Download App

घट सकती है ऐप अपडेट्स की साइज

ऐप्स को बार-बार अपडेट करना बड़ा ही झंझट भरा काम है. अगर अपडेट करने के लिए वाई-फाई की मदद न ली जाए तो अच्छा खासा डेटा इसी में खर्च हो जाता है. मगर अब गूगल ने एक राहत भरी खबर दी है. अब ऐप्स के अपडेट्स पहले की तुलना में बहुत छोटे हो जाएंगे.

गूगल ने ऐलान किया है कि वह ऐंड्रॉयड ऐप्स को अपडेट करने के लिए नई तकनीक इस्तेमाल करेगा, जिसके तहत ऐप को अपडेट करने के लिए पूरी की पूरी APK फाइल डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी. सिर्फ वही पैच डाउनलोड करना होगा, जिसमें नए अपडेट्स होंगे.

पहले गूगल ने ऐप अपडेट्स का साइज 47 पर्सेंट घटाने के लिए bsdidd ऐल्गॉरिदम पेश किया था. यह ऐल्गॉरिदम अपडेट के साइज को मूल APK के साइज का 47 पर्सेंट बना देता है. मगर अब कंपनी ने File by File पैचिंक टेक्नीक पेश की है, जिससे अपडेट का साइज 65 फीसदी तक कम हो जाएगा. गूगल का कहना है कि कुछ मामलों में तो यह 90% तक कम हो जाएगा.

फाइल-बाइ-फाइल पैचिंग तकनीक में पुरानी और नई फाइल की तुलना करके फर्क को पहचाना जाता है. इस दौरान यह देखा जाता है कि आपके फोन में मौजूद APK प्ले स्टोर में मौजूद APK से पूरी तरह मेल खाता हो. इसके बाद पैच को जारी कर दिया जाता है.

कंपनी का कहना है कि 2015 और इसके बाद लॉन्च हुए डिवाइस इस तकनीक को इस्तेमाल करते हुए तेजी से अपडेट कर सकते हैं. अभी कंपनी इस तकनीक को सिर्फ ऑटो-अपडेट्स के लिए जारी करेगी. मैन्युअल अपडेट्स के लिए इस तकनीक को कब जारी किया जाएगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है.

कोहली को मिला ‘ट्वीट ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड

क्रिकेट की दुनिया में लगातार नए रिकॉर्ड बनाने वाले विराट कोहली का जलवा क्रिकेट की दुनिया के बाहर भी खूब देखने को मिलता है. विराट सोशल साइट्स पर काफी एक्टिव दिखते हैं, इसी सोशल साइट्स की दुनिया में विराट ने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है. बड़ी बात यह है कि इस रिकॉर्ड को बनाने में विराट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पीछे छोड़ दिया है.

दरअसल, ट्विटर ने अपना वार्षिक रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावशाली ट्वीट में विराट का नाम सबसे ऊपर है. विराट ने इस साल अनुष्का शर्मा के सपोर्ट में एक ट्वीट किया था जब विराट की हार का जिम्मेदार अनुष्का को ठहराया जाने लगा था.

विराट का ट्वीट 'शर्म करो' को गोल्डन 'ट्वीट ऑफ द ईयर' घोषित किया गया है. प्रचलित ट्वीट की लिस्ट में पीएम मोदी का नाम शामिल है. नोटबंदी के घोषणा का ट्वीट इसमें शामिल है.

दरअसल, टी-20 वर्ल्ड कप में कोहली के खराब प्रदर्शन पर लोगों ने अनुष्का को निशाना बनाया था. कोहली के इस ट्वीट को 39,695 लोगों ने री-ट्वीट किया. जबकि एक लाख से अधिक लोगों ने इस पसंद किया. विराट ने अनुष्का का मजाक करते लोगों को करारा जवाब देते हुए लिखा था ‘शर्म करो.. अनुष्का ने मुझे हमेशा सकारात्मकता दी है. अनुष्का को निशाना बनाने वालों को शर्म आनी चाहिए.’

दस सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले अकाउंट में पीएम मोदी शीर्ष पर काबिज हैं. इतना ही नहीं 10 सबसे ज्यादा लोकप्रिय लोगों में वह इकलौते राजनेता हैं. लोकप्रियता में बॉलीवुड की हस्तियां भी उनके पीछे हैं.

इनमें महानायक अमिताभ बच्चन दूसरे नंबर पर और शाहरुख खान तीसरे स्थान पर हैं. नए प्रभावशाली अकाउंट में तमिल सुपर स्टार कमल हसन भी शामिल हो गए हैं. कुश्ती की खिलाड़ी साक्षी मलिक और पहली भारतीय जिमनास्ट दीपा कर्माकर को भी ट्विटर पर लोकप्रिय लोगों में जगह मिली है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'नोटबंदी' का फैसला ट्विटर पर सबसे प्रभावशाली क्षण रहा. ट्विटर इंडिया के 'ईयर ऑन ट्विटर' में नोटबंदी को पहले पायदान पर रखा गया है. #ModiFightsCorruption हैशटैग से ट्विटर पर खूब ट्वीट किए गए. इसके चलते दुनियाभर का ध्यान इस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले पर गया.

ट्विटर इंडिया के अनुसार नोटबंदी के अलावा रियो 2016, भारत-पाक टी-20 मैच, दिल्ली के प्रदूषण अन्य बड़े क्षण रहे.

रहाणे बाहर, मनीष को मिली जगह

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है. वानखेड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट टीम को एक और झटका लगा है. मेजबान टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं. उनकी जगह मनीष पांडे को टीम में शामिल किया गया है.

बीसीसीआई ने बताया कि अजिंक्य रहाणे की उंगली में फ्रैक्चर है और वह इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट श्रृंखला के बाकी के दोनों मैच से बाहर हो गए हैं. रहाणे को अभ्यास सत्र में गेंद से चोट लगी थी. बयान में कहा गया कि रहाणे की जगह मनीष पांडे को टीम में शामिल किया गया है.

इंग्लैंड ने टॉस जीता

इस मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. टीम इंडिया में दो बदलाव किए गए हैं, चोटिल अजिंक्य रहाणे और मोहम्मद शमी की जगह लोकेश राहुल और भुवनेश्वर कुमार को जगह दी गई है, जबकि इंग्लैंड की तरफ से कीटन जेनिंग्स डेब्यू कर रहे हैं.

इंग्लैंड से हिसाब चुकता करने का मौका

यह मैच ड्रॉ भी रहता है तो भारत सीरीज जीत जाएगा. इससे पहले इंग्लैंड ने 2011 में इंग्लैंड में, 2012 में भारत में और 2014 में फिर इंग्लैंड में भारत को हराया था. वानखेड़े पर पिछले दो टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को हराया है और 2012 का टेस्ट तो खासकर इसलिए याद रखा जाएगा क्योंकि केविन पीटरसन ने भारतीय सरजमीं पर किसी विदेशी बल्लेबाज की सबसे उम्दा पारियों में से एक खेली थी.

कोहली, अश्विन, पुजारा जबरदस्त फॉर्म में

भारतीय टीम भी फिटनेस समस्याओं से जूझ रही है लेकिन नए खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है. तीसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली ने उम्दा बल्लेबाजी की है जबकि निचले क्रम पर आर अश्विन शानदार फार्म में हैं.

आठ साल बाद टीम में लौटे पार्थिव पटेल ने पारी की शुरुआत करके मोहाली में 42 और 67 रन बनाए. केएल राहुल चोट से उबरकर लौटे हैं और ऐसे में भारत के पास विकेटकीपर पार्थिव पटेल के रूप में तीसरे वैकल्पिक ओपनर बन गए हैं जो मध्यक्रम में उतारे जा सकते हैं. राहुल के लौटने पर करुण नायर को बाहर रहना होगा. इसके अलावा टीम में किसी बदलाव की संभावना नहीं दिखती.

टीमें इस प्रकार हैं

भारत: विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन, पार्थिव पटेल (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, उमेश यादव, करुण नायर, जयंत यादव, भुवनेश्वर कुमार और लोकेश राहुल.

इंग्लैंड: एलिस्टर कुक (कप्तान), कीटन जेनिंग्स, जॉनी बेयरस्टॉ, जैक बॉल, जोस बटलर, मोईन अली, आदिल राशिद, जो रूट, बेन स्टोक्स, जेम्स एंडरसन और क्रिस वॉक्स.

क्या आप रेलवे टिकट पर सब्सिडी छोड़ेंगे?

एलपीजी गैस सिलेंडर पर स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने की अपील कामयाब होने के बाद अब सरकार की नजर रेल टिकट सब्सिडी पर है. रेल मंत्री ने लोगों से इस छूट को छोड़ने की अपील की है. भारतीय रेलवे का मुनाफा बढ़ाने के उद्देश्य से रेल मंत्री ने लोगों से रेल किराए में मिलने वाली छूट, जैसे- कुछ ट्रेनों के लिए स्पेशल वीकेंड फेयर, आखिरी समय में खाली बर्थ पर मिलने वाला डिस्काउंट आदि, को स्वेच्छा छोड़ने का प्रस्ताव रखा है.

रेलवे अब लोगों में सब्सिडी को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए यह बताने की कोशिश करेगा कि वह उन्हें कितनी सब्सिडी प्रदान की जाती है. कुछ समय के लिए अब हर टिकट पर, ‘भारतीय रेलवे आपसे कुल लागत का औसतन 57 फीसदी किराया वसूल रहा है’ छपा होगा. ऐसा करने से लोगों को पता लगेगा कि प्रत्येक टिकट पर 43 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है.

लोकल ट्रेन में तो मुसाफिर से 36 फीसदी ही किराया लिया जाता है बाकी 67 फीसदी खर्च रेलवे खुद उठाती है. रेलवे पहले ही कई बार बता चुका है कि भाड़े से हो रही कमाई से वह करीब 30000 करोड़ की सब्सिडी देता है जिससे यात्रियों को सस्ती टिकट मुहैया कराई जाती है. रेलवे का कहना है कि जनरल टिकट पर प्रति किलोमीटर 22 पैसे से 44 पैसे का किराया लेती जबकि बस में यह किराया 89 पैसे से 1.44 रुपए प्रति किलोमीटर है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के मामले में ग्राहकों के बैंक अकाउंट उनके एलपीजी कनेक्शन से लिंक्ड थे. इसलिए लोगों से घरेलू गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील करना आसान था. रेलवे के लिए यही प्रक्रिया काम नहीं करेगी इसलिए सरकार फिलहाल सिर्फ ई-टिकट पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. इसके अलावा रेलवे यात्रियों को छूट पाने के लिए अपने आधारकार्ड लिंक कराने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है.

ये कंपनी भी दे रही है अनलिमिटेड 4जी डेटा

रिलायंस जियो की वजह से स्मार्टफोन जगत में भूचाल आ गया है. बाजार में टिके रहने के लिए कंपनियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. ऐसे में स्मार्टफोन निर्माता कंपनी माइक्रोमैक्स भी यूजर्स के लिए कुछ ऑफर्स ले कर आई है.

भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनी माइक्रोमैक्स ने Vdeo 1 और Vdeo 2 हैंडसेट लॉन्च कर दिए हैं. Vdeo 1 की कीमत 4490 रुपये है जबकि Vdeo 2 की कीमत 4990 रुपये है

डिस्पले और बैटरी के अलावा इन दोनों फोन्स में कोई अंतर नहीं है. दोनों ही फोन जल्द ही देश के सभी रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध करा दिए जाएंगे. तो चलिए फोन की स्पेसिफिकेशन जानते हैं.

माइक्रोमैक्स Vdeo 1 और Vdeo 2 के फीचर्स:

Vdeo 1 और Vdeo 2 1.3 गीगाहर्ट्ज क्वाड-कोर प्रोसेसर और 1जीबी रैम से लैस है. फोटोग्राफी के लिए इनमें 5 एमपी का रियर कैमरा और 2 एमपी का फ्रंट फेसिंग कैमरा दिया गया है. इसमें 8जीबी की इंटरनल मेमोरी दी गई है जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए बढ़ाया जा सकता है. इनमें Google Duo एप प्री-लोडेड है. यह दोनों फोन एंड्रायड 6.0 पर काम करते हैं. साथ ही 4जी वीओएलटीई सपोर्ट करते हैं. दोनों ही फोन डुअल सिम हैं. आपको बता दें कि Vdeo 1 में 4 इंच डब्ल्यूवीजीएस डिस्प्ले है जबकि Vdeo 2 में 4.5 इंच एफडब्ल्यूवीजीए डिस्प्ले दिया गया है.

माइक्रोमैक्स Vdeo 1 में 1600 एमएएच जबकि Vdeo 2 में 1800 एमएएच की बैटरी दी गई है. कनेक्टिविटी के लिए इनमें 4जी VoLTE सपोर्ट, वाइ-फाइ, ब्लूटूथ, जीपीएस और माइक्रो यूएसबी 2.0 पोर्ट जैसे फीचर्स दिए गए हैं.

ऑफर्स

कंपनी दोनों ही फोन्स के साथ फ्री जिओ 4जी सिम दे रही है, जिसके तहत हैप्पी न्यू ईयर ऑफर भी दिया जा रहा है. इस ऑफर में यूजर्स को 31 मार्च 2017 तक फ्री अनलिमिटेड 4जी इंटरनेट, वॉयस कॉल्स और एसएमएस दिए जा रहे हैं.

जयललिता के बाद तमिलनाडु की राजनीति

जो व्यक्ति सार्वजनिक जीवन में और वह भी सियासत में हो, उसके अलविदा कहने पर शोक मनाने का ज्यादा अवसर नहीं होता. कम से कम वैसा तो बिल्कुल नहीं, जैसा कि निजी जिंदगी जीनेवाले के घर-परिवार में होता है. दरअसल, जिंदगी तमाम अंतरविरोधों का एक कारवां लेकर चलती है. ऐसा ही तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के बारे में भी लक्ष्य किया जा सकता है. एक दिन के राष्ट्रीय शोक और तमिलनाडु में सात दिन के राजकीय शोक के बावजूद राज्य सरकार में चूंकि कोई शून्य स्थान नहीं हो सकता था, इसलिए जैसे ही जयललिता के निधन की खबर आई, दूसरी ओर उनके सर्वाधिक विश्वस्त पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी गई और उनके मंत्रिमंडल के 35 सहयोगियों को भी.

यह सवाल भी तुरंत तैरने लगा कि सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में अब जयललिता की विरासत की बागडोर कौन संभालेगा या कि वह किसके हाथ होगी? जयललिता के बाद अन्नाद्रमुक में जो तीन नेताओं की त्रिमूर्ति सबसे पहले सामने है, वे हैं मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले पन्नीरसेल्वम, छाया की तरह जयललिता के साथ रहने वाली उनकी विश्वस्त व राजदार शशिकला और पार्टी के संसदीय दल के नेता थंबीदुरई. लेकिन सत्ता-राजनीति में शिखर पर एक की ही जगह होती है, ऐसे में कहा जा रहा है कि पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री जरूर बन गए हैं, लेकिन सत्ता की चाभी शशिकला के पास रहने वाली है. कहा जा रहा है कि शशिकला न सिर्फ जयललिता की सबसे करीबी रही हैं, बल्कि पार्टी पर भी उनकी मजबूत पकड़ है.

दिलचस्प है कि शशिकला पार्टी या सरकार में किसी पद पर नहीं हैं, फिर भी उन्हें जयललिता का स्वाभाविक उत्तराधिकारी बताया जा रहा है. गौरतलब है कि जयललिता को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचे प्रधानमंत्री ने भी शशिकला के सिर पर हाथ फेरते हुए उन्हें सांत्वना दिया. आखिर संकेतों की भी सियासत में अहमियत तो होती ही है. जयललिता के समर्थकों के बीच चिनम्मा के नाम से मशहूर शशिकला को ही पार्टी का स्वाभाविक राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है. जिस वक्त पीएम मोदी ने शशिकला के सिर पर हाथ रखा, उस मौके पर मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम पास में ही मौजूद थे.

तमिलनाडु की राजनीति के गहरे जानकार और वरिष्ठ पत्रकार राजगोपाल कहते हैं कि शशिकला बैकग्राउंड पॉलिटिक्स करेंगी और पन्नीरसेल्वम टॉप हेड होंगे. शशिकला जयललिता के समय से ही इस रोल में हैं. जयललिता से करीबी रिश्ते की वजह से पार्टी और सरकार में कोई पद न होने के बावजूद शशिकला की शुरू से सत्ता पर मजबूत पकड़ रही है. जयललिता से करीबी रिश्ता शशिकला की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत है. दोनों की दोस्ती 80 के दशक से शुरू हुई और अंत समय तक थोड़े उतार-चढ़ाव के बावजूद बनी रही. शशिकला के काम करने का अंदाज भी बहुत हद तक जयललिता जैसा ही है.

वरिष्ठ पत्रकार राजगोपाल बताते हैं कि वह 90 फीसदी जयललिता हैं. हालांकि इतना कुछ होने के बावजूद यह नहीं कहा जा सकता कि शशिकला की राह आसान है. आखिर एमजीआर के बाद खुद जयललिता को भी आसानी से राजनीतिक उत्तराधिकार कहां मिल सका था?

अनूप जलोटा अब उतरेंगे एअर टैक्सी के व्यापार में

पद्मश्री से सम्मानित भजन सम्राट अनूप जलोटा गायक, संगीतकार, फिल्म निर्माता, अभिनेता व प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य होने के साथ साथ अब एअर टैक्सी के व्यापार में उतरने जा रहे हैं. अनूप जलोटा की अपनी कंपनी ‘‘डिवाइन एअरलाइन’’ फरवरी माह से मध्यप्रदेश में अपने नौ सीट वाले छोटे जहाज उड़ाने वाली है.

इस एअर लाइन की चर्चा करते हुए अनूप जलोटा कहते हैं- ‘‘फरवरी माह में एअर लाइन शुरू कर रहा हूं. इसका नाम है-‘डिवाइन एअर’ मैं बहुत इंटरप्राइज इंसान हूं. मैं शांति से कभी बैठता नहीं. हमने नौ सीट वाले प्लेन खरीदे हैं. हम पहले मध्य प्रदेश से शुरू कर रहे हैं. उसके बाद राजस्थान में शुरू करेंगें. फिर बंगाल में शुरू करेंगे. मध्यप्रदेश में भोपाल, जबलपुर, रायपुर व इंदौर. जब महाराष्ट्र में शुरू करेगें, तो वह मुंबई से अकोला, शिरड़ी, नांदेड़, औरंगाबाद जाएंगे. हम उन शहरों में जाएंगे, जिनमें किसी भी एअर लाइन की सर्विस नहीं है. फिलहाल हमारी कंपनी की एअर लाइन ‘प्रभातम एवीएशन’ के साथ काम करने वाली है, जो कि इन दिनों जम्मू कश्मीर में वैष्णो देवी में अपनी सेवाएं दे रही है.’’

वास्तव में पिछले दो वर्ष से मध्यप्रदेश पर्यटन निगम अपने राज्य में एअर टैक्सी सेवा शुरू कराने के लिए प्रयासरत थी. अब मध्यप्रदेश पर्यटन निगम ने एअर टैक्सी संचालन की जिम्मेदारी ‘प्रभातम एवीएशन’ को दी है, जिसके साथ अनूप जलोटा की ‘डिवाइन एअरलाइन’ का अनुबंध है. यह एअर टैक्सी भोपाल को जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, खजुराहो, रीवा, सतना से जोड़ेगी. कुछ समय के बाद यह सेवा वाराणसी व लखनऊ को भी जोड़ेगी. इस एअर टैक्सी का किराया न्यूनतम दो हजार रूपए होगा. इस एअर टैक्सी की सेवा से पर्यटकों को काफी फायदा व सुविधा होगी.

अब क्रिकेट में भी दिख सकता है रेड कार्ड

क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ियों के बीच के लड़ाई-झगड़ों पर लगाम कसने के लिए जल्द ही एक नया नियम आ सकता है. फुटबॉल और हॉकी की तर्ज पर जल्द ही क्रिकेट में भी रेड कार्ड देखने को मिल सकता है. साथ ही बल्लों के आकार के लिए भी सीमा तय की जा सकती है.

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी ने सुझाव दिए हैं कि अंपायरों को खिलाड़ियों के बुरे व्यवहार के बाद उन्हें मैदान से बाहर भेजने का अधिकार होना चाहिए.

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक ब्रेयरली की अगुआई में एमसीसी की विश्व क्रिकेट समिति की दो दिवसीय बैठक समाप्त हो गई जिसमें ये सारे सुझाव दिए गए. एमसीसी क्रिकेट के नियमों की संरक्षक संस्था है. अगर एमसीसी की मुख्य समिति इन बदलवों को मंजूरी दे देती है तो यह नए बदलाव खेल के सभी स्तरों पर 1 अक्टूबर 2017 से लागू होंगे.

समिति ने गेंद से छेड़छाड़ के नियमों पर भी चर्चा की लेकिन उनका मानना था कि इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है. ब्रेयरली, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग, पाकिस्तान के पूर्व सलामी बल्लेबाज रमीज राजा और एमसीसी के क्रिकेट प्रमुख जॉन स्टीफेंसन ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट को पांच दिन से चार दिन का करने पर सहमति नहीं बनी.

नए नियम डराने का काम करेगा

गेंद से छेड़छाड़ के नियमों में हालांकि कोई बदलाव नहीं किया गया है. खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाए जाने के सवाल पर ब्रेयरली ने कहा कि यह डराने का काम करेगा. इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ब्रेयरली ने कहा, ‘हमने येलो कार्ड (अस्थाई निलंबन) पर भी चर्चा की लेकिन बाद में इसके खिलाफ फैसला किया. रेड कार्ड बेहद चरम मामलों में भी दिखाया जाएगा. सुझाव के अनुसार अनुशासन के गंभीर उल्लंघन के मामले में अंपायरों को क्रिकेटरों को मैच से बाहर करने का अधिकार होगा.’

खिलाड़ी को अंपायर को धमकाने, अन्य खिलाड़ी, अंपायर, अधिकारी या दर्शक को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने या खेल के मैदान पर अन्य हिंसक गतिविधि के लिए बाहर किया जा सकता है.

बैट का नया आकार

बल्ले का आकार सीमित करने पर पोंटिंग ने कहा कि दुनिया के 60 फीसदी पेशेवर खिलाड़ियों ने बल्लों के किनारे को 40 मिलीमीटर, गहराई को 67 मिलीमीटर और वक्र (कर्व) को सात मिलीमीटर तक सीमित करने के फैसले का समर्थन किया है.

पोंटिंग ने कहा, ‘हम किनारों को 38 से 42 मिलीमीटर तक सीमित करना चाहते हैं. कुछ खिलाड़ियों के बल्ले के किनारे 50 मिलीमीटर से अधिक हैं. हमने जो सुझाव दिया उससे हम खुश हैं क्योंकि इससे बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनेगा. हमने देखा है कि बल्ले के किनारों से लगकर गेंद छह रन के लिए चली जाती है. हालांकि बल्ले का आकार सीमित करने के बावजूद बड़े हिटर छक्के लगा पाएंगे.

चार दिनों का नहीं होगा टेस्ट क्रिकेट

समिति ने चार दिवसीय टेस्ट और दिन रात्रि टेस्ट पर भी चर्चा की लेकिन सहमति नहीं बनी. क्रिकेट को ओलंपिक खेल में शामिल कराने का प्रयास करने पर समिति ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख अनुराग ठाकुर से इस बारे में अलग से बात की गई और उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे चर्चा कर सकते हैं.

क्रिकेट को ओलंपिक, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे कई खेलों वाले खेलों में शामिल करने का बीसीसीआई पहले विरोध कर चुका है. समिति की अगली बैठक तीन और चार जुलाई को लंदन के लॉर्ड्स में होगी.

ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने पर जोर

समिति ने इसके अलावा खेल की वैश्विक संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से सिफारिश की कि वह वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप लागू करने की दिशा में काम जारी रखे और क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल कराने की कोशिश करता रहे.

पैनल ने साथ ही फील्डर के हेलमेट से गेंद से टकराने पर नियम में बदलाव की भी घोषणा की. ये सभी सिफारिशें एमसीसी की मुख्य समिति को भेजी जाएंगी और अगर इन्हें स्वीकृति मिली तो ये बदलाव क्रिकेट के कानून की नई संहिता में शामिल किए जाएंगे जो एक अक्तूबर 2017 से लागू होगी.

हेलमेट से गेंद टकराने के नियम में बदलाव

इस बड़े बदलाव का कारण यह है कि समिति का मानना है कि क्रिकेट ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ी के बुरे बर्ताव के लिए अंपायर के पास मैदान पर देने के लिए कोई सजा नहीं है. समिति ने कहा कि फील्डर के हेलमेट से गेंद के टकराने से जुड़े नियम में बदलाव के अनुसार फील्डर ने अगर हेलमेट पहना हुआ है तो उससे गेंद के टकराने के बाद कैच और स्टंप किए जा सकते हैं.

फिलहाल विकेटकीपर के पैड से टकराकर कैच और स्टंप किए जा सकते हैं जबकि इसे पहनना वैकल्पिक है और ऐसे में यह अनुचित लगता है कि हेलमेट से गेंद के टकराने पर ऐसी स्वीकृति नहीं दी जाए जिसे पहनना कुछ देशों में अनिवार्य है.

वोडाफोन ग्राहकों के लिए खुशखबरी

टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन ने अपने सभी प्री-पेड 4जी मोबाइल ग्राहकों के लिए 255 रुपये से अधिक के सभी 4जी मार्केट डेटा पर ‘डबल डेटा’ उपलब्ध कराने की पेशकश की है. यह पेशकश कंपनी के मौजूदा और सभी नए 4जी ग्राहकों को उपलब्ध होगी. इसकी वैधता 28 दिन के लिए होगी. इससे कंपनी के 4जी मोबाइल ग्राहकों को अतिरिक्त इंटरनेट अनुभव का लाभ मिलेगा. कंपनी के इस ऑफर को रिलायंस जियो से मुकाबला करने की रणनीति माना जा रहा है.

यह सुविधा वर्तमान में लिए गए 255 रुपए से शुरु सभी 4जी पैक पर भी उपलब्ध होगी. इस पेशकश के मुताबिक 999 रपये का पैक खरीदने वाले 4जी ग्राहकों को 10 जीबी अतिरिक्त यानी कुल 20जीबी डाटा उपलब्ध होगा. इस तरह 50 रुपये में एक जीबी का अनूठा अनुभव प्राप्त कर सकेंगे. उपभोक्ता हाई डेफिनेशन विडियो स्ट्रीमिंग, मोबाइल गेमिंग एवं दोतरफा विडियो कॉलिंग के लिए हाई स्पीड डेटा का आनंद उठा सकेंगे.

बढ़ते खर्च के लिए माता पिता जिम्मेदार

सीबीएसई यानी सैंट्रल बोर्ड औफ सैकंडरी एजुकेशन ने  देश के सारे निजी स्कूलों को अपने आर्थिक मामलों की विस्तृत जानकारी जनसाधारण के लिए नैट पर डालने का आदेश जारी किया है, जिस में अध्यापकों के वेतन, हर मद पर किया खर्च, बिल्डिंग के रखरखाव का खर्च आदि शामिल है. महंगी होती शिक्षा से परेशान पेरैंट्स बहुत हल्ला मचा रहे हैं कि शिक्षा व्यवसाय बन गई है और स्कूलों को व्यापार की तरह चला कर संचालक मालिक बन बैठे हैं.

यह बात सही है कि स्कूल अब धंधा बन गए हैं और इस धंधे में लगे लोगों ने एक माफिया बना लिया है, जिस में स्कूली शिक्षा से जुड़ी नौकरशाही पूरी तरह शामिल हो गई है और इस में राजनीति पूरी तरह घुस गई है. बहुत से नेताओं का व्यवसाय स्कूल ही हैं और वे अपनी राजनीति स्कूलों के दफ्तरों से चलाते हैं.

इन स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए लगभग कोई संस्था नहीं है. सीबीएसई का मुख्य काम तो पाठ्यक्रम तय करना व परीक्षाएं करवाना है. स्कूल कैसे चलते हैं, यह देखना उस का काम नहीं है पर चूंकि कोई और रैग्युलेटर नहीं है, यह संस्था ही निर्देश जारी करती रहती है, जिन में से ज्यादातर अव्यावहारिक होते हैं और उन से न शिक्षा का स्तर सुधरा है और न ही मुनाफाखोरी बंद हुई है. कहने को तो शिक्षा देना व्यवसाय नहीं, जन सेवा का काम है और स्कूलों की आय पर कर नहीं लगता पर स्कूल अपना लाभ मालिकों या संचालकों में बांट भी नहीं सकते. स्कूलों को ज्यादातर सोसायटियां चलाती हैं पर हर सोसायटी पर परिवारों का कब्जा होता है और कभीकभार पेरैंट्स के दबाव में या नुकसान होने पर खरीदफरोख्त होती है.

स्कूलों का व्यावसायीकरण तो होना ही है, क्योंकि मातापिता खुद मांग करते हैं कि स्कूल में तरहतरह की सुविधाएं हों. आजकल एयरकंडीशंड कमरों की मांग होने लगी है. इनडोर स्विमिंग पूल मांगे जा रहे हैं. साल में एक विदेशी यात्रा हो. बसों का रखरखाव अच्छा हो. स्कूल लिपापुता हो. स्कूल में कौफीकैफे डे या मैक्डोनाल्ड खुला हो. जब इस तरह की शिक्षा से अलग मांगें की जाएंगी तो पैसे तो कोई देगा ही.

अगर स्कूल फटेहाल लगे तो बच्चे खुद को हीन समझते हैं. वे जोर डालते हैं कि ऐसे स्कूल में भेजा जाए जहां फीस ज्यादा हो. मातापिता सामाजिक प्रतिष्ठा पाने के लिए अपनी हैसीयत से बढ़ कर नाम वाले महंगे स्कूल में भेजते हैं. फिर कैसी खर्चों की जांच? कैसा स्पष्टीकरण? यदि आप फाइवस्टार स्कूल में जाएंगे तो क्व300 की चाय के प्याले का खर्च कैसे पूछ सकते हैं?

निजी स्कूल महंगे हैं तो मातापिता सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए स्वतंत्र हैं जहां अच्छे शिक्षक हैं भले रखरखाव खराब हो. अगर मातापिता मिल कर स्कूलों की सेवा करें तो सरकारी स्कूल भी चमचमा उठें. स्कूलों के बढ़ते खर्च के लिए मातापिता जिम्मेदार हैं, सरकार नहीं. कानूनअदालतों को इस डिमांडसप्लाई से दूर रखें. मूर्ख पेरैंट्स यही डिजर्व करते हैं तो कोई बीच में दखल न दे.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें