एलपीजी गैस सिलेंडर पर स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने की अपील कामयाब होने के बाद अब सरकार की नजर रेल टिकट सब्सिडी पर है. रेल मंत्री ने लोगों से इस छूट को छोड़ने की अपील की है. भारतीय रेलवे का मुनाफा बढ़ाने के उद्देश्य से रेल मंत्री ने लोगों से रेल किराए में मिलने वाली छूट, जैसे- कुछ ट्रेनों के लिए स्पेशल वीकेंड फेयर, आखिरी समय में खाली बर्थ पर मिलने वाला डिस्काउंट आदि, को स्वेच्छा छोड़ने का प्रस्ताव रखा है.

रेलवे अब लोगों में सब्सिडी को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए यह बताने की कोशिश करेगा कि वह उन्हें कितनी सब्सिडी प्रदान की जाती है. कुछ समय के लिए अब हर टिकट पर, ‘भारतीय रेलवे आपसे कुल लागत का औसतन 57 फीसदी किराया वसूल रहा है’ छपा होगा. ऐसा करने से लोगों को पता लगेगा कि प्रत्येक टिकट पर 43 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है.

लोकल ट्रेन में तो मुसाफिर से 36 फीसदी ही किराया लिया जाता है बाकी 67 फीसदी खर्च रेलवे खुद उठाती है. रेलवे पहले ही कई बार बता चुका है कि भाड़े से हो रही कमाई से वह करीब 30000 करोड़ की सब्सिडी देता है जिससे यात्रियों को सस्ती टिकट मुहैया कराई जाती है. रेलवे का कहना है कि जनरल टिकट पर प्रति किलोमीटर 22 पैसे से 44 पैसे का किराया लेती जबकि बस में यह किराया 89 पैसे से 1.44 रुपए प्रति किलोमीटर है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के मामले में ग्राहकों के बैंक अकाउंट उनके एलपीजी कनेक्शन से लिंक्ड थे. इसलिए लोगों से घरेलू गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील करना आसान था. रेलवे के लिए यही प्रक्रिया काम नहीं करेगी इसलिए सरकार फिलहाल सिर्फ ई-टिकट पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है. इसके अलावा रेलवे यात्रियों को छूट पाने के लिए अपने आधारकार्ड लिंक कराने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है.

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