चेन्नई के चेपौक ग्राउंड (एमए चिदंबरम स्टेडियम) में 9 अक्टूबर के ही दिन 1987 में विश्वकप के एक रोमांचक मैच में औस्ट्रेलियाई टीम ने तब की विश्व विजेता टीम भारत को 1 रन से हरा दिया था. इस जीत को हासिल करने वाली कंगारू टीम अंत में इस टूर्नामेंट को जीतकर पहली बार विश्व विजेता बनी थी. चेन्नई के चेपौक में खेले गए मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए औस्ट्रेलिया ने 270 रन बनाए. इस तरह से भारत को 271 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन टीम इंडिया दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से ये लक्ष्य हासिल करने से एक रन से चूक गई.

बता दें कि पहले तीनों विश्व कप इंग्लैंड में खेले गए और साल 1987 में पहली बार इंग्लैंड से बाहर विश्व कप का आयोजन किया गया था. चौथा विश्व कप भारत में खेला गया. विश्व कप के ग्रुप ए के तीसरे मुकाबले में भारत और औस्ट्रेलिया की टीमें आमने सामने थीं. एम ए चिदंबरम स्टेडियम में भारत के कप्तान कपिल देव ने टौस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया था.

औस्ट्रेलिया की तरफ से सलामी बल्लेबाजी के लिए आए डीसी बून और जीआर मार्श. दोनों ने आते ही ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी शुरू कर दी और तेज गति से रन बनाने लगे. ज्योफ मार्श ने शानदार शतक लगाया. जवाब  में टीम इंडिया ने भी शानदार खेल दिखाया. भारत की तरफ से सलामी बल्लेबाजी के लिए आए सुनील गावस्कर और के श्रीकांत थें दोनों ने आते ही औस्ट्रेलियाई आक्रमण को धत्ता बताते हुए तेज बल्लेबाजी शुरू कर दी. दोनों ने हर गेंदबाज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

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