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भारत को मिला विश्व बैंक का साथ

विश्व बैंक ने सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को अब का सबसे बड़ा एक अरब डॉलर का कर्ज दिया है. भारत की यात्रा पर आए विश्व बैंक के प्रमुख जिम योंग किम गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और यह जानकारी दी. पीएम मोदी से किम की मुलाकात पोषण और नवीकरण ऊर्जा पर भारत सरकार की पहल को समर्थन देने के लिये हुई.

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने स्मार्ट सिटी, गंगा के पुनरोद्धार, कौशल विकास, स्वच्छ भारत तथा सबके लिए बिजली जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में विश्व बैंक के सतत सहयोग पर प्रसन्नता जाहिर की. विश्व बैंक प्रमुख किम ने एक तरफ मोदी सरकार की जमकर तारीफ की तो दूसरी तरफ रघुराम राजन को भी अच्छा गवर्नर बताया. किम ने कहा कि दो साल में हिंदुस्तान की प्रगति देखकर वो हैरान हैं. बैंक ने इंटरनेशनल सोलर एसोसिएशन (आईएसए) के साथ समझौते पर भी हस्ताक्षर किए.

‘खेलों के महाकुंभ’ में अब क्रिकेट भी!

ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किए जाने की बात लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है. लेकिन लगता है कि जल्द ही ओलंपिक में क्रिकेट भी शामिल हो जाएगा.

एडिनबर्ग में चल रही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में सूत्रों के हवाले से प्राप्त खबर के मुताबिक 2024 के ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है. ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करना तभी संभव हो सकेगा जब रोम या पेरिस को इसका आयोजन मिलेगा.

ओलंपिक 2024 की मेजबानी के लिए पेरिस, लॉस एजेंलिस और बुडापेस्ट के अलावा रोम भी दौड़ में शामिल है. नए नियम के अनुसार ओलंपिक में पांच और खेलों को जगह दी जा सकती है.

इटली क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि वो जिन पांच अन्य खेलों को इसमें जगह देंगे उनमें से एक क्रिकेट है. रोम के अलावा फ्रांस क्रिकेट समिति की भी यही कोशिश है.

इटली क्रिकेट महासंघ के अध्यक्ष सिमोने गामबिनो ने कहा, ‘अगर रोम को ओलंपिक की मेजबानी मिलती है तो क्रिकेट को शामिल किया जाएगा. संगठन समिति से हमें इस मामलें में समर्थन हासिल है.’

गोल्ड के लिए होगा 12 टीमों के बीच मुकाबला

अगर रोम को मेजबानी मिलती है तो बोलोंना में मैच खेले जाएंगे. कौन-कौन से देश इसमें हिस्सा लेंगे यह अभी तय नहीं है. ऐसी चर्चा है कि इसमें कुल 16 टीमें हिस्सा लेंगी, हालांकि ऐसी भी संभावना है कि सिर्फ 12 टीमों को ही इसमें शामिल किया जा सकता है.

अगर 12 टीमें इसमें हिस्सा लेंगी तो तीन टीमें यूरोप, दो टीमें अफ्रीका, दो या तीन टीमें अमेरिका और कैरिबिया से और दो या तीन टीमें साउथ पेसिफिक क्षेत्र से हो सकती हैं. यह भी संभावना है कि क्रिकेट के कई जाने माने देश जिनमें इंग्लैंड भी शामिल है, इस ओलंपिक में हिस्सा न ले पाएं.

ऐंड्रॉयड के अगले वर्जन के रहस्य से उठा पर्दा

गूगल ने ऐंड्रॉयड के अगले वर्जन के नाम का खुलासा कर दिया है. अभी तक ऐंड्रॉयड N के नाम से जाने जा रहे डिवेलपर वर्जन में N को नूगट (Nougat) से लिया गया है. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि N को न्यूटेला से लिया गया है. यानी ऐंड्रॉयड के अगले ऑफिशल वर्जन का नाम ऐंड्रॉयड 7.0 नूगट होगा.

इस साल I/O डिवेलपर कॉन्फ्रेंस में गूगल ने 'ऐंड्रॉयड N' का नाम रखने के लिए कॉन्टेस्ट का ऐलान किया था. गौरतलब है कि ऐंड्रॉयड के वर्जन्स का नाम चर्चित डिजर्ट्स (मिठाइयों) के नाम पर रखा जाता है. लेटेस्ट वर्जन का नाम यूरोप की लोकप्रिय मिठाई 'नूगट' के नाम पर रखा है. नूगट को भुने हुए मेवों और शहद या शक्कर से बनाया जाता है.

गूगल ने ऐंड्रॉयड N को मार्च में डिलेपर्स प्रिव्यू के लिए लॉन्च किया था. ऐंड्रॉयड के इस वर्जन में कई नए फीचर ऐड किए गए हैं. यूजर्स को एक ही विंडो में कई सारे ऐप्स खोलने की सुविधा मिलेगी. दो ऐप्स स्प्लिट-स्क्रीन मोड में खोले जा सकेंगे, जिससे मल्टीटास्किंग आसान हो जाएगी. उदाहरण के लिए यूजर विडियो देखते हुए ट्वीट्स भी कर पाएगा.

ऐंड्रॉयड के नए वर्जन में क्विक सेटिंग्स का भी फीचर है, जिससे यूजर्स को एक ही स्क्रीन पर 9 टॉगल्स मिलते हैं. और टॉगल्स के लिए स्क्रीन को दाहिनी तरफ स्वाइप करना होगा. मार्शमैलो में लॉन्च किया गया डोज (Doze) फीचर भी इंप्रूव किया गया है.

ऐंड्रॉयड 7.0 में डोज न सिर्फ उस वक्त काम करेगा, जब फोन इस्तेमाल न हो रहो हो, बल्कि स्क्रीन ऑफ होने पर भी यह काम करेगा. इससे बैटरी लाइफ बढ़ेगी.

इसमें एक और फीचर यह है कि आप सिस्टम लेवल पर फोन नंबर्स को ब्लॉक कर पाएंगे. यह काम डायलर जैसे ऐप्स से ही किया जा सकेगा. अब किसी नंबर को सिस्टम लेवल पर ब्लॉक किया जाता है, अन्य ऐप्स भी इसे ब्लॉक कर देंगे.

तो नहीं बिका माल्या का जेट

संकट में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या से धन की वसूली का एक और प्रयास विफल हो गया है. माल्या के निजी जेट विमान की नीलामी के लिए सिर्फ 1.09 करोड़ रुपये की बोली लगी जो विमान के आरक्षित मूल्य 152 करोड़ रुपये के 1% से भी कम है.

विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस विमान के लिए आरक्षित मूल्य 152 करोड़ रुपये रखा गया था. संयुक्त अरब अमीरात की विमान सपॉर्ट कंपनी अल्ना एरो डिस्ट्रब्यिूशनल फाइनेंस होल्डिंग्स ने इसके लिए सिर्फ 1.09 करोड़ रुपये की बोली लगाई. कंपनी ने नीलामी के नियमों के तहत एक करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जमा कराई थी.

इस विमान को सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने दिसंबर, 2013 में कुर्क किया था. विभाग को माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस से 800 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स वसूलना है. विभाग के आधिकारिक नीलामीकर्ता एमएसटीसी ने गुरुवार शाम ई-नीलामी का आयोजन किया था.

सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया, 'कंपनी ने 152 करोड़ रुपये की रिजर्व प्राइस के मुकाबले 1.09 करोड़ रुपये का ऑफर दिया. चूंकि, रिजर्व प्राइस से बहुत कम की बोली लगाई गई, इसलिए हमने इस ऑफर ठुकरा दिया.'

अधिकारी ने कहा कि अगली बार सरकार की मर्जी के मुताबिक या तो सिर्फ घरेलू उड्डयन कंपनी की नीलामी की जाने की कोशिश होगी या फिर रिजर्व प्राइस को कम कर दिया जाएगा.

वर्किंग वुमन के लिए खुशखबरी

श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि निजी क्षेत्र सहित सभी प्रतिष्ठानों को एक नये विधेयक के तहत अपनी महिला कर्मचारियों को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश उपलब्ध कराना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को आगामी सत्र में पेश करने की योजना बना रही है.

सरकारी कर्मचारियों के लिए 26 सप्ताह या छह महीने के मातृत्व अवकाश का प्रावधान पहले ही है. वहीं निजी क्षेत्र की कंपनियां अधिकतम तीन महीने के अवकाश की पेशकश करती हैं. वहीं बहुत से छोटे संस्थानों में ये लाभ भी नहीं दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि नये मातृत्व लाभ विधेयक में मातृत्व अवकाश को मौजूदा 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का प्रस्ताव है और केंद्रीय मंत्रिमंडल इसे मंजूरी के लिए शीघ्र ही विचार करेगा. मंत्री ने कहा कि मंत्रालय इस विधेयक को संसद के मॉनसून सत्र में पारित करवाना चाहेगा.

हालांकि श्रम मंत्री कामकाजी महिलाओं को घर से काम करने का विकल्प उपलब्ध कराने को अनिवार्य बनाने को एक तरह से खारिज करते नजर आए. दत्तात्रेय ने कहा, कुछ प्रतिष्ठान हैं जहां उन्हें घर से काम करने की अनुमति मिल सकती है. लेकिन अन्य प्रतिष्ठानों में उन्हें इस कानून में संशोधन के बाद 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की सुविधा मिलेगी.

मंत्री से पूछा गया कि श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए घर से काम करने की अवधारणा को प्रोत्साहित करने के लिए उनका मंत्रालय क्या कदम उठा रहा है. पिताओं के लिए पितृत्व लाभ व अन्य लाभों के बारे में मंत्री ने कहा, 'यह विधेयक माताओं व बच्चों के बारे में है. यह पुरूषों (पिताओं) के लिए नहीं है.'

VIRAL VIDEO: क्या गरीब बच्चों से ऐसे पेश आते हैं लोग

अमीर बच्चों और गरीब परिवार से संबंध रखने वाले बच्चों के प्रति समाज कैसा व्यवहार करता है इसे जानने के लिए यूनाइटेड नेशंस की संस्था यूनिसेफ ने एक सोशल एक्सपेरिमेंट किया है. इस सोशल एक्सपेरिमेंट की वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. वीडियो समाज के एक बेहद क्रूर सच को सामने लाता है जिसे देखकर आप भी चौंक जाएंगे.

यूनिसेफ की इस वीडियो में 7 साल की 'अनानो' ने एक्टिंग की है. वीडियो को यूनिसेफ ने जॉर्जिया की राजधानी तबिलिसी में शूट किया है. वीडियो में अनानो को पहले अच्छे कपड़े पहनाकर सड़क पर छोड़ दिया जाता है और बाद में थोड़े गंदे कपड़ों में उसी जगह पर छोड़ दिया जाता है.

बता दें कि वीडियो शूट के दौरान अनानो लोगों का व्यवहार देखकर काफी दुखी हो गई थी. अनानो के मुताबिक गरीब बच्चों के प्रति लोगों का व्यवहार देखकर वो चौंक गई है.

क्या आप इस वीडियो में सलमान खान को पहचान सकते हैं…?

ल्मकार कैलाश सुरेंद्रनाथ द्वारा अपलोड किये गए इस वीडियो में सन 80 और 90 का वो समय दिखाया गया है, जब भारत तेज़ी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा था. 35 साल पुराने इस विज्ञापन में जैकी श्रॉफ की पत्नी आयशा श्रॉफ और शिराज़ मर्चेंट जैसे कई जाने-माने लोग देखे जा सकते हैं.

आपको जान कर हैरानी होगी कि 1983 के इस विज्ञापन में 15 साल के सलमान भी हैं. ये उनका पहला एड था. पहली बार कैमरा फेस करते हुए सलमान को पहचानना आपके लिए मुश्किल हो सकता है.

इस वीडियो को देख कर बताएं आप सलमान को पहचान पाए या नहीं?

बसपा में बवाल से भाजपा खुशहाल

बहुजन समाज पार्टी से छोटे बडे नेताओं का पलायन जारी है. आने वाले दिनों में यह परेशानी और बढ़ सकती है. बसपा में मचे तूफान से पार्टी की चुनावी बढ़त पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गये हैं. बसपा के घर में मचे बवाल से विरोधी दलों में खुशहाली का माहौल है. सबसे बड़ी खुशी भारतीय जनता पार्टी खेमे में महसूस की जा रही है. बसपा के दलित और अति पिछडा वोट बैंक पर भाजपा की कड़ी नजर लगी है. चुनावी लाभ के लिये दलित और अति पिछड़ वर्गों को भाजपा अपने साथ जोड़ने की लंबी योजना पर काम कर रही है.

उत्तर प्रदेश के चुनावों में मुख्य मुकाबला सपा और बसपा के बीच था. भाजपा यहां पर तीसरे नम्बर की पार्टी बनकर रह रही है. भाजपा को अगर मुख्य लडाई में आना है तो उसे बसपा या सपा मे से  किसी एक के उपर आना होगा. दल बदल के आइने से देखे तो बसपा में टूटन नई बात नहीं है. हर टूट के बाद बसपा मजबूत होती रही है.

बसपा के लिये परेशानी वाली बात यह है कि पहले अगडी जातियों के नेताओं की अगुवाई में दूसरे लोग दलबदल कर पार्टी की टूट का रास्ता बनाते थे. अब दलित वर्ग के नेता ही बसपा को तोड रहे हैं. यह बसपा में दूसरी जातियों के नेताओं में बढती की महत्वाकांक्षा के कारण हो रहा है. विरोधी दलों ने हमेशा बसपा की तोडफोड में अहम भूमिका अदा की है. ऐसे में 2017 के विधानसभा चुनावों के पहले हो रही भगदड के पीछे भी ऐसे कारणों से इंकार नही किया जा सकता है.

बसपा के नेताओं का मानना है कि बसपा छोडने के बाद बसपा नेताओं की सबसे पहली पसंद भाजपा होती है. बाबू सिंह कुशवाहा से लेकर जुगुल किशार और ब्रजलाल तक भाजपा खेमे में जुडे. बाबू सिंह कुशवाहा को लेकर भाजपा में विरोध के बाद फैसला वापस हुआ फिर बाबू सिंह कुशवाहा ने अपना नया दल बनाया.

बसपा से अगल हुये स्वामी प्रसाद मौर्य और आरके चौधरी भाजपा के संपर्क में हैं. समय और हालात देखकर भाजपा हरी झंडी दिखायेगी. भाजपा की चुनावी रणनीति है कि वह सपा को हराने वाली पार्टी के रूप में लोगों की निगाह में अपना स्थान बना ले. भाजपा यह मान रही है कि प्रदेश की जनता सपा के शासन में बने जंगल राज से परेशान है. वह सपा को हराने वाली पार्टी को ही वोट देना पसंद करेगी. भाजपा के चुनाव  में लगे हर नेता का यह बयान आ रहा है कि भाजपा ही सपा को हटा सकती है. इसकी वजह यह है कि जनता सपा को हराने के लिये भाजपा को वोट दे.

मायावती की पार्टी बसपा चुनाव के पहले मची भगदड से मनोवैज्ञानिक रूप से टूट जाये जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा. भाजपा इस भगदड को और भी अहम बनाकर बसपा के वोटबैंक को यह बताने की कोशिश में यह कि सपा का हराने में केवल भाजपा ही सफल हो सकती है. भाजपा और बसपा 1998 से 2003 तक 3 बार एक दूसरे के सहयोग से सरकार भी चला चुके हैं. ऐसे में दोनो पार्टियों के नेताओं में आपसी बातचीत होती रहती है. जिससे किसी भी काम को करना सरल होता है.

बीवी को मजा देने के लिए 7 दिनों में एक बार सैक्स की गोली खाता हूं. क्या यह ठीक है.

सवाल

मैं 39 साल का हूं और मेरी बीवी 20 साल की है. मेरी सेहत अच्छी है, पर बीवी को पूरा मजा देने के लिए 7 दिनों में एक बार सैक्स की गोली खाता हूं. क्या यह ठीक है?

जवाब

बेवजह सैक्स की दवाएं खाना सेहत के लिए घातक होता है. 19 साल छोटी बीवी को बगैर दवा के भी खुश किया जा सकता है.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

मैं एक शादीशुदा टीचर को 20 सालों से चाहता हूं. यह रिश्ता जिंदगीभर चलना चाहिए या नहीं.

सवाल

मैं 40 साल का शादीशुदा हूं और 40 साल की ही एक शादीशुदा टीचर को 20 सालों से चाहता हूं. हम आज भी एकदूसरे को चाहते हैं. यह रिश्ता जिंदगीभर चलना चाहिए या नहीं?

जवाब

चाहत में हर्ज नहीं है, बस सामाजिक मर्यादा का खयाल रखना जरूरी है. जाहिर है कि आप दोनों के पार्टनर को भी इस बारे में जानकारी होगी, इसलिए चाहत में सीमा पार करने से बचें.

 

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