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साड़ी ड्रैपिंग : नो टैंशन

वैसे तो साड़ी ड्रैप करना अपनेआप में एक कला है, लेकिन अगर इस से जुड़ी जरूरी बातों और ट्रिक्स की सीख लिया जाए, तो इस से आसान काम और कोई नहीं होता.

मुंबई की फेमस सैलिब्रिटी साड़ी ड्रैपर डौली जैन कुछ आसान उपायों से साड़ी ड्रैपिंग की कला से परिचय करवा रही हैं:

– डौली बताती हैं कि साड़ी को 3 स्टैप्स में पहना जाता है- सब से पहले साड़ी को बेसिक टक करना होगा. इस के बाद साड़ी का पल्लू बनाना होगा. आप को ध्यान रखना होगा कि जितना लंबा साड़ी का पल्लू होगा, उतनी ही लंबी आप दिखाई देंगी. पल्लू को कंधे पर सैट करने के बाद उसे कमर तक ले कर आएं और फिर कमर के पास की पटली बना कर उसे टक करें. इस तरह आप परफैक्ट साड़ी ड्रैप कर सकती हैं.

– अगर आप को सुबहसवेरे साड़ी पहन कर जाना हो, तो रात को ही साड़ी का पल्लू सैट कर उसे पिनअप कर लें और हैंगर में लगा कर रख लें. इस से साड़ी पहनते वक्त आप का आधा समय बच जाएगा.

– सिल्क की साड़ी पहनते हुए ब्रौड पटली बनानी चाहिए. यदि आप इस की नैरो पटली बनाएंगी, तो इस से आप का पेट फूला दिखाई देगा, जो आप का लुक बिगाड़ सकता है.

– अधिक वजन वाली महिलाओं को नैट की साड़ी पहनने से बचना चाहिए. नैट की साड़ी शरीर के शेप को पूरी तरह से कवर कर लेती है, जिस की वजह से मोटापा उभर कर दिखाई देता है.

– रस्मों के दौरान गुजराती स्टाइल की साड़ी आप के लिए बेहद कंफर्टेबल रहेगी. इस स्टाइल में साड़ी का पल्ला सामने की ओर रहता है, जिस से आप उसे अच्छी तरह से संभाल पाती हैं.

– साड़ी के साथ कमरबंध पहनने का रिवाज बहुत पुराना है, लेकिन आजकल साड़ी के ऊपर लैदर बैल्ट और राजस्थानी तगड़ी पहनने का चलन है. डौली बताती हैं कि तगड़ी एक तरह का कमरबंध होता है, जो कमर की एक ओर पहना जाता है. इस के अलावा साड़ी के साथ चाबी का गुच्छा, ब्रोच और डायमंड चेन भी बेहद सुंदर दिखाई देंगी.

साड़ी पहनने से पहले रखें यह खयाल

आजकल युवतियां साड़ी के साथ डिजाइनर ब्लाउज पहनना पसंद करती हैं, जिन की कीमत लगभग साड़ी जितनी ही होती हैं. डौली के अनुसार ऐसे महंगे ब्लाउज का ध्यान रखने के लिए ब्लाउज पहनने से पहले अंडरआर्म्स पैड लगाने चाहिए. ये पैड्स पसीना रोकने में मदद करते हैं और ब्लाउज को अपनी जगह से हिलने नहीं देते. इस तरह आप कंफर्टेबल भी रहेंगी और पसीने से आप का ब्लाउज भी खराब नहीं होगा.

मरमेड स्टाइल साड़ी ड्रैपिंग

डौली के अनुसार मरमेड स्टाइल का चलन आजकल ज्यादा है. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि यह स्टाइल साड़ी पहनने के परंपरागत तरीके में आधुनिकता का मिश्रण है. शादी पार्टी में महिलाएं यह स्टाइल कैरी कर सकती हैं. इस स्टाइल को फौलो करने के स्टैप्स निम्नलिखित हैं:

– साड़ी के एक हिस्से को टक कर के एक फुल राउंड रैप करें.

– ध्यान रखें कि साड़ी फ्लोर से लगभग 1 इंच ऊपर रहे.

– अब साड़ी के दूसरे सिरे से पल्लू की प्लेट्स बनाएं.

– पल्लू प्लेट्स को पीछे से आगे की तरफ लाते हुए दाएं कंधे पर रखें.

– पल्लू की लटक फ्लोर से लगभग 5 इंच ऊपर रहनी चाहिए.

– साड़ी के बाकी हिस्से को अब टक कर लें.

– प्लेट्स का एक तरफ का सिरा पकड़ कर कमर के पीछे से घुमाते हुए आगे लाएं और  कमर से थोड़ा नीचे पिन करें. पिन किया हुआ सिरा पल्लू के नीचे रहे.

– इस स्टाइल के लिए कंट्रास्ट कलर के पल्लू वाली साड़ी चुनें.

सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने एक बार फिर की तूफानी गेंदबाजी

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर जब भी कोई बढ़िया प्रदर्शन करते हैं तो लोगों का ध्यान उनपर जाता ही है. अर्जुन के अच्छे प्रदर्शन को देखकर लगता है कि वह अपने पिता की तरह ही लोगों की अपेक्षाओं में खरे उतरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

अर्जुन तेंदुलकर के पांच विकेट के दम पर ही मुंबई ने आज कूच बिहार अंडर-19 ट्राफी में रेलवे को पराजित किया. कांदिवली के जिमखाना मैदान में खेले गए मैच में उन्हें मैच की पहली पारी में कोई सफलता नहीं मिली लेकिन दूसरी पारी में वापसी करते हुए उन्होंने 11 ओवर में 44 रन देकर पांच विकेट लिए. अर्जुन की गेंदबाजी के दम पर मुंबई ने रेलवे को दूसरी पारी में 136 रन पर समेट कर मैच को पारी और 103 रन से अपने नाम किया.

अर्जुन ने कई बार अपने प्रदर्शन से अपनी टीम के लिए अहम योगदान दिया है और तारीफ भी बटोरी है. इस सत्र में यह तीसरी बार है जब अर्जुन ने शानदार गेंदबाजी की है. उन्होंने तीन सप्ताह पहले मध्यप्रदेश के खिलाफ भी पांच विकेट और बाद में असम के खिलाफ चार विकेट चटकर अपनी टीम को जीत दिला चुके हैं.

क्या आपको पता है कि सचिन ने क्रिकेट में वो सारे मुकाम हासिल कर लिए जो उनके सामने आए, लेकिन एक सपना जो सचिन का क्रिकेट में था वह तो अधूरा रह गया. दरअसल, सचिन बल्लेबाज नहीं, तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. इसीलिए वह मुंबई से चेन्नई एमआरएफ पेस एकेडमी जा पहुंचे, लेकिन वहां पूर्व औस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज डेनिस लिली ने उनकी चाहत को खारिज कर दिया और उन्हें बल्लेबाज बनने की सलाह दी. सचिन की कद छोटी थी, जिसकी वजह से लिली ने उन्हें सलाह दी कि तुम बल्लेबाजी पर पूरा ध्यान क्यों नहीं लगाते..? और यहीं से सचिन के क्रिकेट जीवन की शुरुआत हुई, जिसे बाद में दुनिया ने ‘मास्टर ब्लास्टर’ का नाम दिया.

सचिन की जिंदगी में शायद यही एक अधूरा सपना था, लेकिन उनके बेटे अर्जुन की शानदार तेज गेंदबाजी, उनके प्रदर्शन और उन्हें मिल रही लगातार तारिफो को दिखकर लगता है कि शायद यह किस्मत का खेल ही है कि उनका बेटा अर्जुन तेंदुलकर उनके इस सपने को पूरा करने का जरिया बना है.

1 साल के हुए जूनियर नवाब, पटौदी में होगा जश्न

आज बौलीवुड के ये इस क्यूट और लिटिल सुपरस्टार का जन्मदिन है. आज से ठीक एक साल पहले सैफ और करीना कै घर नन्हें तैमूर के रूप में खुशियों ने दस्तक दी थी. तैमूर की पहली तस्वीर आते ही वह लोगों के दिलों पर राज करने लगे और जन्म के साथ ही वह स्टार बन गये और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे. जब उनके नाम की घोषणा हुई तो एक नई कंट्रोवर्सी शुरु हो गई. तैमूर की एक फोटो आती है तो सोशल मीडिया पर यूं वायरल होती है कि शाहरुख खान और सलमान खान की स्टारडम भी उनके सामने फीकी पड़ जाए.

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इसमें कोई शक नहीं है कि तैमूर अपनी मम्मी करीना जैसे दिखते हैं और उनकी हंसी भी बिल्कुल उनकी मम्मी करीना जैसी ही है. तैमूर के स्टाइल का भी कोई जवाब नहीं है. उनके एक्सप्रेशन भी करीना कपूर से कुछ कम नहीं है. तैमूर अली खान की ड्रेसिंग बिल्कुल पापा सैफ अली खान जैसी है. सैफ की तरह ही तैमूर का अंदाज भी कुछ कम रौयल नहीं है.

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वैसे अगर देखा सैफ अली खान और करीना कपूर ना कभी प्रेग्नेंसी छिपाने या फिर प्रेग्नेंसी के दौरान मीडिया को इग्नोर करने की कोशिश नहीं की बल्कि करीना कपूर ने हमेशा बेबी बंप फ्लौन्ट किया और मैटरिनिटी स्टाइल के मामले में ट्रेंड सेटर बनीं. कुछ इसी तरह से उन्होंने कभी भी तैमूर को भी मीडिया या कैमरों से छिपाने की कोशिश नहीं की. सैफ या करीना हमेशा तैमूर के साथ नजर आए और वो खुद भी तैमूर की लोकप्रियता से बखूबी वाकिफ हैं.

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और आज जब नन्हें तैमूर का पहला जन्मदिन है तो भला पापा सैफ और मम्मी करीना अपने बेटे के इस खास दिन को और ज्यादा खास बनाने से पीछे कैसे हट सकते हैं. आपको बता दे कि तैमूर का जन्मदिन आज पटौदी पैलेस में मनाया जा रहा है. कुछ दिन पहले बेटे तैमूर का जन्मदिन मनाने के लिए फिल्म अभिनेता सैफ अली खान परिवार के साथ पटौदी पैलेस में पहुंचे थे.

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हाल ही में वह बेटे तैमूर के साथ घोड़े पर नजर आए. उसके बाद सैफ तैमूर के साथ घोड़े की बजाय खेतों के पास ट्रैक्टर से चक्कर लगाते नजर आएं थे.

तैमूर के जन्मदिन के लिए खास तैयारियां की गई हैं. इसके लिए महल को रंगीन रोशनी से सजाया गया है. कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बड़ी हस्तियों के पहुंचने की उम्मीद है. करीना की बहन करिश्मा कपूर, उनकी मां बबीता भी वहां पहुंच चुकी हैं.

स्मार्टफोन हो गया है स्लो? अपनाएं ये उपाय

ज्यादातर लोग ऐंड्रायड स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं. ऐंड्रायड स्मार्टफोन के हैंग होने या फिर धीरे काम करने की वजह हमेशा ही बनी रहती है. जाहिर है कि आपके साथ भी यह परेशानी आई होगी. कुछ टिप्स अपनाकर आप इस परेशानी से निजात पा सकते हैं. जी हां, इन टिप्स के जरिए आपका ऐंड्रायड स्मार्टफोन सुपरफास्ट बन जाएगा.

ब्राउजर बदलें

ऐंड्रायड स्मार्टफोन में गूगल क्रोम ब्राउजर डिफाल्ट होता है. ये काफी हेवी ब्राउजर होता है. इस वजह से फोन की बैटरी और परफार्मेंस पर असर पड़ता है. इसके लिए आप ओपेरा ब्राउजर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

होम स्क्रीन क्लीन रखें

अगर आपका फोन धीरे काम कर रहा है, तो इसके लिए पहला स्टेप ये हो सकता है कि आप अपनी होम स्क्रीन को क्लीयर कर दें. इससे फोन की परफार्मेंस बढ़ जाएगी. होम स्क्रीन से लाइव वालपेपर और विजेट्स हटा दें.

बेकार ऐप्स हटा दें

हमारे फोन में कई ऐसी ऐप्स होती हैं, जो आपके फोन की परफौर्मेंस पर असर डालती हैं. इन ऐप्स का आपके फोन में कोई काम नहीं होता और शायद न ही आप इन्हें इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में इन्हें फोन से डिलीट करना बेहतर औप्शन है. इससे आपके फोन की स्पीड 15 फीसदी तक बढ़ जाएगी.

एंटी वायरस साफ्टवेयर हटा दें

अगर आपके फोन में कोई एंटीवायरस प्रोग्राम है तो इनसे आपका फोन स्लो हो सकता है. ऐसे में इस ऐप को डिलीट कर दें.

ऐप्स की औटो सीकिंग को बंद कर दें

सोशल मीडिया ऐप्स, वेदर एप्स तथा कई ऐसे ऐप्सी जो रिमोट सर्वर से कनेक्ट होकर औटो सिंक होते हैं. उनसे भी फोन की परफार्मेंस कम होती है. ऐसे ऐप्स हर 15 मिनट में अपडेट होते हैं.

नियमित रूप से रिबूट करते रहिए

फोन को कुछ दिनों के भीतर रीबूट करता रहना चाहिए. इससे फोन की परफार्मेंस ठीक रहती है.

नए साल पर अपनाएं ये खास उपाय, नहीं होगी भविष्य में पैसों की कमी

30-35 साल तक नौकरी या बिजनेस करने के बाद भी अधिकांश लोगों के पास रिटायरमेंट के बाद पैसा नहीं होता. कारण यह है कि आमतौर पर हम अपने करियर के शुरुआती सालों में सेविंग और इनवेस्टमेंट पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. फाइनेंशियल प्लानिंग के नजरिए से देखें तो इससे हम आसान सेविंग के सुनहरे साल खो देते हैं. रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग उसी वक्त शुरू कर देनी चाहिए, जब आप कमाना शुरू करते हैं. लेकिन अभी भी देर नहीं हुई है इस नये साल की शुरुआत के साथ आप बचत करने की शुरुआत भी कर सकते हैं ताकि भविष्य में आपको पैसो को लेकर चिंता न करना पड़े. तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं पांच ऐसे उपाय जिनका पालन कर आप अपने रिटायरमेंट के लिए करोड़ों रुपए का फंड बना सकते हैं.

आय का 10 फीसदी जरूर बचाएं

रिटायरमेंट प्लानिंग का पहला नियम है कि आप अपनी मासिक आय का 10 फीसदी जरूरी बचाएं. अगर आप नौकरी करते हैं तो आपके प्रोविडेंट फंड में इतनी रकम जाती है. आज आपको यह रकम थोड़ी लग सकती है लेकिन लंबी अवधि में कंपाउंडिंग की पावर इसे बड़ी रकम में तब्दील कर देगी. अगर आप नौकरी नहीं करते हैं और बिजनेस करते हैं तो आप अपनी आय का 10 फीसदी लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में लगा सकते हैं.

पीएफ फंड से बीच में न निकालें पैसा

आप जब भी नौकरी बदलते हैं तो आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग दांव पर होती है. इस समय आपके पास पीएफ निकालने या पीएफ ट्रांसफर कराने का विकल्प होता है. ऐसे में कई बार लोग तात्कालिक जरूरतों के लिए पीएफ निकाल लेते हैं. ऐसा करना अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को दांव पर लगाना होता है. अगर कोई आपात स्थिति न हो तो पीएफ निकालने से बचना चाहिए.

आय बढ़ने के साथ निवेश बढ़ाएं

लोग आय बढ़ने के साथ अपने निवेश में इजाफा करना जरूरी नहीं समझते. लेकिन ऐसा करना जरूरी है. आप अपनी आय में हुई बढ़ोतरी के मुताबिक हर साल अगर अपना निवेश बढ़ाते हैं तो आप बढ़ती हुई महंगाई से अपने फंड को सुरक्षित रखेंगे और रिटायरमेंट के लिए एक बड़ी रकम भी बचा सकेंगे.

बुरे समय के लिए इमरजेंसी फंड बनाएं

अगर आप चाहते हैं कि आपकी रिटायरमेंट की प्लानिंग पर कोई आंच न आए तो आप एक इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं. इमरजेंसी फंड आपकी मासिक आय का पांच गुना तक होना चाहिए. अगर शौर्ट नोटिस पर आपकी नौकरी चली जाती है तो कुछ महीने के लिए आप आसानी से अपने खर्चे को मैनेज कर सकते हैं और आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग पर भी इसका खास असर नहीं होगा.

बच्चों की शिक्षा के लिए लें लोन

माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा के लिए खास तौर पर सेविंग करते हैं. इससे उनकी रिटायरमेंट सेविंग प्रभावित होती है. आजकल बैंक आसानी से एजुकेशन लोन देते हैं. ऐसे में आप बच्चों की शिक्षा के लिए लोन ले सकते हैं. इससे आपकी रिटायरमेंट सेविंग में कोई बाधा नहीं आएगी.

भारत में लौंच हुई सबसे तेज ई स्कूटर, जाने फीचर्स

जापान की दुपहिया वाहन निर्माता कंपनी ओकिनावा (okinawa) टू-व्हीलर्स ने नए स्कूटर की लौन्चिंग के साथ ही भारतीय बाजार में धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराई है. यह जापानी कंपनी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाती है. इससे पहले कंपनी ने इंडियन मार्केट में 2016 में इलेक्ट्रिक स्कूटर ‘रिज’ को पेश किया था. अब लौन्च किए गए ‘प्रेज’ को ‘रिज’ का बेहतर वर्जन माना जा रहा है. भारत में बढ़ते प्रदूषण के बीच ओकिनावा सबसे तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी है. आपको बता दें कि ‘प्रेज’ ओकिनावा का हाईस्पीड स्कूटर है. इसकी दिल्ली में एक्स शोरूम कीमत 59,889 रुपए रखी गई है.

ओकिनावा के ‘प्रेज’ में 1000 वौट की दमदार मोटर लगाई गई है. यह मोटर 3.35 bhp की पावर पैदा करती है. फुल चार्ज करने पर यह एक बार में 175 से 200 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है. कंपनी का दावा है कि इसे सड़क पर आप 75 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ा सकते हैं. इसे फुल चार्ज करने में 2 घंटे का समय लगता है. इस इलेक्ट्रिक स्कूटर का औनरोड प्राइज करीब 66,000 रुपए रहेगा.

एक किमी का खर्च

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कंपनी के अनुसार इसे एक किमी चलाने का खर्च महज 10 पैसे है. यानी यदि आप 10 किमी की यात्रा प्रेज से करते हैं तो महज 1 रुपए का खर्च आएगा. अमूमन पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर से इतनी ही दूरी तय करने पर करीब 15 रुपए का खर्च आता है. इस हिसाब से यह स्कूटर आपके लिए किफायती साबित होगा. स्टाइलिश लुक वाले इस स्कूटर के दोनों पहियों में डिस्क ब्रेक लगे हैं.

डिटचेबल बैटरी

अभी बाजार में चल रहे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में सबसे बड़ी समस्या इनकी चार्जिंग को लेकर बनी रहती है. लेकिन कंपनी ने प्रेज में इस समस्या का भी समाधान निकालने की कोशिश की है. प्रेज में ओकिनावा ने डिटचेबल बैटरी लगाई है, इस बैटरी को आप कहीं भी ले जाकर चार्ज कर सकते हैं. यानी आप तीसरे माले पर रहते हैं तो इसकी बैटरी को अपने घर पर ले जाकर सुरक्षित तरीके से चार्ज कर सकते हैं. कुल मिलाकर ओकिनावा का यह स्कूटर ई-स्कूटर बाजार को मजबूती देगा.

सेफ्टी फीचर

ओकिनावा ने इस इलेक्ट्रिक स्कूटर के निर्माण में सेफ्टी फीचर्स का खासतौर पर ध्यान रखा है. 12 इंच के पहियो के साथ ही ‘प्रेज’ के फ्रंट में ट्विन डिस्क ब्रेक्स दिए गए हैं. इसके अलावा रियर में भी सिंगल डिस्क ब्रेक लगा है. यह डिस्क ब्रेक 75 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर आसानी से स्कूटर को कम दूरी में रोकने में मदद करता है. इस स्कूटर की बुकिंग 2000 रुपए में हो रही है.

एलईडी हैडलैंप

रात में सड़कों पर चलने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए स्कूटर में डेटाइम रनिंग लाइट वाला एलईडी हैडलैंप है. साथ ही एलईडी टेललाइट और इंडीकेटर इसके लुक को और दमदार बनाते हैं. इस महीने के आखिर में इसकी डिलीवरी होने की उम्मीद की जा रही है. फिलहाल कंपनी इसे हाल ही में बनाई गई 106 डीलरशिप के माध्यम से बेचेगी. कंपनी 2018 में 150 डीलरशिप और 2020 तक देश में 500 आउटलेट बनाने वाली है. स्कूटर में इस सबके अलावा भी कई बेहतरनी फीचर्स दिए गए हैं जिनमें साइड-स्टैंड सेंसर, कीलेस एंट्री, फाइंड माय स्कूटर फंक्शन और एंटी थेफ्ट मैकेनिजम शामिल हैं.

राजकुमार राव ने की फराह खान की बोलती बंद, किये कई खुलासे

बौलीवुड एक्टर राजकुमार राव और डायरेक्टर-कोरियोग्राफर फराह खान हाल ही में एक शो में नजर आए थे. ‘टैप कास्ट’ शो के अंदर दोनों सेलेब्स के बीच इंडस्ट्री से जुड़ी कई बातें हुईं. कई मुद्दे तो ऐसे थे जो हाल फिलहाल में सुर्खियों में छाए रहे जैसे – नेपोटिज्म. इसके अलावा फराह और राजकुमार राव के बीच इंडस्ट्री में होने वाली गौसिप, रूमर्स, एंबीशियन और रिजेक्शन की भी बातें हुईं.

इस दौरान राजकुमार राव से एक सवाल किया गया जिसमें उन्होंने एक समय इंडस्ट्री में अपने रिजेक्शन फेस करने की बात को जगजाहिर की, राजकुमार ने अपने रिजेक्शन का कारण बताया उनका चेहरे के रंग को. राजकुमार बताते हैं, ‘मैं फेयर एंड लवली नहीं लगाता था, मैं अपनी स्किन के कलर पर बहुत गर्व करता हूं, मैं एक एक्टर हूं. मैं यहां अपने फेयरनेस को बेचने नहीं आया हूं, इन चीजों पर हंसता हूं मैं. ऐसे लोगों का मानना है कि हीरो मतलब- गोरा चिट्टा, 6 फुट का.’

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वहीं राजकुमार ने इंडस्ट्री में अपने रिजेक्शन को लेकर एक और बात शेयर की. राजकुमार कहते हैं कि वह पारसी रोल प्ले करना चाहते थे. लेकिन उन्हें इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि वह गोरे नहीं थे. इस पर फराह ने कहा, ‘पर आप पारसी जैसे नहीं दिखते हैं.’ तभी राजकुमार ने फराह को जवाब दिया कि नसीरुद्दीन शाह ने तो ‘पेस्टोनजी’ में पारसी का किरदार निभाया था.

ऐसे में फराह जवाब देती हैं, ‘ उनकी आवाज पारसी जैसी है और वह पारसी जैसा व्यवहार भी करते हैं.’ वहीं राजकुमार भी कहते हैं कि वह भी पारसी जैसे दिख सकते हैं. आपको नहीं लगता कि मैं पारसी का रोल प्ले नहीं कर सकता. फराह इस दौरान सकारात्मकता से हां करती हैं.

लेकिन उसी वक्त फराह इस बात पर भी जोर देती हैं और कहती हैं कि उचित समय पर आप वैसे नहीं दिखेंगे. उदाहरण देते हुए फराह कहती हैं, ‘अब आप अफ्रीकन-अमेरिकन का किरदार निभाएंगे तो उनके जैसे नहीं दिखेंगे, आप नहीं कर पाएंगे.’

टी20 में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन पर गुस्साए दर्शकों ने फेंकी बोतलें

भारत-श्रीलंका के बीच टी20 सीरीज का पहला मैच कटक के बाराबाती स्टेडियम में बुधवार (20 दिसंबर) को खेला जाएगा. भारत मेहमान श्रीलंका के खिलाफ इस टूर्नामेंट में भले ही टेस्ट और वनडे सीरीज अपने नाम कर चुका हो मगर कटक में भारत का रिकौर्ड टी20 फौर्मेट में बेहद खराब रहा है. टीम इंडिया ने हालांकि इस मैदान पर महज 1 टी20 मुकाबला खेला हो लेकिन उस मैच में उसकी यादें बेहद कड़वी रही हैं.

5 अक्टूबर 2015 को साउथ अफ्रीका के विरुद्ध खेले गए उस मैच में टीम इंडिया महज 92 रनों पर औलआउट हो गई थी. पहले बल्लेबाजी करते भारत को शिखर धवन (11) के रूप में महज 28 रन पर पहला झटका लग चुका था. वहीं सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (22) और विराट कोहली (1) भी कुछ खास नहीं कर सके. हालांकि सुरेश रैना (22) ने टीम को काफी हद तक संभालने की कोशिश की मगर दूसरे छोर पर कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं पा रहा था.

दर्शकों को उम्मीद थी की धोनी मैदान पर आकर टीम को संभालेंगे लेकिन माही भी महज 5 रन बनाकर चलते बने. आलम ये रहा कि 17.2 ओवर में ही टीम सिर्फ 92 रन पर सिमट गई. साउथ अफ्रीका की ओर से एल्बी मोर्कल ने सबसे अधिक 3 विकेट झटके वहीं इमरान ताहिर, क्रिस मौरिस 2-2 और कगीसो रबाडा 1 शिकार करने में कामयाब रहे.

आसान से टारगेट का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत भी कुछ खास नहीं रही और उसे हाशिम अमला के रूप में जल्द पहला झटका लग गया लेकिन लक्ष्य इतना कम था कि साउथ अफ्रीका पर इससे कोई मानसिक दबाव नहीं बना और उसने जेपी ड्यूमिनी (30) के दम महज 17.1 ओवर में ही 4 विकेट के नुकसान पर जीत दर्ज कर ली.

भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन ने 24 रन देकर 3 विकेट झटके, जबकि उनके अलावा अक्षर पटेल ने 1 विकेट झटका मगर कोई अन्य गेंदबाज साथ नहीं निभा सका. ये देख दर्शकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था. हालात ये रहे कि भारत के इस घटिया प्रदर्शन से भड़के दर्शकों ने मैदान पर पानी की बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं. सुरक्षाकर्मियों ने फैंस को किसी तरह शांत करवाया, जिसके बाद मैच जैसे-तैसे खत्म करवाया गया लेकिन ये मुकाबला टीम इंडिया के लिए किसी कड़वी याद से कम नहीं रहा.

अगर किसी ने आपके फोन को छुआ तो बजने लगेगा अलार्म, जाने कैसे

आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, कई बार आप किसी दूसरे के घर जाते हैं और आप फोन को कहीं रख देते हैं. ऐसी स्थिति में आपके फोन को अगर कोई आपकी मर्जी के बिना भी टच करेगा तो आपको इसका पता नहीं चलेगा. कई बार बच्चे भी कहीं रखे फोन के साथ छेड़छाड़ करने लगते हैं. ऐसी स्थिति में फोन को खराब होने की आशंका भी रहती है.

सोचिए कि अगर आपके फोन को कोई टच करे और उसमें अलार्म बजने लगे. अगर ऐसा हो जाए तो आपकी मर्जी के बिना कोई आपका फोन टच नहीं कर पाएगा. तो ऐसा मुमकिन है, जी हां आपने बिल्कुल सही पढ़ा ऐसा मुमकिन है. आज हम आपको ऐसे ही तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं, अगर कोई आपकी मर्जी के बगैर आपके फोन के साथ छेड़छाड़ करेगा तो फोन में अलार्म बजने लगेगा. तो चलिए जानते हैं क्या है ट्रिक.

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दरअसल इसके लिए आपको अपने फोन में एक मोबाइल ऐप डाउनलोड करनी होगी. इसके लिए आपको गूगल प्ले स्टोर से Don’t Touch My Phone – #1 Anti Theft Alarm मोबाइल ऐप को इंस्टौल करना है. इसके बाद जब भी आप अपने फोन को कहीं रखें तो इसे एक्टिवेट कर दें. यह ऐप फोन लौक होने पर भी काम करता है.

फोन अगर कहीं रखा है और इसे कोई टच करेगा तो अलार्म बजने लगेगा. यह अलार्म तब तक बजता रहेगा जब तक कि इसे बंद न कर दिया जाए. यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर बिल्कुल फ्री है. इस ऐप को डेवलेपर ने 15 दिसंबर 2017 को ही अपडेट किया है. इस अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग इस्तेमाल कर चुके हैं.

अगर आप चाहें तो गूगल प्ले स्टोर से ऐसा ही दूसरा ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं. इस ऐप का नाम है Dont touch my phone 2017. इस ऐप को भी 15 दिसंबर 2017 को डेवलेपर ने अपडेट किया है. यह एंड्रौयड के 2.3 और इससे ऊपर के सभी वर्जनों में काम करती है. इसे अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग इस्तेमाल कर चुके हैं. गूगल प्ले स्टोर पर इसे 4.4 रेटिंग मिली हुई है.

बार बार बलात्कार : भूल जाइए कि यह समाज बदलेगा

कहते हैं कि रेप की शिकार का 2 बार रेप होता है. एक बार तब जब उस के अंगों में प्रवेश किया जाता है और दूसरा तब जब वह उस पहले रेप की शिकायत करने जाती है. भोपाल की एक लड़की के साथ गैंगरेप हुआ पर रेप के बाद 4 दिनों तक वह थानों के चक्कर काटती रही. एक दिन उसे एफआईआर लिखाने में लगा. दूसरे दिन पुलिस ने सारे दिन उस के बयान लिए. तीसरे दिन मैडिकल चैकअप के लिए पुलिस वालों के साथ अस्पताल में रही और चौथे दिन सोनोग्राफी के लिए गई.

बारबार उस से पूछा गया कि उस के साथ क्या हुआ, कैसे हुआ, कितना हुआ, कितने लोग थे, वे लोग किस तरह के दिखते थे. इस तरह के सवाल कांस्टेबलों ने ही नहीं पूछे बल्कि अफसरों, यहां तक कि महिला अफसरों ने भी पूछे. किसी को हमदर्दी नहीं थी, किसी ने सांत्वना नहीं दी, किसी ने मामले को तुरंत समाप्त करने की कोशिश नहीं की.

इस तरह के हर मामले में रेप पीडि़ता को परेशान किया जाता है क्योंकि पुलिस थानों में इस तरह के रेप करना बहुत आम है. देशभर के पुलिस वाले अपराधी महिलाओं और अपराधियों की मां, बहनों, बेटियों के साथ अपराधी को तोड़ने के लिए उन के सामने रेप करने के हथकंडे अपनाते हैं. यह मामला शिकायत नहीं बनता क्योंकि उस से अपराधी का मामला बिगड़ जाता है. फिर शिकायत केवल मीडिया में की जा सकती है या अदालत में और अपराधी के परिवार वालों की गंभीरता से कोई सुनता ही नहीं.

यही वजह है कि आमतौर पर रेप विक्टिम चुप ही रह जाती हैं क्योंकि वे अपने कीमती साल बरबाद नहीं करना चाहतीं.

समाज की मानसिकता भी वही है जो पुलिस वालों की है कि रेप की गई लड़की ने कहीं न कहीं कोई गलती तो की ही होगी. घरों में जब रेप न हो तो इस तरह के सवाल उठते ही हैं और घरों में होने वाले रेप की शिकायत करने का अर्थ है घर वालों और रिश्तेदारों का गुस्सा सहना.

वैसे भी पुरुष मानसिकता को बदलना फिलहाल कठिन ही है कि औरत प्रजाति बनी ही सैक्स के लिए है. पुलिस वाले तो आते ही उस पृष्ठभूमि से हैं जहां औरतों को वैसे भी पैर की जूती समझा जाता है. उन्हें उस तरह की लड़कियों से कोई सहानुभूति नहीं होती है. वे तो उस रेप की शिकार लड़की का रेप करने को उत्सुक रहते हैं. उन के सवाल और उन की निगाहें ही दूसरा रेप करती हैं.

यह रेप कम नहीं होता. जैसेजैसे मामला बढ़ता है, यह और तीखा होता है. अदालतों में सालों लगते हैं. अपराधी जहां खुले सांड की तरह घूमता है वहीं लड़की हर रोज तड़पती है, रोती है, कलपती है, तीखी निगाहों का शिकार बनती है. अगर वह चुप रहती तो दर्द 2-4 दिनों में चला जाता, पर अधिकार के लिए बोल कर वह दर्द को सौ गुना कर डालती है. जिस समाज में मासिकधर्म में मुंह छिपाया जाता है वहां रेप पीडि़ता को न आदर मिलता है न राहत. यह समाज बदलेगा, भूल जाइए.

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