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एंड्रायड मोबाइल के लिए बहुत काम के हैं ये फ्री एंटीवायरस

अगर आपके एंड्रायड स्मार्टफोन में भी उसके स्पीड कम होने दिक्कत आ रही है तो घबराइये नहीं बस आप अपने फोन में एंटीवायरस इन्स्टाल कर लिजिये. यह आपके फोन की स्पीड बढ़ाने में मदद करेगा. आज हम आपको कुछ ऐसे एंटीवायरस के बारे में बताएंगे जिनको आप गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं.

एमसीएफी मोबाइल सिक्योरिटी एण्ड लौक (McAfee mobile security and lock)

इस एंटीवायरस को आप गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं. इसमें एंटीवायरस, डिवाइस बूस्टर, ऐप्लीकेशन लौक, वाई फाई वेब सेफ्टी के अलावा मोबाइल की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है. अगर कोई आपके फोन से छेड़छाड़ करता है तो यह उसकी फोटो भी ले लेता है.

अवास्ट मोबाइल सिक्योरिटी (Avast mobile security)

इसमें काल ब्लौकर, जंक क्लीनर के साथ-साथ एंटी-थेफ्ट फीचर भी दिये गये हैं. एंटी-थेफ्ट फीचर की मदद से आप अपने फोन के खो जाने पर भी लौक कर सकते हैं.

कास्परस्काई मोबाइल एंटीवायरस (Kaspersky Mobile Antivirus)

यह ऐप संदिग्ध वेबसाइट और लिंक को खुद ही ब्लौक कर देता है. इसमें ऐप लौक, फाइंड माय फोन, काल ब्लौकर, एंटीवायरस और वेब फिल्टर जैसे फीचर हैं. इसे भी प्ले-स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है.

बिटडिफेंडक एंटीवायरस (Bitdefender Antivirus)

यह एक मोबाइल सिक्योरिटी ऐप्लीकेशन है. यह ऐप आपके फोन में डाउनलोड होने वाले सभी ऐप को स्कैन करता है. इस ऐप की अच्छी बात यह है कि यह बैकग्राउंड में नहीं चलता है. यह ऐप भी प्ले-स्टोर पर फ्री में मिल जाएगा.

नोर्टन सिक्योरिटी एण्ड एंटीवायरस (Norton Security and Antivirus)

कंपनी का दावा है कि यह 100% वायरस डिटेक्ट करने में सक्षम है. यह संदिग्ध फाइलों और लिंक को खुद ही फोन से रिमूव कर देता है. इसमें एक खास फीचर है जिसकी मदद से आप एसएमएस भेजकर फोन को लौक कर सकते हैं.

छेड़खानी से सितारे भी नहीं हैं अछूते, अब विद्या बालन हुई शिकार

बौलीवुड की बोल्ड और बिंदास ऊ ला ला गर्ल यानी विद्या बालन आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. विद्या बालन को आज इंडस्ट्री में एक खास एक्ट्रेस के तौर पर जाना जाता है जो अपने किरदार में जान डालने का काम करती हैं. विद्या ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं हैं. विद्या आखिरी बार फिल्म ‘बेगम जान’ में नजर आईं थी.

इस फिल्म में विद्या की एक्टिंग की सभी ने तारीफ की. इन दिनों विद्या बालन अपनी नई फिल्म ‘तुम्हारी सुलु’ की वजह से सुर्खियों में बनी हुईं हैं. साल 2005 में विद्या बालन ने पहली हिंदी फिल्म परिणीता में काम किया था. जिसमें उनकी एक्टिंग को लोगों ने खूब सराहा. इसके बाद फिर उन्हें दोबारा पीछे देखने का मौका नहीं मिला.

विद्या बालन आज उन एक्ट्रेसेस की गिनती में आती हैं जो अपने दम पर फिल्म को हिट कराने का दम रखती हैं. विद्या ने एक इंटव्यू में बताया था कि जब वह अपनी फिल्म ‘बेगम जान’ की प्रमोशन के लिए कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंची तो उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी.

दरअसल, विद्या ‘बेगम जान’ के डायरेक्टर सृजित मुखर्जी और प्रोड्यूसर महेश भट्ट के साथ कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंची थीं. तभी एक अंजान शख्स से उनके साथ सेल्फी खिचवानें की जिद की और वो मान गईं. लेकिन सेल्फी खिचवाते समय उस शख्स ने विद्या के कंधे पर हाथ रख दिया जो विद्या को पसंद नहीं आया और उन्होंने उससे पीछे हटने को कहा.

लेकिन उस शख्स ने विद्या को सौरी कहकर दोबारा सेल्फी के लिए राजी कर लिया. इसके बाद वो एक बार फिर विद्या के कंधे पर पर अपना हाथ रखने लगा. इस बार उसकी हरकत को देख विद्या गुस्से से लाल हो गईं और तुरंत ही उसे एयरपोर्ट से बाहर जाने के लिए कह दिया.

फिलहाल विद्या तुम्हारी सुलु फिल्म में व्यस्त है और इस फिल्म में उनका किरदार बहुत ही अनोखा है जिसे फिल्म को देखने के बाद ही अच्छे से समझा जा सकेगा.

विद्या अबतक कई फिल्मों में काम कर चुकी है लेकिन वो फिल्में जिसमें विद्या की एक्टिंग को सराहा गया थो वो हैं भूल भूलैया, कहानी, हमारी अधूरी कहानी और डर्टी पिक्चर ये फिल्में दर्शकों के बीच काफी चर्चा में रहीं थी.

अब जल्द ही आएंगे 100 रुपये के नए डिजाइन वाले नोट

केंद्रीय बैंक मौजूदा चल रहे 100 के नोटों को नए नोटों से रिप्लेस कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने 100 रुपये के नोट को फिर से डिजाइन करने का फैसला किया है. नए नोटों की छपाई अप्रैल 2018 से शुरू होने की संभावना है. नये नोट आने के बाद भी पुराने नोट चलन में रहेंगे और इन्हें धीरे धीरे सिलसिलेवार तरीके से लोगो से वापस लिया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाजार में 200 रुपये के नए नोट चलन में आ जाने और इनकी पर्याप्त सप्लाई हो जाने के बाद 100 रुपये के नए नोट की छपाई शुरू हो जाएगी और इनके साइज में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसका यह फायदा होगा कि नए नोटों के लिए देश के एटीएम के खांचों में कोई बदलाव नहीं करना पड़ेगा जैसा 2000 और 500 के नए नोटों के आने के समय किया गया था.

पिछले साल 8 नवंबर को हुआ था नोटबंदी का एलान

पिछले साल 8 नबंबर में भारत सरकार ने नोटबंदी करते हुए 500 और 1000 रुपये के सभी नोट चलन से बाहर कर 2000 और 500 रुपये के नए नोट जारी किए थे.

2000 और 500 रुपये के नए नोट जारी करने के बाद हाल ही में रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने लोगों की 2000 रुपये जैसे बड़े नोट के खुले कराने जैसी समस्या को दूर करने के लिए 200 रुपये और 50 रुपये का नया नोट लान्च किया था पर अभी भी लोगों को आसानी से 200 रुपये का नोट एटीएम से नहीं मिल पा रहा हैं. वहीं 50 रुपये के नोट भी अभी आम चलन में ज्यादा नहीं आ पाए हैं.

आपके फोन में छिपे हुए हैं कुछ सीक्रेट गेम्स

स्मार्टफोन में गेमिंग का शौक तो लगभग सभी को होता है. आप अपने फोन में कई गेम्स डाउनलोड भी किए होंगे. लेकिन कई ऐसे गेम्स भी हैं जिन्हें बिना डाउनलोड किए खेला जा सकता है. ये गेम्स आपके फोन में पहले से ही मौजूद होते हैं. इस खबर में हम आपको कुछ ऐसे ही गेम्स की जानकारी देने जा रहे हैं. जिसके बारें में आपको शायद ना पता हो.

डायनासोर गेम

इसे गगूल क्रोम पर खेला जा सकता है. इसे खेलने के लिए आपके अपने फोन का डाटा  औफ करना होगा. बिना इंटरनेट कनेक्शन के जब आप गूगल क्रोम को ओपन करेंगे तो एक छोटा डायनसोर You Are offline के मैसेज के साथ दिखाई देगा. डायनासोर पर टैप कर गेम शुरू हो जाएगा. स्क्रीन पर आपका स्कोर भी दिखाई देता रहेगा. यह गेम आपके तब काम आ सकता है जब आपके फोन में डाटा पैक खत्म हो गया हो.

फोन की सेटिंग में छुपा यह गेम

इसके लिए आपको फोन की सेटिंग्स में जाना होगा. यहां आपको About Phone का औप्शन मिलेगा. इस पर टैप कर दें. इसके बाद एक नई विंडो ओपन होगी. यहां आपको About Version पर दो से तीन बार टैप करना है. ऐसा करने से गेम ओपन हो जाएगा. इस पर आपको कुछ देर टैप करना है और उसके बाद आप गेम खेल पाएंगे.

फुटबौल गेम

इसके लिए आपको फेसबुक मैसेंजर पर जाना होगा. यहां चैट में जाकर इमोजी पर जाएं. इसके बाद फुटबौल पर टैप करें. जिसके भी साथ आप यह गेम खेलना चाहते हैं उसे फुटबौल सेंड करें. अब बौल पर टैप करें गेम शुरू हो जाएगा. इसमें आपको बौल और कम्प्यूटर दिखाई देंगे. आपको बौल को कम्प्यूटर स्क्रीन में डालनी है.

भारतीय जनता पार्टी की महाभारत का शल्यपर्व

भाजपा में महाभारत का आजकल शल्यपर्व चल रहा है. रामलीला का दौर खत्म होने के बाद जनता के लिए भाजपा की इस महाभारत में मनोरंजन का भरपूर मसाला है. भीष्म पितामह, शल्य, कर्ण, युधिष्ठिर, दुर्योधन, शकुनि, भीम जैसे पात्रों के बीच वाकयुद्ध और गदायुद्ध जारी है. नजारा दिलचस्प है.

पार्टी के पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा खुद को भीष्म पितामह बता रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें शल्य कह रहे हैं. ये दो पात्र तो सामने हैं पर दुर्योधन, युधिष्ठिर , कर्ण, दुस्साशन और शकुनि कौन हैं इस पर दिलचस्प वाकयुद्ध जारी है.

अटल बिहारी वाजपेयी के समय वित्तमंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने हाल ही में मौजूदा अर्थव्यवस्था को ले कर एक लेख लिखा था. इस में वित्तमंत्री अरुण जेटली और प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया. उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए नोटबंदी, जीएसटी और डिजिटल पेमेंट पर सवाल उठाए थे और कहा था कि मोदी ने गरीबी देखी है, उन के मंत्री भी देश को गरीबी दिखाएंगे.

सिन्हा ने कहा था कि गिरती जीडीपी के बीच नोटबंदी ने आग में घी डालने का काम किया. आज के समय में न तो नोकरी है और न ही विकास तेज हो रहा है. इंवेस्टमेंट और जीडीपी घट रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जीडीपी अभी 5.7 है. सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था. अगर पुराने हिसाब से देखें तो आज के समय यह जीडीपी 3.7 होती.

सिन्हा के इस लेख से पार्टी और सरकार में महाभारत छिड़ गया. पात्रों के नामकरण शुरू हो गए.  यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं भीष्म पितामह हूं और अर्थव्यवस्था का चीरहरण नहीं होने दूंगा.

अरुण जेटली ने वार करते हुए कहा कि वह 80 साल की उम्र में नोकरी मांग रहे हैं. जवाब में सिन्हा बोले, अगर मैं नोकरी चाहता तो वह यहां नहीं होते. उन्हें यह भी कहा गया कि सिन्हा अगर अर्थव्यवस्था के इतने ही ज्ञानी थे तो उन के समय में सोना गिरवी रखना क्यों पड़ा?

इस वाकयुद्ध में दूसरे यौद्धा भी कूद पड़े. मोदी ने कहा कि कुछ लोग उसी तरह हतोत्साहित करने की कोशिश करते हैं जैसे शल्य ने कर्ण को किया था. जवाब में सिन्हा ने कहा कि मैं शल्य नहीं, भीष्म पितामह हूं. अब भाजपा के दूसरे नेताओं द्वारा पूछा जाने लगा कि यशवंत सिन्हा अगर शल्य हैं तो दुर्योधन कौन है? अब कौन, क्या है, तमाम पात्रों की खोज शुरू हो गई.

सिन्हा अगर शल्य हैं तो मोदी बताएं कि कर्ण कौन है?

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की पुस्तक का विमोचन करने यशवंत सिन्हा को बुलाया गया था. इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी थे. सिन्हा को विपक्षी खेमे में खड़ा देख भाजपा नेताओं ने चुटकी लेते हुए कहा कि वह कौरवों की तरफ हैं.

इस युद्ध में अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा यशवंत सिन्हा के पक्ष में आ कर गदा भांजने लगे. नेताओं के इस तरह के आपसी संवादों के आदानप्रदान ने भाजपा के भीतर माहौल रोचक लेकिन तनावपूर्ण हो गया. उधर संघ भी अर्थव्यवस्था व अपने अन्य एजेंडे थोपने के लिए सरकार पर दबाव बनाने लगा.

परिवार को युद्ध में झोंकने में माहिर इस पार्टी ने यशवंत सिन्हा के केंद्रीय मंत्री पुत्र जयंत सिन्हा को पिता के सामने जवाब देने उतार दिया. पुत्र ने भी लेख के रूप में प्रत्यंचा चढा कर पिता को प्रत्युत्तर दिया. पिता से सोचा पुत्र उन के फेवर में बोलेगा पर मोह में न फंसने की सीख पुत्र ने आखिर महाभारत से ही शायद ग्रहण की थी.

असल में शल्य नकुल और सहदेव के मामा थे. महाभारत में दुर्योधन ने छल से अपनी ओर युद्ध के लिए राजी कर लिया था. उन्होंने कर्ण का सारथी बनाया गया. कर्ण का सारथी बनते समय शल्य ने दुर्योधन के सामने शर्त रखी थी कि उन्हें स्वेच्छा से बोलने की छूट रहेगी.

शल्य ने युधिष्ठिर से इस से पहले यह वचन ले लिया था कि वह कर्ण को सदैव हतोत्साहित करते रहेंगे ताकि कर्ण युद्ध में अपनी क्षमता का प्रदर्शन न कर पाएं. कर्ण के वध के बाद शल्य ने युद्ध के आखिरी दिन कौरव सेना का नेतृत्व किया और युधिष्ठिर के हाथों मारा गया. शल्य को गदाधारी के रूप में जाना जाता था.

भाजपा की इस महाभारत में विपक्ष की बांछें खिल गई. वह भी मजे लेने लगा. भाजपा के भीतर भी एक विपक्ष खड़ा होने लगा है. यह इसलिए कि इस सरकार में विचारविमर्श के लिए कोई जगह दिखाई नहीं देती. दिक्क्त यह है कि सरकार को सचाई दिखाओ तो मानती नहीं. उसे जो बात पसंद आती है उसे ही मानती है. वह तर्क नहीं, कुतर्क करती है क्योंकि उसे हमेशा से कुतर्क की आदत रही है.

लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी का मार्गदर्शक मंडल अब मूकदर्शक मंडल बना दिख रहा है. इन नेताओ की जगह अगर यशवतं सिन्हा, गोविंदाचार्य जैसे नेताओं का मार्गदर्शक मंडल बना कर सलाह ली जाए तो बिगड़ती हुई अर्थव्यवस्था जैसे मामलों में कुछ राह दिख सकती है. निंदक नियरे राखिए. तय है भाजपा में अब कुरुक्षेत्र तैयार हो चुका है. रणभेरी बजने का समय आ रहा है. समस्याओं को निपटारा हो न हो, आने वाले दिन देश की जनता के लिए अच्छे दिन यानी मनोरंजन से भरपूर होंगे. तमाशों के शौकीन देश को आखिर और क्या चाहिए.

बिग बौस 11 : पुलिस स्टेशन पहुंचे जुबैर, जानें क्या है पूरा विवाद

बिग बौस का सीजन-11 इस बार टास्क, ट्विस्ट और टर्न्स को लेकर नहीं, बल्कि कंटेस्टेंट्स के झगड़ों को लेकर ज्यादा चर्चा में है. इतना ही नहीं इस बार झगड़ा कंटेस्टेंट्स की आपसी तू-तू-मैं-मैं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शो के होस्ट सलमान खान तक पहुंच गया है. शो में हसीना पार्कर के दामाद के तौर पर एंट्री लेने वाले कंटेस्टेंट जुबैर खान ने सलमान खान के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करवा दी है. लेकिन यहां सवाल जुबैर की अपनी पहचान से भी जुड़ा है, जो कि काफी विवादित है.

जुबैर ने मुम्बई के एंटोप हिल पुलिस स्टेशन में सलमान के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है. इसमें उन्‍होंने सलमान पर बिग बौस में वीकेंड वार के दौरान धमकी देने का आरोप लगाया है.

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है, ‘सलमान ने मुझे नेशनल टीवी पर इंडस्ट्री में काम नही करने देने की धमकी दी है और बाहर निकलने पर कुत्ता बनाने की बात कही है. फिलहाल एंटोप हिल पुलिस ने लिखित शिकायत को लोनावला पुलिस को सौंप दिया है.

बता दें कि सलमान की डांट के बाद जुबैर टेंशन में आ गए थे और उन्होंने बहुत सारी दवाइयां खा ली थी. इसके बाद उन्‍हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्‍हें डाक्टरों की निगरानी में रखा गया था.

दरअसल जुबैर का कहना है कि उनकी शादी हसीना पार्कर की बेटी से हुई है और उनके दो बच्चे भी हैं. वह बिग बौस में इसलिए आए हैं, ताकि अपने बच्चों को अपनी बदली हुई इमेज दिखाकर अपनी जिंदगी में दोबारा पा सकें. शो में एक दफा वो ये भी कहते सुने गए कि पार्कर परिवार ने उन्हें फंसाकर उनकी शादी अपनी बेटी से करवा दी. जबकि हसीना के परिवार ने इस बात से साफ इनकार किया है.

हसीना के परिवार का कहना है कि जुबैर का उनके परिवार से कोई लेना देना नहीं है वह एक फ्रौड है.

वहीं इससे इतर जुबैर की पहचान की बात करें, तो वह खुद को फिल्ममेकर भी बताते हैं. उन्होंने बौलीवुड फिल्म लकीर का फकीर भी डायरेक्ट की है. इसमें एक्स बिग बौस कंटेस्टेंट एजाज खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी.

शो में आने से पहले उन्होंने कहा था कि उनका अब अंडरवर्ल्ड से कोई कनेक्शन नहीं है और न ही वह दाउद इब्राहिम के परिवार से किसी तरह के संबंध में हैं.

चेपौक स्टेडियम में जब उस दिन बदल गई थी भारतीय टीम की किस्मत

चेन्नई के चेपौक ग्राउंड (एमए चिदंबरम स्टेडियम) में 9 अक्टूबर के ही दिन 1987 में विश्वकप के एक रोमांचक मैच में औस्ट्रेलियाई टीम ने तब की विश्व विजेता टीम भारत को 1 रन से हरा दिया था. इस जीत को हासिल करने वाली कंगारू टीम अंत में इस टूर्नामेंट को जीतकर पहली बार विश्व विजेता बनी थी. चेन्नई के चेपौक में खेले गए मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए औस्ट्रेलिया ने 270 रन बनाए. इस तरह से भारत को 271 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन टीम इंडिया दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से ये लक्ष्य हासिल करने से एक रन से चूक गई.

बता दें कि पहले तीनों विश्व कप इंग्लैंड में खेले गए और साल 1987 में पहली बार इंग्लैंड से बाहर विश्व कप का आयोजन किया गया था. चौथा विश्व कप भारत में खेला गया. विश्व कप के ग्रुप ए के तीसरे मुकाबले में भारत और औस्ट्रेलिया की टीमें आमने सामने थीं. एम ए चिदंबरम स्टेडियम में भारत के कप्तान कपिल देव ने टौस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया था.

औस्ट्रेलिया की तरफ से सलामी बल्लेबाजी के लिए आए डीसी बून और जीआर मार्श. दोनों ने आते ही ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी शुरू कर दी और तेज गति से रन बनाने लगे. ज्योफ मार्श ने शानदार शतक लगाया. जवाब  में टीम इंडिया ने भी शानदार खेल दिखाया. भारत की तरफ से सलामी बल्लेबाजी के लिए आए सुनील गावस्कर और के श्रीकांत थें दोनों ने आते ही औस्ट्रेलियाई आक्रमण को धत्ता बताते हुए तेज बल्लेबाजी शुरू कर दी. दोनों ने हर गेंदबाज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

एक समय टीम इंडिया 2 विकेट के नुकसान पर 207 रन बना चुकी थी. उस समय ऐसा लगा रहा था कि टीम इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगी. 15 ओवर में उसे जीत के लिए 64 रन चाहिए थे, लेकिन औस्ट्रेलियाई गेंदबाज क्रेग मैकडर्मोट ने यहीं से खेल बदल दिया. उन्होंने तब शानदार पारी खेल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को 73 रन पर आउट कर इस मैच की कहानी बदल दी.

मैकडर्मोट ने 10 ओवर में 56 रन देकर 4 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा. आखिरी ओवर में जब टीम इंडिया को जीत के लिए एक रन की जरुरत थी, तब स्टीव वा ने मनिंदर सिंह को बोल्ड कर अपनी टीम को सनसनीखेज जीत दिला दी. चेन्नई का यही ग्राउंड था जब 1986 में दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच टाई रहा था.

टेस्ट रिकौर्ड बुक में दर्ज ये दिन

बता दें कि वर्ल्ड कप से एक साल पहले 18 सितंबर 1986 को इसी स्टेडियम में भारत और औस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया था. बता दें कि यह टेस्ट मैच क्रिकेट इतिहास के दूसरे टाई टेस्ट मैच के रूप में रिकौर्ड बुक शामिल हुआ था. इस मैच का नतीजा टाई रहा. इसके बाद से अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा कोई रिकौर्ड दर्ज नहीं किया गया.

कुछ ऐसा रहा है चेपौक में भारत का इतिहास

इस मैच से वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में पदार्पण करने वाले चेपौक पर अब तक कुल 21 वनडे खेले गए हैं, लेकिन संयोग से सिर्फ 2 ही बार भारत और औस्ट्रलिया का सामना हुआ है, जिसमें एक बार औस्ट्रेलिया और एक बार भारत ने जीत  हासिल की है. इन दोनों टीमों के बीच इस मैदान पर खेला गया एकमात्र वनडे मैच 9 अक्टूबर 1987 को खेला गया था. यह चेपक पर खेला गया पहला पहला वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट मैच भी था. इसके 30 साल बाद 17 सितंबर को एक बार फिर भारत और औस्ट्रेलिया के बीच वनडे मैच खेला गया. इस मैच में भारत ने 30 साल पुराना बदला लिया और औस्ट्रेलिया को 26 रनों से मात दी.

भारत ने चेपौक पर कुल 12 मैच खेले हैं, जिनमें से 7 में उसे जीत और 4 में हार मिली. एक मैच का परिणाम नहीं निकला. भारत और औस्ट्रेलिया ने इस बीच हालांकि चेपौक पर चार टेस्ट मैच खेले और इनमें से तीन में भारतीय टीम विजेता रही जबकि एक मैच ड्रौ समाप्त हुआ था. भारत ने 1998, 2001 और 2013 में खेले गए टेस्ट मैच में जीत हासिल की थी, जबकि इस बीच 2004 में खेला गया टेस्ट ड्रौ रहा था.

भारत की पहली टेस्ट जीत इसी स्टेडियम पर मिली

भारत के सबसे पुराने क्रिकेट स्टेडियम में शुमार किए जाने वाले चेपौक मैदान पर ही भारत को पहली टेस्ट जीत मिली थी. भारत का ये 24वां टेस्ट मैच था. फरवरी 1952 में विजय हजारे की कप्तानी में भारतीय टीम ने डोनाल्ड कार्र की इंग्लिश टीम को पारी से हरा दिया. इस टेस्ट में वीनू मांकड़ ने 108 रन देकर 12 विकेट लिए थे.

इसी मैदान पर वीरेंद्र सहवाग ने जड़ा तिहरा शतक

वीरेंद्र सहवाग ने साल 2008 में चेपौक के मैदान पर ही 304 गेंदों पर 319 रन बनाए थे. वीरू ने राहुल द्रविड़ के संग 268 रनों की साझीदारी की थी, जिसमें द्रविड़ का 68 रनों का योगदान था. सहवाग ने अपने 300 रन महज 278 गेंदों पर पूरे कर लिए थे. टेस्ट क्रिकेट इतिहास का ये अब तक का सबसे तेज तिहरा शतक है. डोनाल्ड ब्रैडमैन और ब्रायन लारा के बाद वो दूसरे ऐसे बल्लेबाज बन गए जिसने टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक जमाए हों. सहवाग ने अपना पहला तिहरा टेस्ट शतक (309) पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में बनाया था.

इसी मैदान पर गावस्कर ने तोड़ा था ब्रैडमैन का रिकौर्ड

भारतीय टेस्ट क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने चेपौक के मैदान पर ही 30वां टेस्ट शतक बनाकर औस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डौन ब्रैडमैन के सर्वाधिक टेस्ट शतकों का रिकौर्ड तोड़ा था.

टेस्ट इतिहास का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी डेब्यू भी इसी मैदान पर हुआ

भारतीय स्पीनर नरेंद्र हिरवानी ने चेपौक के मैदान पर ही अपने टेस्ट डेब्यू मैच में क्रिकेट इतिहास का एक अनोखा कारनामा किया था. हिरवानी ने जनवरी 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में पहली पारी में 61 रन देकर आठ विकेट चटकाए थे. किसी भी भारतीय गेंदबाज का ये अब तक का बेस्ट टेस्ट डेब्यू है. अपने डेब्यू टेस्ट में अभी तक कोई गेंदबाज एक पारी आठ विकेट से अधिक विकेट नहीं ले सका है. दोनों पारियों को मिलाकर अपने डेब्यू टेस्ट में सर्वाधिक विकेट लेने का विश्व रिकौर्ड हिरवानी के ही नाम है. हिरवानी ने इस टेस्ट की दूसरी पारी में भी आठ विकेट लिए थे. मैच की समाप्ति की वो दोनों पारियों में 136 रन देकर 16 विकेट ले चुके थे.

चेपौक पर सबसे कम टेस्ट स्कोर भी भारत के नाम

चेपौक पर अब तक का सबसे कम स्कोर 83 रन भारत का है. इंग्लैंड ने 1977 में खेले गए टेस्ट में भारत को 83 रनों पर समेट दिया था.

रणजी ट्रॉफी का पहला मैच भी चेपौक पर खेला गया

चेपौक के मैदान पर ही 4 नवंबर 1934 को मद्रास और मैसूर के बीच रणजी ट्रौफी का पहला मैच खेला गया था. मैच में मद्रास के एमजे गोपाल ने मैसूर के एन कर्टिस को पहली गेंद खिलाई थी. पूर्व टेस्ट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपना टेस्ट करियर 2005 में चेपौक में किया था.

सर्राफा व्यापारियों और ग्राहकों को मिला दीपावली का तोहफा

दीपावली पर देशवासियों और सर्राफा व्यापारियों को सरकार की तरफ से एक खास तोहफा दिया गया है. सरकार द्वारा सोने की 50,000 रुपये से अधिक की खरीद पर पैन और आधार कार्ड की अनिवार्यता को वापस लेने के बाद इस बार दीपावली पर बहुमूल्य धातु की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है. औल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने जानकारी देते हुए कहा, ‘यह एक बड़ी राहत है. सर्राफा कारोबारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए दिवाली का इससे बेहतर तोहफा नहीं हो सकता है.’

धनतेरस 17 अक्टूबर को है. इस बार धनतेरस पर बिक्री में काफी सुधार की उम्मीद है. मुख्य रूप से धनतेरस उत्तर और पश्चिम भारत में बनाया जाता है. राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को सोना 30,555 रुपये प्रति दस ग्राम पर था. वहीं चांदी का भाव 40,600 रुपये किलोग्राम पर चल रहा था. खंडेलवाल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों की सुस्ती के बाद हम बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इस अधिसूचना से सर्राफा कारोबारियों से ज्यादा उपभोक्ता प्रभावित हुए थे क्योंकि पैन या आधार नंबर देने में वे हिचकते थे. ‘इस आदेश को वापस लिए जाने से कारोबार सुगमता की स्थिति सुधरेगी.’ इसी तरह की राय जताते हुए केरल के कल्याण ज्वेलर्स के निदेशक राजेश कल्याणरमन ने कहा कि यह सकारात्मक कदम है और इससे आगामी दिनों में बिक्री सुधरेगी. उद्योग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल धनतेरस पर सोने और आभूषणों की बिक्री बेहतर मानसून और अनुकूल कीमतों की वजह से 25 प्रतिशत बढ़ी थी​.

सरकार ने 23 अगस्त को अधिसूचना जारी कर सर्राफा कारोबारियों को मनी लांड्रिंग रोधक कानून 2002 (पीएमएलए) के तहत लाने की घोषणा की थी. उनसे ऐसे खरीदारों की सूचना देने को कहा गया था जो 50,000 रुपये से अधिक की खरीद कर रहे हैं. ऐसे में अपने ‘ग्राहक को जानिये’ नियम के तहत पैन और आधार को अनिवार्य कर दिया गया था. जीएसटी परिषद की पिछले सप्ताह हुई बैठक में इस अधिसूचना को वापस लेने की घोषणा की गई. भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है. अपनी सालाना 900 से 1,000 टन की खपत के एक बड़े हिस्से को वह आयात से पूरा करता है.

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस के इन फायदों से अंजान होंगे आप

आज की भागती दौड़ती जिन्दगी में कब क्या हो जाए किसी को कुछ नहीं पता. हेल्थ इंश्योरेंस कवर तो सभी के पास होना ही चाहिए. बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर भी देती है. ज्यादातर कंपनियां ग्रुप इंश्योरेंस कवर ही देती है.

क्या है ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पचास या पचास से ज्यादा लोगों के लिए लिया जाता है. ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें प्रपोजर (नियोक्ता) अपने अनुसार बदलाव कर सकता है और फिर अपने कर्मचारियों को बेनेफिट के तौर पर औफर कर सकता है. ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस लेने से दोनों ही पक्षों को फायदा होता है, इंश्योरेंस लेने वाले को भी और इंश्योरेंस देने वाले को भी. इंश्योरेंस कंपनियों को एक ही जगह से ज्यादा प्रीमियम मिलता है.

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस लेने के हैं बड़े फायदे

पाकेट फ्रेंडली है ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में प्रति व्यक्ति प्रीमियम कम होता है. इसलिए अगर नियोक्ता आपको ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस देने की पेशकश करे तो इसका चयन करने से आप ही को फायदा होगा. ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में आपको थोड़े से प्रीमियम में ढेर सारा लाभ मिलेगा.

मैटरनिटी कवर

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में मैटरनिटी कवर भी शामिल होता है. आमतौर पर मैटरनिटी कवर के लिए उपभोक्ताओं को अलग से प्रीमियम भरना पड़ता है. अगर कोई कंपनी ज्वाइन करते हैं और आपको भी ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का लाभ मिलता है तो आपको मैटरनिटी कवर भी मिलेगा.

नहीं होता वेटिंग टाइम

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में किसी भी तरह का कोई वेटिंग टाइम नहीं होता है. अगर आपको पहले से कोई बीमारी है तो उसका भी इंश्योरेंस आपको मिलेगा. अगर आपके माता-पिता लंबे समय से किसी बिमारी से पीड़ित हैं तो वे आपकी नौकरी के पहले दिन से इसमें शामिल हो जाते हैं.

जरूरी नहीं मेडिकल जांच

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें किसी भी तरह के मेडिकल चेकअप (स्वयं और परिवार के लिए) की जरूरत नहीं पड़ती. पालिसी खरीदने के पहले दिन से ही आपके परिवार का हर सदस्य इसमें शामिल हो जाता है.

स्मार्टफोन फिंगरप्रिंट सेंसर के इन फीचर्स को जानते हैं आप

अब ज्यादातर स्मार्टफोन्स फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ लौन्च होने लगे हैं. स्मार्टफोन में लगे फिंगरप्रिंट सेंसर को आप अपने फोन अनलौक करने के लिए इस्तेमाल करते होंगे. मगर क्या आप जानते है कि इसकी मदद से बहुत कुछ किया जा सकता है?

जानें, कैसे आप फ्री ऐप्स की मदद से फिंगरप्रिंट सेंसर को बहुत काम का बना सकते हैं.

ऐप्स को लौक करें

आप अपने डिवाइस को फिंगरप्रिंट, पासकोड या पैटर्न की मदद से प्रोटेक्ट करते होंगे. कई बार ऐसा भी होता है कि एक ही डिवाइस को कई लोग यूज करते हैं. इसलिए आप अपने व्हाट्सऐप, फोटोज, कैलंडर या ईमेल वगैरह को सुरक्षित रखना चाहते होंगे. ऐसा तब जरूरी है जब आप अपना फोन बच्चों को यूट्यूब पर विडियो देखने या गेम खेलने के लिए देते हों.

गैलरी से फोटो छिपाएं

कई बार आप फोटो लेते हैं और उसे दिखाने के लिए फोन किसी और को दे देते हैं. तब अजीब लगता है जब वह स्वाइप करते हुए सारे फोटोग्राफ्स को देखने लग जाते हैं. इसके लिए आप Solo Photo ऐप से कुछ फोटोग्राफ्स को लौक कर सकते हैं. इससे गैलरी में वही फोटो दिखेंगे जो लौक्ड नहीं होंगे.

पासवर्ड सुरक्षित रखें

अलग-अलग अकाउंट्स के लिए अलग पासवर्ड्स रखना अच्छी बात है. मगर कई बार हम भूल जाते हैं कि कहां कौन सा पासवर्ड डालना है. इसके लिए आप LasPass ऐप इंस्टाल कर सकते हैं. इस पासवर्ड वौल्ट के अंदर आप अपने सभी पासवर्ड्स सेव कर सकते हैं. इस ऐप को फिंगरप्रिंट सेंसर से अनलौक किया जा सकता है.

शौपिंग को बनाएं सिक्यौर

गूगल प्ले स्टोर से फ्री ऐप्स तो आसानी से डाउनलोड हो जाते हैं मगर पेड ऐप्स के लिए गूगल प्ले स्टोर पासवर्ड मांगता है. इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि आप ही परचेज कर रही हैं, कोई और नहीं. आप इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अपने फिंगरप्रिंट सेंसर को इस्तेमाल कर सकते हैं.

गूगल प्ले स्टोर ओपन करें और सेटिंग्स में जाएं. यहां ‘fingerprint authentication’ को चेक करें. अगर आपने अपने डिवाइस पर फिंगरप्रिंट स्टोर किया है तो अब आप उसी की मदद से प्ले स्टोर पर ट्रांजैक्शंस कर पाएंगे.

फिंगरप्रिंट सेंसर की मदद से खींचें फोटो

बहुत सारे डिवाइसेज का कैमरा ऐप फिंगरप्रिंट पर टैप करने पर फोटो खींचने का फीचर देता है. अगर आपके कैमरा ऐप में यह सेटिंग नहीं है तो आप Dactyl खरीद सकते हैं. इस ऐप को खरीदने से पहले आप इसका फ्री ट्रायल वर्जन डाउलोड करके चेक सकते हैं कि यह आपके फोन पर काम करता है या नहीं.

प्राइवेट जर्नल

आपके वे डायरियां याद हैं जिनमें किनारे पर लौक लगा होता था? Journey इसी तरह का ऐप है, जिसे फिंगरप्रिंट से सिक्यौर किया जा सकता है. आप इसमें एंट्रीज डाल सकते हैं और क्लाउड की मदद से आपके सभी डिवाइसेज के साथ वे सिंक हो जाएंगी.

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