हैं. आदित्य की पहली फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' थी. वहीं उनके निर्देशन में बनी दूसरी फिल्म 'मोहब्बते' थी और तीसरी फिल्म जो उन्होंने बनाई वो 'रब ने बना दी जोड़ी' थी. तीनों फिल्मे सुपरहिट रही है. आदित्य ने तीनों फिल्में शाहरुख खान के साथ बनाई हैं ऐसे में पहली बार वो बिना शाहरुख के फिल्म बना रहे हैं.

वाणी कपूर और रणवीर सिंह दोनों ने अपनी पहली फिल्म यशराज फिल्म्स के लिए ही की थी. लेकिन वाणी, रणवीर और आदित्य पहली बार किसी फिल्म में साथ काम कर रहे हैं.

फिल्म के रीलीज किए गए पिक्चर्स और पोस्टर को देख कर लगता है फिल्म का ज्यादातर हिस्सा पेरिस में ही शूट किया गया है. 'बेफिक्रे' 9 दिसंबर को रिलीज होगी. 

सैक्स प्लैजर है

‘‘और्गेज्म क्या होता है? क्या यह सैक्स से जुड़ा है? मैं ने तो कभी इस का अनुभव नहीं किया,’’ मेरी पढ़ीलिखी फ्रैंड ने जब मुझ से यह सवाल किया तो मैं हैरान रह गई.

‘‘क्यों, क्या कभी तुम ने पूरी तरह से सैक्स को एंजौय नहीं किया?’’ मैं ने उस से पूछा तो वह शरमा कर बोली, ‘‘सैक्स मेरे एंजौयमैंट के लिए नहीं है, वह तो मेरे पति के लिए है. सब कुछ इतनी जल्दी हो जाता है कि मेरी संतुष्टि का तो प्रश्न ही नहीं उठता है, वैसे भी मेरी संतुष्टि को महत्त्व दिया जाना माने भी कहां रखता है.’’

यह एक कटु सत्य है कि आज भी भारतीय समाज में औरत की यौन संतुष्टि को गौण माना जाता है. सैक्स को बचपन से ही उस के लिए एक वर्जित विषय मानते हुए उस से इस बारे में बात नहीं की जाती है. उस से यही कहा जाता है कि केवल विवाह के बाद ही इस के बारे में जानना उस के लिए उचित होगा. ऐसा न होने पर भी अगर वह इसे प्लैजर के साथ जोड़ती है तो पति के मन में उस के चरित्र को ले कर अनेक सवाल पैदा होने लगते हैं. यहां तक कि सैक्स के लिए पहल करना भी पति को अजीब लगता है. इस की वजह वे सामाजिक स्थितियां भी हैं, जो लड़कियों की परवरिश के दौरान यह बताती हैं कि सैक्स उन के लिए नहीं वरन पुरुषों के एंजौय करने की चीज है.

यौन चर्चा है टैबू

भारत में युगलों के बीच यौन अनुभवों के बारे में चर्चा करना अभी भी एक टैबू माना जाता है, जिस की वजह से यह एक बड़ा चिंता का विषय बनता जा रहा है. दांपत्य जीवन में सैक्स संबंध जितने माने रखते हैं, उतनी ही ज्यादा उन की वर्जनाएं भी हैं. एक दुरावछिपाव व शर्म का एहसास आज भी उन से जुड़ा है. यही वजह है कि पतिपत्नी न तो आपस में इसे ले कर मुखर होते हैं और न ही इस से जुड़ी किसी समस्या के होने पर उस के बारे में सैक्स थेरैपिस्ट से डिस्कस ही करते हैं. पुरुष अपनी कमियों को छिपाते हैं. भारत में लगभग 72% स्त्रीपुरुष यौन असंतुष्टि के कारण अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं हैं.

मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि जब भी महिलाएं अपनी किसी समस्या को ले कर उन के पास आती हैं और वजह जानने के लिए उन के सैक्स संबंधों के बारे में पूछा जाता है तो 5 में से 1 महिला इस बारे में बात करने से इनकार कर देती है. यहां तक कि अगली बार बुलाने पर भी नहीं आती. कानूनविद मानते हैं कि 20% डाइवोर्स सैक्सुअल लाइफ में संतुष्टि न होने की वजह से होते हैं. पुरुष अपने साथी को यौनवर्धक गोलियां लेने के बावजूद संतुष्ट न कर पाने के कारण तनाव में रहते हैं. पुरुष अपने सैक्सुअल डिस्फंक्शन को ले कर चुप्पी साध लेते हैं और औरतें अपनी शारीरिक इच्छा को प्रकट न कर पाने के कारण कुढ़ती रहती हैं. वैवाहिक रिश्तों में इस की वजह से ऐसी दरार चुपकेचुपके आने लगती है, जो एकदम तो नजर नहीं आती, लेकिन बरसों बाद उस का असर अवश्य दिखाई देने लगता है.

सैक्स से जुड़ा है स्वास्थ्य

एशिया पैसेफिक सैक्सुअल हैल्थ ऐंड ओवरआल वैलनैस द्वारा एशिया पैसेफिक क्षेत्र में 12 देशों में की गई एक रिसर्च के अनुसार एशिया पैसेफिक क्षेत्र में 57% पुरुष व 64% महिलाएं अपने यौन जीवन से संतुष्ट नहीं हैं. इस में आस्ट्रेलिया, चीन, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, जापान, मलयेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, ताइवान आदि देशों को शामिल किया गया था. यह रिसर्च 25 से ले कर 74 वर्ष के यौन सक्रिय स्त्रीपुरुषों पर की गई थी. सब से प्रमुख बात, जो इस रिसर्च में सामने आई, वह यह थी कि पुरुषों में इरैक्टाइल हार्डनैस में कमी होने के कारण पतिपत्नी दोनों ही सैक्स संबंधों को ले कर खुश नहीं रहते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इरैक्टाइल हार्डनैस का संबंध सैक्स के साथसाथ प्यार, रोमांस, पारिवारिक जीवन व जीवनसाथी की भूमिका निभाने के साथ जुड़ा है. जीवन के प्रति देखने का उन का नजरिया भी काफी हद तक सैक्स संतुष्टि के साथ जुड़ा हुआ है.

सिडनी सैंटर फौर सैक्सुअल ऐंड रिलेशनशिप थेरैपी, सिडनी, आस्ट्रेलिया की यौन स्वास्थ्य चिकित्सक डा. रोजी किंग के अनुसार, ‘‘एशिया पैसेफिक के इस सर्वेक्षण से ये तथ्य सामने आए हैं कि यौन जीवन संतुष्टिदायक होने पर ही व्यक्ति पूर्णरूप से स्वस्थ रह सकता है. आज की व्यस्त जीवनशैली में जबकि यौन संबंध कैरियर की तुलना में प्राथमिकता पर नहीं रहे, पुरुष व महिलाओं दोनों में ही यौन असंतुष्टि उच्च स्तर पर है. इस की मूल वजह अपनी सैक्स संबंधित समस्याओं के बारे में न तो आपस में और न ही डाक्टरों से बात करना है. चूंकि सैक्स संबंधों का प्रभाव जीवन के अन्य पहलुओं पर भी पड़ता है, इसलिए सैक्स के मुद्दे पर बोलने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.’’

जीवन के इस महत्त्वपूर्ण पक्ष को नजरअंदाज कर के युगल जहां एक तरफ तनाव का शिकार होते हैं, वहीं संतुष्टिदायक सैक्स संबंध न होने के कारण उन के जीवन के अन्य पहलू भी प्रभावित होते हैं. स्वास्थ्य के साथसाथ उन की सोच व जीवनशैली पर भी इस का गहरा असर पड़ता है. यौन संतुष्टि संपूर्ण सेहत के साथसाथ प्रेम व रोमांस से भी जुड़ी है.

कम होती एवरेज

कामसूत्र की भूमि भारत में, जहां की मूर्तियों तक पर सदियों पहले यौन क्रीडा से जुड़ी विभिन्न भंगिमाओें को उकेरा गया था, अभी भी अपने यौन अनुभव के बारे में बात करना एक संकोच का विषय है. भारतीय पुरुष के जीवन में सैक्स जीवन की प्राथमिकताओं में 17वें नंबर पर आता है और औरतों के 14वें नंबर पर. आज अगर हम शहरी युगलों पर नजर डालें तो पाएंगे कि वे दिन में 14 घंटे काम करते हैं, 2 घंटे आनेजाने में गुजार देते हैं और सप्ताहांत यह सोचते हुए बीत जाता है कि सफलता की सीढि़यां कैसे चढ़ें. इन सब के बीच सैक्स संबंध बनाना एक आवश्यकता न रह कर कभीकभी याद आ जाने वाली क्रिया मात्र बन कर रह जाता है.

लीलावती अस्पताल, मुंबई के ऐंड्रोलोजिस्ट डा. रूपिन शाह का इस संदर्भ में कहना है, ‘‘प्रत्येक 2 में से 1 भारतीय शहरी पुरुष में पर्याप्त इरैक्टाइल हार्डनैस नहीं होती, फिर भी 40 से कम उम्र के पुरुष अपनी कमजोरी मानने को तैयार नहीं हैं. 40 से कम उम्र की औरतों की सैक्स की मांग अत्यधिक होने के कारण वे एक तरफ जहां अपनी सैक्स संतुष्टि को ले कर सजग रहती हैं, वहीं वे पार्टनर के सुख न दे पाने के कारण परेशान रहती हैं. नीमहकीमों के पास जाने के बजाय डाक्टर व काउंसलर की मदद से यौन संबंधों में व्याप्त तनाव को दूर किया जा सकता है.’’

ड्यूरैक्स सैक्सुअल वैलबीइंग ग्लोबल सर्वे के अनुसार भारतीय पुरुष व महिलाएं अपने सैक्स जीवन से संतुष्ट नहीं हैं. और्गेज्म तक पहुंचना प्रमुख लक्ष्य होता है और केवल 46% भारतीय मानते हैं कि उन्हें वास्तव में और्गेज्म प्राप्त हुआ है, जबकि ऐसी महिलाएं भी हैं, जो यह भी नहीं जानतीं कि और्गेज्म होता क्या है, क्योंकि एक महिला को इस तक पहुंचने में पुरुष से 10 गुना ज्यादा समय लगता है. पुरुष 3 मिनट में संतुष्ट हो जाता है, ऐसे में वह औरत को और्गेज्म प्राप्त होने का इंतजार कैसे कर सकता है. वैसे भी आज भी भारतीय पुरुष के लिए केवल अपनी संतुष्टि माने रखती है.

संवाद व सम्मान आवश्यक

असंतुष्टि की वजह कहीं न कहीं पतिपत्नी के बीच मानसिक जुड़ाव का न होना भी है. आपस में निकटता को न महसूस करना, सम्मान न करना भी उन की संतुष्टि की राह में बाधक बनता है. सैक्स के बारे में खुल कर बात न करना या किस तरह से उस का भरपूर आनंद उठाया जा सकता है, इस पर युगल का चर्चा न करना या असहमत होना भी यौन क्रिया को मात्र मशीनी बना देता है.

अपने साथी से अपनी इच्छाओं को शेयर कर सैक्स जीवन को सुखद बनाया जा सकता है, क्योंकि यह न तो कोई काम है और न ही कोई मशीनी व्यवस्था, बल्कि यह वैवाहिक जीवन को कायम रखने वाली ऐसी मजबूत नींव है, जो प्लैजर के साथसाथ एकदूसरे को प्यार करने की भावना से भी भर देती है.

सैक्सी मसाज थेरैपी

ज्यादातर देखने में आता है कि शादी के कुछ समय बाद पतिपत्नी एकदूसरे से ऊबने लगते हैं. इस का एक कारण होता है अपनी लाइफ को बोरिंग बना देना, उस में किसी भी तरह का रोमांच का न होना. यह आप पर ही डिपैंड करता है कि आप उसे कैसे रोमांचक बनाएं. मसाज थेरैपी एक ऐसा तरीका है, जिस के जरीए आप बोरिंग लाइफ को चटपटा बना सकते हैं और उस में रोमांच भर सकते हैं.

मसाज थेरैपी

मसाज एक ऐसी थेरैपी है, जिस के जरीए आप के शरीर को आराम तो मिलता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन सुचारु रूप से चलने लगता है. यौनांगों व मांसपेशियोें को नया रूप और पोषण मिलता है. नतीजतन सैक्स उत्तेजना बढ़ जाती है.

मसाज करने के टिप्स

ऐसा स्थान चुनें जो रोमांच पैदा कर दे: एकदूसरे से रोमांस करने के लिए आप को सब से पहले एक मुलायम बेड की जरूरत तो होगी ही, लेकिन मसाज करने के लिए जगह फार्म हाउस या कोई फ्लैट ऐसा हो, जहां आप दोनों अकेले हों, तो और भी मजा आ जाएगा. इस के साथ ही अगर आप चाहें तो जमीन पर मैट्स को कई तहों में बिछा कर उस पर अपने पार्टनर को लिटा कर उस के गले, कुहनी व घुटनों के नीचे तकिए रख कर मसाज कर सकते हैं.

सुगंधित तेल का प्रयोग: आप जब अपने हलके और गरम हाथों से पार्टनर के शरीर पर तेल लगाते हैं, तो यह उस के लिए बिलकुल नया अनुभव होता है. तेल आप के हाथों व पार्टनर के बीच घर्षण पैदा कर देता है. आप अपने पार्टनर के थके शरीर व खिंचे मसल्स को रिलैक्स कर देते हैं. मसाज के लिए नारियल, जैतून, तिल के तेल के साथसाथ अन्य सुगंधित तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि सुगंधित तेल इस्तेमाल करते हैं, तो यह सैक्सुअल पावर को और भी अधिक बढ़ा देता है.

शांतिपूर्ण माहौल की व्यवस्था: आप अपने पार्टनर के सामने खुले बाल ले कर व नाइटी पहन कर न जाएं, बल्कि अपने बालों को कस कर बांध लें व टाइट फिटिंग डै्रस पहन कर जाएं. साथ ही, कमरे का वातावरण ऐसा बना दें कि वहां पूरी शांति मिल सके. इस के अलावा आप कम आवाज में संगीत चलाना चाहें तो चला सकती हैं.

शरीर का कोई हिस्सा चुन लें: आप को मसाज करते समय शरीर का कोई हिस्सा या पौइंट चुन लेना चाहिए, जिस से आप उस पर ही ध्यान दे सकें. आप साथी से पूछ कर भी जान सकते हैं कि वह कहां मसाज करवाना पसंद करेगा. इस के बाद मसाज करें.

मूवमैंट के बारे में जान लें: अच्छी मसाज के लिए जरूरी है कि आप को अपनी हथेलियों के मूवमैंट की सही जानकारी हो. इस के लिए आप को सारी जानकारी जुटा लेनी चाहिए.

फीलिंग्स : मसाज करते समय आप को अपना ध्यान इस बात पर भी रखना चाहिए कि आप का पार्टनर उसे कैसे ले रहा है. सैक्स में टच यानी स्पर्श खास रोल अदा करता है. आप के छूने भर से साथी के दिलोदिमाग में सिहरन पैदा हो जाती है. धीरेधीरे सहलाने और स्पर्श करते रहने से प्यार के साथसाथ सैक्स की इच्छा भी बढ़ती जाती है. कभीकभी यह स्थिति आप को औरगेज्म तक भी पहुंचा देती है.

प्रोफैसर सिंह

बहुत जल्द पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्रों को व्याख्यान देते नजर आएंगे. यहां से उन्होंने 1954 में अर्थशास्त्र से एमए की डिगरी ली थी और 3 साल बाद ही यहीं वरिष्ठ व्याख्याता बन गए थे. पंजाब यूनिवर्सिटी के वाइसचांसलर अरुण कुमार ग्रोवर ने मनमोहन सिंह को पढ़ाने का प्रस्ताव दिया तो वे सहर्ष तैयार हो गए.

पढ़ाना एक नेक काम है जिसे अब कभीकभी सीधे चंडीगढ़ जा कर तो कभीकभी वीडियो कौन्फ्रैंसिंग के जरिए मनमोहन सिंह करेंगे. इस से उन पर न बोलने का लगा ठप्पा भी हट जाएगा और वे अपने मन की बात भी छात्रों के साथ साझा कर पाएंगे. ऐसे में पूर्व अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री का यह फैसला स्वागतयोग्य है.

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