पांच विकासशील देशों का समूह ‘ब्रिक्स’, बैंक के बाद अब क्रेडिट रेटिंग फर्म खोल सकता है. इसका उद्देश्य पश्चिमी देशों के फाइनैंस के क्षेत्र में एकाधिकार को खत्म करना होगा. 'क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फॉर इमर्जिंग मार्केट ' नाम से इसकी शुरूआत अक्टूबर में भारत में होने वाली ब्रिक्स समिट में होने की उम्मीद है. ब्रिक्स के एक अधिकारी के अनुसार ब्रिक्स देशों- भारत, रुस, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच इस विषय पर बातचीत पहले से चल रही है.

इसके अलावा समिट में भारत में एनडीबी इंस्टिट्यूट बनाने के प्रस्ताव पर भी बात होगी. यह इंस्टिट्यूट न्यू डेवलपमेंट बैंक( एनडीबी ) के लिए रिसर्च और प्रोजेक्ट ढ़ूढ़ने का काम करेगा. इस बैंक की शुरूआत 100 बिलियन डॉलर की पूंजी के साथ हुई है. रेटिंग के क्षेत्र में मूडीज, फिच और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स का 90 प्रतिशत का मार्केट है.

वित्तीय रुप से उभरते हुए देशों का पश्चिमी रेटिंग एजेंसियों पर विकसित देशों की तरफ झुकाव का आरोप रहा है. चीन और रूस इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. साथ ही यह एजेंसी विकसित हो रहे देशों में विकास के कार्यों का मूल्यांकन भा करेगी.

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