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‘ट्यूबलाइट’ का फर्स्ट लुक रिलीज

अपनी फिल्म 'सुल्तान' से बॉक्स ऑफिस पर तमाम रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अब सलमान खान ने अपनी अगली फिल्म 'ट्यूबलाइट' की शूटिंग शुरू कर दी है. फिल्म के डायरेक्टर हैं कबीर खान जिनके साथ सलमान 'एक था टाइगर' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके हैं.

'ट्यूबलाइट' की शूटिंग लेह और लद्दाख की खूबसूरत वादियों में हो रही है, जहां कबीर ने शेयर किया है फिल्म का फर्स्ट लुक. शेयर की गई फोटो में सलमान एक फौजी की कॉस्ट्यूम पहने नजर आ रहे हैं. कंधों पर बंदूक और बैग टांगे सलमान का किरदार फिल्म के लिए अभी से एक्साइटेड कर रहा है.

क्या सलमान वाकई में ही फौजी का किरदार निभा रहे हैं या सिर्फ एक सीन के लिए उन्होंने ऐसे कपड़े पहने, इस सवाल का जवाब मिलने में अभी वक्त लगेगा.

अब बंद नहीं होगा ताजमहल

पिछले दिनों पूरे आगरा शहर और दिल्ली के कई मैट्रो स्टेशनों पर ‘23 सितंबर 2016 से ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद’ के पोस्टर लगने के बाद सनसनी मच गई थी. दरअसल यह 23 सितंबर को रिलीज हो रही श्रेयस तलपड़े की फिल्म ‘वाह ताज’ की पब्लिसिटी के लिए उठाया गया कदम था.

इस पोस्टर को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि आगरा में फिल्म के कलाकारों और बनाने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. तक दर्ज करा दी गई. मगर आगरा में इस फिल्म के पोस्टर लांच के मौके पर फिल्म के निर्माता पवन शर्मा, प्रस्तोता जयंतीलाल गाडा, निर्देशक अजित सिन्हा और हीरो श्रेयस तलपड़े ने जनता से माफी मांगते हुए कहा कि हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं बल्कि इस मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करना था.

श्रेयस बताते हैं कि इस फिल्म में वह महाराष्ट्र के एक किसान तुकाराम बने हैं जो एक दिन आगरा पहुंच जाता है और कहता है कि ताजमहल जिस जमीन पर बना है, वह उसकी है.

श्रेयस के मुताबिक यह फिल्म अपने यहां के सिस्टम पर कमेंट करती एक व्यंग्य फिल्म है जो हंसते-हंसाते कुछ गंभीर मैसेज देने की कोशिश कर रही है.

30 मिनट फोन बंद रखने के फायदे

आजकल प्रत्येक यूजर को अपने स्मार्टफोन से चिपके रहने की आदत हो गई है. लेकिन एक्सेलिओन कंपनी के सीईओ योर्गन एडहोल्म ने दिन में रोज कम से कम 30 मिनट स्मार्टफोन बंद रखने की सलाह दी है.

एक्सेलिओन कंपनी मोबाइल के लिए सिक्योर फाइल शेयरिंग का काम करती है. दिन में 30 मिनट के लिए फोन बंद रखने के योर्गन ने कई फायदे बताए हैं. उनका कहना है कि स्मार्टफोन मेंटेनेंस से लेकर यूजर की हेल्थ तक पर बहुत असर डालता है.

इसके अलावा कई हेल्थ एक्सपर्ट्स कहा भी यही कहना है. हालांकि यदि दिन में 30 मिनट भी आप फोन बंद रखते हैं तो ये फायदे होंगे.

बैटरी लाइफ बढ़ेगी

स्मार्टफोन को बंद करने या उसे हाइबर्नेट मोड पर रखने से बैटरी लाइफ पर असर पड़ता है. ऐसा करने पर सभी बैग्राउंड एप्स एकबार के लिए बंद हो जाते हैं. इस वजह से उसकी बैटरी बचती है.

दिमाग करेगा सही काम

दिमाग कभी भी मल्टीटास्क नहीं होता बल्कि वो कई कामों के बीच में स्विच करता है. ऐसे में स्मार्टफोन कुछ देर के लिए बंद करने से दिमाग को शांति मिलेगी.

ओवरहीटिंग से बचेगा

मोबाइल फोन यदि ओवरहीटिंग की समस्या से जूझ रहा है तो इसके कई कारण हो सकते हैं. ऐसे में हैंडसेट के ज्यादा गर्म होने पर उसें कुछ देर के लिए बंद करना एक अच्छा उपाय है.

समस्या का होगा समाधान

लगातार स्मार्टफोन का यूज करने पर दिमाग थक जाता है. इस वजह से किसी भी समस्या का समाधान निकालने में दिक्कत होती है. इसलिए फोन को 30 मिनट के लिए बंद करने से दिमाग को शांति मिलेगी और उस काम को सॉल्व करने में मदद मिलेगी.

कॉन्सन्ट्रेशन बढ़ेगा

एक रिसर्च के मुताबिक 61 फीसदी स्मार्टफोन यूजर्स नोटिफिकेशन देखे बिना नहीं रह सकते. इस वजह से किसी काम के लिए कॉन्सन्ट्रेशन नहीं हो पाता. ऐसे में फोन को कुछ देर के लिए बंद कर देने से कॉन्सन्टे्रशन बढ़ेगा.

सही काम करेगा स्मार्टफोन

यदि आप फोन बंद नहीं करना चाहते तो उसें एक निश्चित समय पर रीबूट कर लें. ऐसा करने पर उसके बैकग्राउंड में चलने वाले एप्स बंद हो जाएंगे और सभी अपडेटेड फीचर्स सही तरह से काम करने लगेंगे.

पैसों के लिए अपनों का खून

आपराधिक घटनाएं कई बार जीवन की उलझनों का आईना बन जाती हैं. दिल्ली में 2 बेटों और 1 पोते द्वारा अपने 88 साल के पिता और 50 साल की अनब्याही बहन की गला घोट कर हत्या कर देने वाली घटना जीवन की समस्याओं को भी उजागर करती है. पिता के पास एक मकान था जो शायद क्व1-1.5 करोड़ का होता, वे उसे अपनी अनब्याही 50 साला बेटी को दे कर मरना चाहते थे ताकि मरने तक बेटी सुरक्षित रहे. यह समस्या का एक पहलू है कि यदि समय पर लड़कियां विवाह न करें और पति व बच्चों वाली न हों तो मातापिता के लिए बोझ बनी रहती हैं. जाहिर है कि मृतक के दोनों बेटे जो खुद 60 व 57 साल के होने लगे थे, अपने हाथों से संपत्ति निकलते नहीं देख सकते थे.

बेटियों के लिए समस्या एक और पहलू है. जब आयु हो तब विवाह न करना घर वालों पर एक गहरा मानसिक बोझ बना रहता है. उन के लिए 50 साला औरत एक सहारा नहीं बन पाती. उस से छुटकारा पाने के लिए हत्या तक की साजिश रची जा सकती है.

हत्या करने वाले बेटों में से एक पर कर्ज का बोझ था जिसे वह पिता के मकान को बेच कर चुकाना चाहता था. यह कर्ज उस ने अपनी बेटी के विवाह के लिए लिया था, जिस ने भाग कर विवाह किया था पर बाद में शायद पिता को बाजेगाजे के साथ विदा करना पड़ा था. इस मामले ने हो सकता है उसे सभी संबंधों के प्रति उदासीन बना दिया हो तभी अपना बोझ हलका करने के लिए पिता व बहन की हत्या करने में उसे कुछ भी गलत नजर नहीं आया. बेटियों का हक बेटों को कितना खलता है, यह भी इस अपराध से झलकता है. संपत्ति पिता की थी और तर्क की दृष्टि से यह उन की मरजी थी कि वे संपत्ति 2 बेटियों में बांटते या सब में या फिर उन बेटों को देते जो तंगी में थे. आज भी बेटे यही सोचते हैं कि सारी संपत्ति पर उन का ही हक है. बहन को हिस्सा देने की सुनते ही उन के दिल पर सांप लोटने लगते हैं और आंखों में खून उतर आता है. यह मामला चाहे अपराध का ही हो पर साफ है कि सामाजिक व पारिवारिक आर्थिक बोझ कई बार इतना ज्यादा हो जाता है कि लोग परिणाम की चिंता करना ही छोड़ देते हैं. अपराध करने वालों को यह तो मालूम होता ही है कि पकड़े गए तो जो पाना चाहा वह तो हाथ में आने से रहा, जो है वह भी फिसल जाएगा.

अब पिता की आयु के 2 प्रौढ़ व उन का एक युवा बेटा जेल की सीखचों में बंद हैं. घर अब अपराध की जगह होने के कारण 8-10 साल बंद रहेगा. 2 घरों के लोग पैसेपैसे को मुहताज हो जाएंगे. पारिवारिक समस्याओं को सुलझाने की जगह पारिवारिक दुख इतना बढ़ेगा कि न जाने कितने और अवसाद, गरीबी व उलझनों के शिकार बन कर रह जाएं. परिवार छत और सुरक्षा प्रदान करता है. उसे तोड़ कर हाथ में केवल गुस्सा व दुख ही मिलेंगे. अगर हत्या तक भी न पहुंचें तो भी परिवार की कीमत पर सुखों को ढूंढ़ने वाले अंतत: दुखी ही रहते हैं, यह अपराध की इस घटना से साफ है

अब पानी से भी चार्ज होगा आपका फोन

सुनने में भले ही यह अजीब लगे कि पानी से मोबाइल चार्ज किया जा सकता है, लेकिन अब एक ऐसी तकनीक खोज निकाल ली गई है. थॉमस किम नाम के एक यूट्यूबर ने पानी से मोबाइल फोन चार्ज करने का यह अनोखा तरीका निकाला है.

थॉमस अपने नए इनोवेशन्स को यूट्यूब पर अपलोड करते हैं. उनकी तुलाना आप डिस्कवरी के शो मैन वर्सेड वाइल्ड वाले बेयर ग्रिल्स से की जा सकी है. उनके हाल ही में अपलोड किए गए वीडियो में वो अपना आईफोन पानी से चार्ज करते दिख रहे हैं.

थॉमस के वीडियो को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने यह कारनामा कैसे किया है. यह वैसा ही कॉन्सेप्ट है जो दुनिया भर में हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम में यूज होता है. इसे आप छोटा वर्जन कह सकते हैं.

इसमें पानी का झरना वाटर व्हील को घुमा एक जनरेटर में पावर स्टोर करता है. इसके बात किम ने इस पावर का यूज अपने आईफोन को चार्ज करने में किया. इतना ही नहीं बल्कि इसके जरिए उन्होंने एलईडी भी जलाकर दिखाया है.

ऐसे बनाया पानी से मोबाइल चार्ज करने वाला उपकरण

थॉमस ने अपनी इस अनोखी इस तकनीक में उन्होंने प्लास्टिक बॉटल, डिस्पोजेबल प्लैटर, थ्री फेज स्टेपिंग मोटर और रेक्टिफायर सर्किट का यूज किया है. हालांकि इस चीज को इलेक्ट्रिक इंजीनियर बेहतर तरीके से समझ सकते हैं, लेकिन वीडियो से कमोबेश आपको अंदाजा हो जाएगा कि यह कैसे काम करता है.

3 सेकेंड में चार्ज करिए फोन की बैटरी

फोन चार्ज करने के लिए आपको कितना समय लगता है? कम से आधा घंटा! और अगर फोन बिलकुल डिस्चार्ज हो तब आधे घंटे से ज्यादा का समय लग सकता है. लेकिन यदि कोई जल्दी में हो तो? तो आप इतना समय स्मार्टफोन चार्जिंग को नहीं दे सकते हैं.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि 3 सेकेंड में आप अपना फोन कैसे चार्ज कर सकते हैं. 3 सेकंड में फोन चार्ज करना बेहद ही आसान है. इसके लिए आपको जरुरत होगी सिर्फ एक माइक्रोवेव की.

माइक्रोवेव

3 सेकंड्स में फोन चार्ज करना बेहद ही आसान है. लेकिन इसके आपको जरुरत होगी एक माइक्रोवेव की.

फोन को माइक्रोवेव में रखें

अपने लो बैटरी वाले फोन को 3 सेकंड्स के लिए माइक्रोवेव में रखें.

50-60 प्रतिशत चार्ज

3 सेकंड्स बाद आप देखेंगे कि आपका फोन 50-60% चार्ज हो चुका है.

सावधान रहें

इस ट्रिक को करते हुए आपको सावधान रहने कि भी जरुरत है. फोन को अधिक चार्ज करने के लालच में यूज़ 3 सेकंड्स से ज्यादा माइक्रोवेब में न रखें.

भूत के डर से घाटे में बेच दिया घर

मशहूर फुटबॉलर डेविड बेकहम फ्रांस के साउथ ऑफ फ्रांस मैंनेस में मौजूद अपने घर को बेचने जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि डेविड इस घर को इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि इस घर में भूत है.

डेविड बेकहम ने इस घर को साल 2003 में 13 करोड़ रुपये में खरीदा था. जबकि 40 करोड़ से ज्यादा खर्च घर को आधुनिक रूप देने पर खर्च किया था. लेकिन डेविड अब अपने इस बंगले को आधी कीमत पर बेचने को मजबूर हैं.

विक्टोरिया को पसंद था घर

डेविड के पड़ोसियों का कहना है कि इस घर में पुराने मालिक की आत्मा रहती है. घर खरीदते समय बेकहम परिवार को इस बात का पता नहीं था. घर खरीदने के कुछ ही दिन बाद उन्हें पता चला कि इस घर में भूत है. डेविड ने यह घर अपनी पत्नी विक्टोरिया के कहने पर लिया था. लेकिन जब विक्टोरिया को यह बात पता चली तो उन्होंने इस घर में रहने से साफ इनकार कर दिया.

दोस्तों के घर रुकते हैं बेकहम

बेकहम के जानने वालों को कहना है कि वह जब भी अपने परिवार के साथ फ्रांस आते हैं तो इस घर में रुकने के बजाय अपने दोस्तों के यहां रहते हैं. बेकहम दंपत्ति ने इस घर को आधुनिक रूप देने के लिए 40 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की थी. इस घर के अलावा डेविड बेकहम का लंदन और लॉस एंजेलिस में भी घर है.

छह बेडरूम वाला आलीशान घर

इस घर में छह बड़े कमरे हैं. तीन रिसेपशन रूम, चार बाथरूम, नौकरों का कमरा और एक विशाल स्विमिंग पूल है. बेकहम का यह बंगला 200 एकड़ के इलाके में फैला हुआ है.

घर में पुराने मालिक की आत्मा!

डेविड के पहले इस घर में रिटायर्ड यूरोपीय राजदूत लेस्ली डक और उनकी पत्नी कैथरीन डे चार्मर रहते थे. दोनों ही काफी जिंदादिल थे. घर पर मेहमानों का आना जाना लगा रहता था. लेस्ली को अपना घर बेहद पसंद था इसलिए वह हमेशा पार्टी का बहाना ढूंढते रहते थे.

लोगों को इकट्ठा कर लेस्ली अपने हीरो पीयरे चार्ल्स की कहानियां सुनाया करते थे. चार्ल्स फ्रांस की सेना में नेपोलियन के समय सेना प्रमुख था. लेकिन उसने हार से बचने के लिए आत्महत्या कर ली थी.

पड़ोसियों ने देखा भूत

2001 के आसपास लेस्ली बीमार रहने लगे. उसके शरीर ने काम करना बंद कर दिया. वह हर काम के लिए अपनी बीवी पर निर्भर हो गए. लेकिन लेस्ली को यह मंजूर नहीं था. वह किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते थे. लेस्ली के लिए ऐसी जिंदगी हार की तरह थी.

इसलिए एक दिन अपने हीरो चार्ल्स की तरह उन्होंने भी खुद को गोली मार ली. लेस्ली की मौत के बाद कैथरीन भी वहां से चली गई. लेकिन पड़ोसियों का दावा है कि उन्होंने कई बार लेस्ली जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति को घर की छत और खिड़की पर खड़े देखा है.

अब पीएफ गिरवी रखकर ले सकेंगे घर

एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) जल्द ही अपने चार करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के लिए प्रविडंट फंड गिरवी रखकर लो-कॉस्ट घर खरीदने की एक स्कीम ला सकता है. इस स्कीम में पीएफ अकाउंट से ईएमआई चुकाने की सुविधा भी मिल सकती है.

लेबर सेक्रटरी शंकर अग्रवाल ने बताया, ‘हम ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स के लिए एक हाउसिंग स्कीम पर काम कर रहे हैं. इसके तहत सब्सक्राइबर्स को अपने पीएफ अकाउंट में जमा रकम गिरवी रखकर घर खरीदने की अनुमति मिलेगी.’ स्कीम के तौर-तरीकों पर विचार किया जा रहा है. इनमें लोन के लिए सब्सक्राइबर्स की पात्रता और लो-कॉस्ट हाउस की परिभाषा जैसी बातें शामिल होंगी.

पिछले वर्ष 16 सितंबर को हुई सीबीटी की मीटिंग में ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए लो-कॉस्ट घर खरीदने के प्रपोजल पर विचार किया गया था. मीटिंग के दौरान सब्सक्राइबर्स के लिए हाउजिंग की सुविधा पर बनी एक्सपर्ट कमिटी की एक रिपोर्ट भी पेश की गई थी. कमिटी ने एक ऐसी स्कीम का सुझाव दिया था जिसमें सब्सक्राइबर्स को घर खरीदने के लिए पीएफ अकाउंट में जमा रकम से अडवांस लेने के साथ ही ईएमआई के भुगतान के लिए भविष्य में पीएफ कंट्रीब्यूशन को गिरवी रखने की अनुमति देने की बात थी.

मैं अमर हो सकता हूं: उसेन बोल्ट

ओलंपिक खेलों में 100 मीटर फर्राटा दौड़ का लगातार तीसरा स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले दुनिया के सबसे तेज धावक जमैका के उसेन बोल्ट ने कहा है कि वह अमर होने से सिर्फ एक कदम दूर हैं.

उल्लेखनीय है कि बोल्ट ने रियो ओलंपिक में हुए 100 मीटर फर्राटा दौड़ के फाइनल में 9.81 सेकेंड का समय निकाला और अमेरिकी धावक जस्टिन गाटलिन को पछाड़ते हुए लगातार तीसरी बार ओलंपिक स्वर्ण पदक हासिल किया.

गाटलिन जहां सेकेंड के 800वें हिस्से से बोल्ट से पीछे रह गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा, वहीं कनाडा के आंद्रे डी ग्रासे ने 9.91 सेकेंड का समय निकालते हुए कांस्य पदक पर कब्जा जमाया.

बोल्ट के इसके साथ ही ओलंपिक में स्वर्ण पदकों की संख्या बढ़कर सात हो गई और उन्होंने फर्राटा दौड़ के इतिहास में खुद को महानतम धावक के तौर पर स्वीकार भी कर लिया.

बोल्ट की निगाहें अब लगातार तीन ओलंपिक में तीन-तीन स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी करने पर है. वह बीजिंग ओलंपिक और लंदन ओलंपिक में 100 मीटर स्पर्धा के अलावा 200 मीटर और चार गुणा 100 मीटर स्पर्धाओं में भी स्वर्ण पदक विजेता हैं.

बोल्ट ने 100 मीटर का स्वर्ण जीतने के बाद कहा, 'यह शानदार था. मैं बहुत तेज नहीं दौड़ सका, लेकिन जीत हासिल कर मैं खुश हूं. मैंने आपसे कहा था कि मैं यह कारनामा करने जा रहा हूं.'

बोल्ट ने कहा, 'कोई कह रहा था कि मैं अमर हो गया. दो और पदक लाने हैं, फिर मैं सच में अमर हो जाऊंगा.' बोल्ट पिछले महीने ही ओलंपिक की ट्रायल स्पर्धा के दौरान चोटिल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें उपचार लेना पड़ा था.

बोल्ट ने कहा कि उन्हें अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी गाटलिन को हरा पाने के लिए अपनी फिटनेस और क्षमता पर कभी भी शंका नहीं थी. गाटलिन स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहे. उन्होंने फाइनल से पहले सीजन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.

स्वर्ण पदक जीतने के बाद रियो डी जनेरियो में बोल्ट को दर्शकों की ओर से बेइंतहा समर्थन मिला, हालांकि गाटलिन की हंसी उड़ाई गई.

इस ट्रेन में होगा फ्लाइट में ट्रेवल करने का एहसास

इंडियन रेलवे अगले छह महीने में एक नई ट्रेन पटरियों पर उतारने की तैयारी में है. तेजस मौजूदा शताब्दी जैसी ट्रेन होगी लेकिन इसके फीचर लगभग वैसे ही होंगे, जैसे विमान यात्रियों को देखने को मिलते हैं. इस ट्रेन में सारी आधुनिक सुविधाएं होंगी और सीट पर ही पैसेंजरों के मनोरंजन की सुविधा भी मुहैया करायी जाएगी.

इंडियन रेलवे के एक सीनियर अफसर के मुताबिक रेलवे इस ट्रेन की तैयारी कर रहा है और उम्मीद है कि तेजस की पहली ट्रेन अगले साल फरवरी तक तैयार होकर आ जाएगी. माना जा रहा है कि तेजस को उन रूटों पर चलाया जाएगा, जहां दिन में ही सफर पूरा हो जाए. इस ट्रेन की विशेषता यह होगी कि इसमें एक्जीक्यूटिव क्लास ओर एसी चेयरकार के ही सभी कोच होंगे. रेलवे का कहना है कि कोच में लगभग दो दर्जन नए फीचर होंगे. इसके कोच तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है.

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस ट्रेन में पैसेंजरों का सफर न सिर्फ कम्फर्टेबल होगा बल्कि आनंददायक भी होगा. इस ट्रेन में पैसेंजरों को सफर के दौरान वाई फाई की सुविधा मिलेगी और ट्रेन में ही चाय, काफी की वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी. इस तरह से पैसेंजर ट्रेन में ही तैयार चाय काफी का आनंद ले सकेंगे.

ट्रेन में स्मोक डिटेक्शन सिस्टम, सीसीटीवी, जीपीएस आधारित इन्फार्मेशन सिस्टम और एलईडी जैसे फीचर तो जोड़े ही गए हैं, साथ ही ट्रेन में विमानों की तरह ही बॉयो वैक्यूम टॉयलेट लगाए जा रहे हैं. सेंसर आधारित पानी की टूटी होगी, पैसेंजरों को ट्रेन में ही हाथ सुखाने की मशीन लगाई जाएगी और टिशू पेपर भी मुहैया कराए जाएंगे. ट्रेन में वाटर लेवल इंडीकेटर होगा और डस्टबिन लगे होंगे.

ट्रेन के बाहर कोच नंबर और पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम पूरा डिजिटल होगा. इसके अलावा इस ट्रेन के कोच के दरवाजे भी ऑटोमेटिक होंगे. इन दरवाजों में सेंसर लगे होंगे, जिससे पैसेंजर के गेट में फंसने का खतरा नहीं होगा. रेलवे का कहना है कि फिलहाल तेजस की तीन ट्रेनें तैयार करने का काम चल रहा है. इन ट्रेनों के कोच में एसी चेयरकार होंगी.

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