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स्पाइसी ट्रीट : स्टफ्ड बैंगन

स्टफ्ड बैंगन

सामग्री

– 250 ग्राम छोटे गोल बैगन

– 1 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 2 छोटे चम्मच धनिया पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच देगी मिर्च पाउडर

– 1 छोटा चम्मच सौंफ पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

– 2 छोटे चम्मच अमचूर पाउडर

– 1/4 कप प्याज का पेस्ट

– 1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन पेस्ट

– 3 बड़े चम्मच सरसों का तेल

– नमक स्वादानुसार.

विधि

बैगनों को धोपोंछ कर रख लें. 2 बड़े चम्मच तेल गरम कर के प्याज व अदरकलहसुन का पेस्ट डालें. फिर सारे सूखे मसाले डाल कर भून लें. प्रत्येक बैगन में चाकू की सहायता से क्रौस काटें. बस ध्यान रहे कि बैगन नीचे से जुड़े रहें. अब सभी बैगनों में मसाला भर दें. 1 बड़े चम्मच तेल को नौनस्टिक कड़ाही में गरम कर धीमी आंच पर बैगनों को उलटतेपलटते शैलो फ्राई कर लें. इन्हें ऐल्यूमिनियम फौयल में अलगअलग रैप कर के ले जाएं.

VIDEO : कलरफुल डॉटेड नेल आर्ट

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दांपत्य में दीवार न बने इंटरनैट, पेश हैं कुछ सुझाव

वैसे तो इंटरनैट ऐसी तकनीक है, जिस के फायदे गिनने लग जाएं तो समय कम पड़ जाए. लेकिन इस ने आम आदमी की जिंदगी में जो हड़कंप मचा रखा है वह भी कम नहीं है. एक जमाना था जब 4 लोग भी साथ बैठ जाएं तो हल्ला हो जाता था, आज 40 भी बैठ जाएं तो आवाज नहीं निकलती.

इंटरनैट क्रांति ने व्यवस्था को हिला कर रख दिया है. इस का सब से नकारात्मक प्रभाव पतिपत्नी के रिश्तों पर पड़ा है, क्योंकि मोबाइल ने बैडरूम में भी अपनी गहरी पैठ बना ली है. पहले जो समय पतिपत्नी एकदूसरे की बातें सुनने या लड़ाईझगड़े में बिताते थे, आज उस समय को मोबाइल खा रहा है. जहां दूर के लोगों के साथ बोलनाबतियाना बहुत अच्छा लगता है, वहीं अपने साथी की बातें कड़वी लगती हैं.

पतिपत्नी के रिश्ते के बीच में किसी का भी आना नुकसानदायक ही होता है. फिर चाहे वह मोबाइल ही क्यों न हो.

बैडरूम का समय पतिपत्नी दोनों का निजी समय होता है. आप दिन भर जो भी करें, जितने भी व्यस्त रहें सिर्फ बैडरूम के अंदर का समय एकदूसरे को देंगे तो भी हालात नियंत्रण में रहेंगे और घर की खुशियां बरकरार रहेंगी.

बैडरूम के अलावा बेहतरीन कफल टाइम बिताने के कुछ तरीके पेश हैं:

लेट नाइट ड्राइव: ज्यादातर पतिपत्नी डिनर के बाद बैड पर जाते ही नैट की दुनिया में खो जाते हैं. कभीकभी नैट को छोड़ पार्टनर के साथ नाइट ड्राइव के बारे में सोचें. कभी आईसक्रीम खाने के बहाने तो कभी खुली हवा में सैर के बहाने.

कौफी और हम दोनों: डिनर के बाद टैरेस या बालकनी में हौट कौफी के साथ रोमांटिक गपशप करें. एकदूसरे से न भी की बातें शेयर करें.

क्विक आउटिंग: घर से बाहर जाने के लिए वीकैंड का इंतजार क्यों? कभीकभी वीक डे में जब शाम को औफिस से जल्दी निकलें, तो पहले से ही तय पौइंट पर पार्टनर को बुलाएं और मौल या नजदीकी मार्केट घूमने का मजा लें.

सर्फिंग भी शौपिंग भी: नैट पर अकेले व्यस्त रहने के बजाय पार्टनर के साथ भी कभीकभी शौपिंग साइट्स विजिट करें. यकीन मानिए यह पार्टनर के साथ समय बिताने का बेहतरीन तरीका साबित होगा.

ज्यादातर लोग ऐंजौय करने के लिए अवसरों या सही समय का इंतजार करते रहते हैं जबकि छोटेछोटे पल उन्हें बड़ी खुशियां देने के कितने ही अवसर देते हैं. बस, जरूरत है इन पलों के सही उपयोग करने की.

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खुद की क्रिप्टोकरेंसी लाने की तैयारी में जुटा फेसबुक

बिटकौइन में ट्रेड करने वाले लोगों के लिए एक और नई क्रिप्टो करेंसी आ सकती है. दरअसल, सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने की प्लानिंग कर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने एक ब्लौकचेन डिविजन बनाया है, जिसे फेसबुक मैसेंजर के पूर्व हेड डेविड मार्कस लीड कर सकते हैं. डेविड मार्कस सीधे कंपनी के चीफ टेक्नीशियन औफिसर को रिपोर्ट करेंगे. हालांकि, इस ब्लौकचेन का क्या मकसद है अभी यह साफ नहीं किया गया है.

मार्कस ने किया फेसबुक पोस्ट

डेविड मार्कस ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में यह जानकारी साझा की है. ऐसी अफवाहें भी हैं कि फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने की तैयारी में हैं. हालांकि, इस संबंध में थोड़ी ही जानकारी अभी दी गई है. अभी मार्कस की टीम इस पर काम कर रही है. फेसबुक क्रिप्टोकरेंसी की रिपोर्ट के बाद ‘द वर्ज’ को दिए गए एक बयान में फेसबुक ने कहा है, ‘दूसरी कंपनियों की तरह फेसबुक भी ब्लौकचेन टेक्नौलोजी में संभावनाएं तलाश कर रही है. इसके लिए एक छोटी टीम है जो इसे एक्सप्लोर कर रही है. फिलहाल हमारे पास इससे ज्यादा शेयर करने को कुछ नहीं है’

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ब्लौकचेन की टीम तैयार

मार्कस ने कहा ‘फेसबुक मैसेंजर के साथ करीब 4 बेहतरीन साल गुजारने के बाद मेरे यह निर्णय लिया है कि कुछ नई चुनौतियों को लिया जाए. मैनें एक छोटी टीम तैयार की है. फेसबुक के लिए हम ब्लौकचेन में क्या कर सकते हैं इसकी संभावनाएं तलाशेंगे.

क्रिप्टोकरेंसी से किसे फायदा?

रिपोर्ट के मुताबिक, डेविड मार्कस फेसबुक से पहले पे-पल का हिस्सा थे, जो दुनिया की बड़ी औनलाइन ट्रांजैक्शन कंपनियों में से एक है. दिसंबर 2017 में वो अमेरिकी क्रिप्टोकरेंसी एक्स्चेंज कौइनबेस के बोर्ड में भी शामिल हुए थे. सवाल ये है कि अगर फेसबुक क्रिप्टोकरेंसी लाती है तो इससे कंपनी और यूजर्स का क्या फायदा होगा और यह काम कैसे करेगा. आने वाले कुछ समय में ये साफ होगा.

क्या है ब्लौकचेन?

दरअसल, ब्लौकचेन टेक्नोलोजी एक तरह की ट्रांजैक्शन लिस्ट का रिकौर्ड है (डिजिटल लेजर) जिसे क्रिप्टोग्राफी से लिंक और सिक्योर किया जाता है. हर ब्लौक में एक हैश प्वौइंटर होता है, जो इसे दूसरे ब्लौक से जोड़ता है. यह टेक्नोलोजी दो लोगों के बीच हुए ट्रांजैक्शन को रिकौर्ड कर सकता है. इसमें रिकौर्ड की जानकारियां कौपी नहीं की जा सकती हैं. यह डेटाबेस क्लाउड पे होते हैं ताकि इसमें ना कोई छेड़छाड़ कर सके और न ही स्पेस की कमी हो. आसान शब्दों में कहा जाए तो ब्लौकचेन एक टेक्नोलौजी है, जिससे Bitcoin का भी कारोबार चलता है.

कौइन जैसा औफर नहीं

सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक के पास फिलहाल क्वौइन जैसा कुछ औफर करने का प्लान नहीं है. गौरतलब है कि ब्लौकचेन की टीम नए प्लेटफौर्म और इंफ्रा के तहत काम करेगी, जिसकी जिम्मेदारी कंपनी के चीफ टेक्नोलोजी औफिसर माइक शोरोफर को दी गई है. फिलहाल, माइक फेसबुक के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वर्चुअल रियलिटी डिपार्टमेंट संभाल रहे हैं.

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लंबे समय बाद काजोल कर रही हैं इस फिल्म से बड़े परदे पर वापसी

लंबे समय से बड़े परदे से दूर हो चुकीं अजय देवगन की पत्नी और अभिनेत्री काजोल एक बार फिर फिल्मों में वापसी करने को तैयार हैं. काजोल ने निर्देशक प्रदीप सरकार की फिल्म ‘ईला’ साइन की है. गौरतलब है कि इस फिल्म से पहले काजोल पिछली बार तमिल फिल्म ‘वीआइपी 2’ में अभिनेता धनुष के साथ और रोहित शेट्टी की फिल्म ‘दिलवाले’ में शाहरुख खान के साथ दिखाई दी थीं.

बता दें कि सालों बाद काजोल और अजय देवगन किसी एक प्रौजेक्ट से जुड़ रहे हैं. हालांकि अजय फिल्म में अभिनय नहीं बल्कि प्रदीप सरकार के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘ईला’ को प्रोड्यूस कर रहे हैं. यह फिल्म 14 सितंबर को इसी साल रिलीज होगी.

काजोल की यह फिल्म निर्देशक आनंद गांधी के गुजराती प्ले ‘बेटा कागड़ो’ पर आधारित है. इस फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रिद्धी सेन काजोल के बेटे की भूमिका निभाएंगे. काजोल इस फिल्म में मां के अलावा पेशे से गायिका होंगी.

खबरों की मानें तो फिल्म में नेहा धूपिया भी एक अहम किरदार में नजर आएंगी. अजय देवगन का कहना है कि ‘ईला’ में उनके लायक कोई रोल नहीं था इसलिए उन्होंने यह कहानी काजोल को सुनाई. कहानी सुनते ही काजोल बेहद प्रभावित हो गईं और फिल्म की मुख्य भूमिका करने के लिए तैयार भी हो गईं.

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विराट कोहली को उनकी दाढ़ी और टैटू से है बेहद प्यार

भारतीय कप्तान विराट कोहली अभी अपने करियर के चरम पर हैं वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफलताओं के नए नए रिकौर्ड बनाते जा रहे हैं. वहीं आईपीएल में भी उनका बल्ला जमकर बोल रहा है. साल 2018 के आईपीएल में अपनी टीम बेंगलुरु के प्रदर्शन के उतार चढ़ाव के बावजूद वे अपनी टीम को आगे बढ़ाते हुए नजर आ रहे है. एक समय आईपीएल की अंक तालिका में नीचे पहुंचने के बाद खुद जिम्मेदारी लेते हुए टीम को आगे लेकर आए और अब प्लेऔफ की दौड़ में उन्होंने अपनी टीम को बनाए रखा है.

विराट एक खिलाड़ी के तौर काफी मशहूर हैं और उनकी ब्रैंड वेल्यू भी बहुत ज्यादा है. हाल ही में वे टाइम पत्रिका की इस साल की दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची में विराट कोहली शामिल हैं. इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर का ही नाम आया है. विराट खुद एक फैशन स्टेट्मेंट हैं. उनके पहनावे से लेकर उनके टैटूज तक काफी मशहूर हैं.

इन दिनों विराट दाढ़ी में नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि वे अपनी दाढ़ी को नहीं कटवाएंगे क्योंकि यह उन पर अच्छी लगती है. विराट ने एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मुझे वास्तव में यह पसंद है. मुझे लगता है कि यह मुझ पर अच्छी लगती है. इसलिए मैं इसे नहीं कटवाऊंगा.’’

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भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे घरेलू सत्र के दौरान दाढ़ी रखी थी लेकिन रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या और रविंद्र जडेजा ने हाल में दाढ़ी कटवा दी थी. इससे पहले भी जब जडेजा ने इंस्टाग्राम पर दाढ़ी बनाने की चुनौती दी थी तो तब भी कोहली ने दाढ़ी काटने से इन्कार कर दिया था.

टैटूज के भी काफी शौकीन हैं विराट

विराट अपने लुक्स का काफी ध्यान रखते हैं. दाढ़ी उनकी आती जाती रहती है. इसके अलावा विराट कोहली को टैटूज पसंद हैं और उनके टैटूज मैदान पर उनकी आक्रमक छवि के साथ देते लगते हैं. विराट कोहली के बाएं बाजू पर तीन बड़े टैटू हैं इनमें सबसे खास टैटू जापानी समुराई योद्धा का है. यह जापानी समुराई हाथ में एक तलवार लिए हुए है जिसे वे अपना गुडलक मानते हैं. इसके अलावा इस बाजू पर शांति और शक्ति के स्थान का प्रतीक मोनेस्ट्री का टैटू है.

विराट के बाएं बाजू में कैलाश पर्वत के मानसरोवर में ध्यानमग्न अवस्था में भगवान शिव का टैटू है. अपने माता पिता के प्रति प्यार दिखाते हुए उन्होंने बाजू के पिछले हिस्से में ऊपर की ओर अपने माता-पिता का नाम हिंदी में बनवाया हुआ है. बाएं हाथ के कंधे पर गौड्स आई का टैटू है, जो देखने की शक्ति का प्रतीक है. जिसके ठीक पीछे विराट ने नेगेटिव एनर्जी से बचने के लिए ओम (ॐ) का टैटू बनाया हुआ है.

विराट के दाएं बाजू में उन्होंने अपने जोडियेक साइन स्कौर्पियो(वृश्चिक) का टैटू बनाया हुआ है. इसके अलावा उन्होंने एक चाइनिज सिंबल बनाया है, जो विश्वास का प्रतीक है.

आईपीएल में टीम की उम्मीदों को जिंदा रखा है विराट ने

विराट की टीम को इस आईपीएल में पहले मैच में बढ़िया प्रदर्शन के बाद एक के बाद एक कई हार का सामना करना पड़ा था. कभी गेंदबाजों ने खराब प्रदर्शन किया तो कभी फील्डिंग की वजह से टीम ने मैच गंवाया, तो कभी टीम ने शानदार प्रदर्शन के बावजूद नजदीकी मुकाबले हारे. हालात यह हो गए कि टीम को प्लेऔफ में जाने के लाले पड़ गए. लेकिन विराट ने एक के बाद एक मैच जिताते हुए टीम को अभी मजबूत स्थिति में पहुचा दिया है. हालांकि टीम को अभी भी बचे दोनों ही मैच जीतने हैं.

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एसबीआई कार्ड धारकों को मुफ्त में मिलेगी ट्रेन टिकट

अगर आप अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (IRCTC) एसबीआई कार्ड के जरिए फ्री ट्रेन टिकट का औफर दे रहा है. फ्री ट्रेन टिकट का औफर केवल आईआरसीटीसी एसबीआई प्लेटिनम कार्ड (IRCTC SBI Platinum Card) इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को दिया जा रहा है.

यह जानकारी आईआरसीटीसी की तरफ से अपने ट्विटर हैंडल पर दी गई. आपको बता दें कि आईआरसीटीसी एसबीआई प्लेटिनम कार्ड में 350 रिवार्ड प्वाइंट, 1.8 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज वेवर, 2.5 प्रतिशत फ्यूल सरचार्ज वेवर और रेलवे टिकट पर 10 फीसदी वैल्यू बैक का औफर दिया जा रहा है.

फ्री में रेलवे टिकट लेने के लिए सबसे पहले आपके पास आईआरसीटीसी एसबीआई प्लेटिनम क्रेडिट कार्ड होना जरूरी है. इसके साथ ही एसबीआई के इस कार्ड पर और भी कई फायदे मिल रहे हैं. आगे पढ़िए किस तरह आपको भी इस कार्ड के जरिए फ्री में रेलवे टिकट मिल सकता है.

1.8 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज की छूट

अगर आप आईआरसीटीसी एसबीआई प्लेटिनम कार्ड के जरिये www.irctc.co.in से टिकट कराते हैं तो आपको 1.8 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज से छूट मिलती है. इसके लिए टिकट बुकिंग के समय आपको ट्रांजेक्शन चार्ज देना होगा, लेकिन बाद में यह वेव औफ होकर आपके क्रेडिट कार्ड के खाते में आ जाता है.

ऐसे मिलेगा फ्री ट्रेन टिकट

IRCTC SBI Platinum Card से शौपिंग, रेस्टोरेंट में खर्च करने और अन्य खर्चा करने पर आपको रिवार्ड प्वाइंट मिलते हैं. कार्ड से 125 रुपये खर्च करने पर ग्राहक को एक रिवार्ड प्वाइंट मिलता है. इस तरह प्राप्त किए गए रिवौर्ड प्वाइंट के एकत्रित होने पर आप irctc.co.in से टिकट बुक कराते समय इन्हें रिडीम करा सकते हैं. जब आपके टिकट की वैल्यू और रिवौर्ड प्वाइंट की वैल्यू बराबर हो जाए तो आप इन्हें रिडीम कर सकते हैं.

2.5 प्रतिशत ट्रांजेक्शन फी से छूट

IRCTC SBI Platinum Card से पेट्रोल या डीजल खरीद पर 2.5 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज से भी राहत मिलेगी. यह सुविधा सभी पेट्रोल पंप से 500 से लेकर 3000 रुपये तक का औयल खरीदने पर मिलेगी. उदाहरण के लिए आप अगर कार्ड से 500 रुपये का पेट्रोल लेते हैं तो आपको इस पर 2.5 प्रतिशत यानी 12.5 रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज देना होता है. लेकिन इस कार्ड से ट्रांजेक्शन करने पर आपको ये चार्ज वेव औफ हो जाते हैं.

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अब यज्ञ हवन से हटेगा आरक्षण

भोपाल के चूनाभट्टी इलाके में स्थित काली मंदिर में बीते दिनों एक दिलचस्प हवन हुआ जिसका मकसद था जातिगत आरक्षण को हटाना , इस बाबत 5 बड़े बड़े हवन कुंड बनाए गए थे. हवन की खास बात यह थी कि इसमें वे आहुतियां दी गईं जिनका जिक्र धर्म ग्रन्थों में नहीं है लेकिन संविधान में है. 51 पंडितों ने इस हवन को पूरे धार्मिक विधि विधान और मंत्रोच्चारण से कराया जिसमें मौजूद लोग आरक्षणाय स्वाहा और आरक्षण विनाशाय स्वाहा बोलते आहुतियां देते नजर आए.

इस अनूठे हवन यज्ञ का आयोजन ब्रह्म समागम जनकल्याण समिति के बैनर तले हुआ जिसमें बड़ी तादाद में ब्राह्मण नौजवान मौजूद थे. हवन के मुख्य देवी देवता मां बगुला मुखी और बटुक भैरव हनुमान थे जिन्हें खुश करने हवन के दौरान एक क्विंटल हवन सामग्री फूंकी गई. हवन सामग्री भी एसी थी जिसका उल्लेख किसी धार्मिक किताब में नहीं है मसलन लाल मिर्च, काली मिर्च, नमक,  नीम की पत्तियां, सरसों, लाल बट्ट का तेल और खास किस्म की जड़ी बूटियां.

हवन के बाद ब्राह्मण युवकों ने शंख बजाकर भी अपनी मांग ऊपर आसमान में कहीं रहने बाले भगवान तक पहुंचाई और काले गुब्बारे भी उड़ाए. आरक्षण को यज्ञ हवन के जरिये भगाने का ख्वाब देख रहे इन ब्राह्मण युवाओं के हाथों में कुछ तख्तियां भी थीं जिससे बात नीचे के देवी देवताओं को भी समझ आए. इन तख्तियों पर आरक्षण हटाओ, देश बचाओ और प्रतिभाओं के सम्मान में ब्रह्म समागम मैदान में जैसे नारे लिखे हुये थे.

कार्यक्रम में मौजूद एक पदाधिकारी धर्मेंद्र शर्मा का कहना था कि यह यज्ञ देश और प्रदेश के राजनेताओं की सद्बुद्धि के लिए है, ताकि वे देश से आरक्षण को पूरी तरह खत्म करें. यानि बात ऊपर और नीचे दोनों लोकों के देवी देवताओं को समझाई जाएगी कि आरक्षण के चलते नीच, पतित, दास और पापी करार दिये गए शूद्र यानि दलित नाकाबिल होते हुये भी मलाईदार सरकारी नौकरियां गप्प कर जाते हैं और सबसे ऊंची जाति बाले हम ब्राह्मण अभी भी घंटे घड़ियाल बजाकर जैसे तैसे पेट पाल रहे हैं.

आरक्षण विरोधी यज्ञ हवनों का यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक आरक्षण खत्म नहीं हो जाता जल्द ही भोपाल के ये आयोजक पहले दिल्ली जाकर भी हवन करेंगे और फिर  मध्यप्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ जाकर भी हवन करेंगे. इस दौरान हर एक ब्राह्मण से दस रुपए भी अदालत में मुकदमा लड़ने के लिए ये लेंगे. जाहिर है यह मुहिम फुल प्रूफ और चाक चौबन्द है जिसके असल यजमान का चेहरा इन तीन राज्यों के चुनावों के वक्त ही सामने आएगा. हालांकि माना यह जा रहा है कि यह सब आरएसएस के इशारे पर एक साजिश के तहत हो रहा है जिसका मकसद सवर्ण युवाओं को भाजपा की तरफ झुकाये रखना है.

यज्ञ हवन और पूजा पाठ को हथियार बनाकर अपनी बात कहने का यह तरीका नया नहीं है लेकिन चिंता की बात अब दलित और ब्राह्मणों के बीच आरक्षण को लेकर बढ़ता बैर है जो कभी भी बेकाबू हो सकता है. भाजपा से ब्राह्मणों को बड़ी उम्मीदें थीं कि वह सत्ता में आते ही दलितों से आरक्षण का हक छीन कर उन्हें दे देगी जिससे एक बार फिर सारी सामाजिक और आर्थिक ताकत उनकी मुट्ठी में होगी, धार्मिक ताकत तो उनके पास पहले से ही है.

आरक्षण को लेकर भाजपा दौहरा खेल खेल रही है जिससे सवर्ण और उनमें भी ब्राह्मण नौजवानों में भारी गफलत है. मिसाल मध्यप्रदेश की ही लें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई बार साफ साफ कह चुके हैं कि जब तक वे हैं तब तक कोई माई का लाल आरक्षण नहीं हटा सकता. लेकिन उनकी ही सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव जब आरक्षण खत्म करने की हिमायत करते नजर आते हैं तो ब्राह्मण नौजवानो को उम्मीद बंधती नजर आती है. इस तरह की यानि आरक्षण खत्म करने की बात देश में अब हर कोई हर कभी कह देता है जिससे दहशत में दलित युवा भी हैं.

यज्ञ हवनों की शुरुआत कोई अच्छा संकेत नहीं है जिसकी जिम्मेदार भाजपा ही होती है जो एक मुंह से आरक्षण बनाए रखने की और दूसरे मुंह से हटाने की बात करती है. आज नहीं तो कल उसे आरक्षण पर अपना रुख साफ तो करना ही पड़ेगा नहीं तो माना यही जाएगा कि कांग्रेस का यह आरोप सच है कि वह समाज को बांट और लड़ा रही है.

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बड़ी ट्रांजेक्शन के लिये पेटीएम ने शुरू की नई सेवा

डिजिटल प्लेटफार्म पर पेमेंट बैंक सुविधा प्रदाता कंपनी पेटीएम ने अपने बैंकिग सेवाओं को बढ़ाने के लिए अगले 3 साल में 5 हजार करोड़ निवेश करेगी. कंपनी बैंक ट्रांसफर और अन्य सुविधाओं में इजाफा करने पर जोर दे रही है. कंपनी ने अपने पेमेंट्स बैंक में एक नया फीचर माय पेमेंट्स जोड़ा है. इस फीचर के जरिए यूजर्स हैवी ट्रांजेक्शन कर सकेंगे. दरअसल इस फीचर के जरिए ग्राहक पेटीएम वौलेट में पैसे डाले बिना ही बैंक से पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे. ये फीचर बिलकुल नेट बैंकिग के जरिए औनलाइन ट्रांसफर सुविधा जैसे ही काम करेगा.

ब्लौग पोस्ट के जरिए दी जानकारी

कंपनी ने इस फीचर के बारे में जानकारी एक ब्लौग पोस्ट के जरिए दी है. कंपनी ने यह फीचर फिलहाल एंड्रौयड यूजर्स के लिए पेश किया है. इस ब्लौग पोस्ट में लिखा है कि माय पेमेंट्स के जरिए ग्राहक बिना पेटीएम वौलेट में पैसा डाले ही बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे. आपको बता दें कि इस फीचर के आने से पहले पेटीएम के जरिए बैंक में पैसा ट्रांसफर करने के लिए लंबा प्रोसेस फौलो करना पड़ता था.

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पहले पेटीएम के जरिए बैंक में पैसा ट्रांसफर करने के लिए ग्राहकों को अपने पेटीएम वौलेट में पैसा डालना पड़ता था. इसके बाद बैंक में पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक की डिटेल्स डालनी पड़ती थी. अगर ग्राहक के पेटीएम वौलेट में KYC प्रक्रिया पूरी हो चुकी होती थी तो ही वह बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर पाते थे. पहले पेटीएम वौलेट से बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के लिए ग्राहकों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता था.

शेड्यूल कर सकेंगे पेमेंट

इस ब्लौग पोस्ट में माय पेमेंट्स के जरिए पैसा ट्रांसफर करने की अधिकतम सीमा और शुल्क के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. वहीं ग्राहक अगर चाहे तो पेमेंट ट्रांसफर को शेड्यूल भी कर पाएंगे. शेड्यूल करने के बाद अपने आप दर्ज तारीख में औटोमैटिक पेमेंट ट्रांसफर हो जाएगा.

इस तरह उठा सकेंगे इस फीचर का फायदा

स्टेप 1: सबसे पहले पेटीएम ऐप ओपन करें और माय पेमेंट्स पर टैप करें.

स्टेप 2: अब यहां ऐड न्यू औप्शन को सेलेक्ट करें और पेमेंट सेटअप के लिए कैटेगिरी चुनें.

स्टेप 3: अब जिस बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो डिटेल फिल कर दें.

स्टेप 4: बैंक अकाउंट से पेमेंट करना चाहते हैं या पेटीएम अकाउंट से वो औप्शन चुन लें.

स्टेप 5: अब पेमेंट औप्शन पर टैप करें और आपका पेमेंट हो जाएगा.

VIDEO : जियोमेट्रिक स्ट्राइप्स नेल आर्ट

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दिशा पाटनी के हाथ लगा एक बड़ा जैकपौट, इस फिल्म में आएंगी नजर..!

बागी-2 की सफलता के बाद फिल्म की लीड अदाकारा दिशा पाटनी की किस्मत के तारें बुलंद होते दिख रहे हैं. खबरों की मानें तो इन दिनों दिशा पाटनी के हाथ एक बड़ा जैकपौट लग गया है. उन्हें सलमान खान और प्रियंका चोपड़ा स्टारर फिल्म ‘भारत’ के लिए कास्ट किया गया है. अगर खबरें सच हुईं तो दिशा पाटनी के लिए ये मौका बेहद खास है और अब उनकी किस्मत को चमकने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इंडस्ट्री में सलमान खान और प्रियंका चोपड़ा जैसे बड़े स्टार्स के साथ काम करना लंबे वक्त से सक्सेस मंत्र बन गया है.

दिशा को जिस रोल के लिए कास्ट करने की खबरें आ रही हैं. इसके लिए श्रद्धा कपूर का नाम भी चर्चा में आया था. दोनों में से कौन सी अभिनेत्री का नाम फाइनल किया गया है इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

सलमान की ये फिल्म दिशा के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट साबित हो सकता है. बता दें कि अली अब्बास और सलमान की जोड़ी की यह तीसरी फिल्म होगी. इससे पहले दोनों ‘सुल्तान’ और ‘टाइगर जिंदा है’ जैसी ब्लौक बस्टर फिल्में दे चुके हैं. अब भारत को अगले साल 2019 में ईद के मौके पर रिलीज करने की योजना है. इस फिल्म में भारत के 70 सालों का इतिहास होगा. भारत-पाकिस्तान के बंटवारे की कहानी है. इसके लिए पाकिस्तान सीमा पर भी फिल्म की शूटिंग की जाएगी. इसके लिए भारत के निर्देशक अली अब्बास जफर बार्डर पर सही लोकेशन की तलाश कर रहे हैं.

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महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण मेरा मुख्य उद्देश्य है : सृष्टि बक्शी

अगर आप में कुछ कर गुजरने की हिम्मत हो तो मुश्किलें कितनी भी आएं, आप उसे कर ही लेती हैं. ऐसी ही कुछ कर गुजरी हैं उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली 30 वर्षीय सृष्टि बक्शी, जो शादी के बाद अब हांगकांग में रहती हैं. उन्होंने कन्याकुमारी से श्रीनगर करीब 3800 किलोमीटर की दूरी 260 दिनों में पैदल चलकर तय की है. इस मिशन को उन्होंने ‘क्रौस बो माइल्स’ नाम दिया है. इसे करने की वजह महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें सशक्त बनाना है, क्योंकि महिलाएं घर हो या बाहर हमेशा प्रताड़ित होती हैं. कुछ तो इसे जन्म भर सहती हैं, कुछ आत्महत्या कर लेती हैं या कुछ डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं. ये गलत है और इसके विरुद्ध आवाज उठाने की जरुरत है.

सृष्टि कहती हैं कि एक दिन जब मैंने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मां और बेटी का पिता और भाई के सामने गैंग रेप की खबर को पढ़ा, तो मेरे होश उड़ गए. आज 21 वीं सदी में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, उन्हें पहनने, कहीं घूमने की आजादी नहीं है. ऐसे में ये कदम शायद उनके लिए बेहतर भविष्य ला सकेगा. इसी सोच से मैंने अपने पति और परिवार वालों से बात की और इस अभियान से जुड़ी. मैं इस मिशन के द्वारा पूरे देश में ऐसी कई जगह दिन में ही नहीं, रात में भी पैदल चलकर महिलाओं को उनके अधिकार से रूबरू करवाना चाहती हूं.

सृष्टि आगे कहती हैं कि कई बार बाहर रहकर मुझे सुनने में आता था कि भारत में महिलाएं सुरक्षित नहीं, जो मुझे अच्छा नहीं लगता था. मैं एक आर्मी औफिसर की बेटी हूं और 25 साल मैंने यहां जीवन बिताया है, ऐसे में मेरे साथ जब भी कुछ होता था, मैंने हमेशा डटकर मुकाबला किया है. इसलिए ये कदम मेरे लिए जरुरी था. ये काम मेरे लिए पैशन है और मैं तब तक करती रहूंगी जब तक लोग जागे नहीं.

इस काम को शुरू करना सृष्टि के लिए आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया. जिसमें लाखों लोगों ने इसे सपोर्ट किया. इतना ही नहीं यूनाइटेड नेशन फौर वुमन की तरफ से ‘कैम्पेन फार चेंज’ ने भी सहयोग दिया. जिससे इसे करना आसान हुआ. वह बताती हैं कि केवल महिलाओं की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि उनकी शिक्षा की भी बात मैं करती हूं. इसके लिए मैं गांव की लड़कियों और महिलाओं से मिली. उनसे उनकी समस्याएं जानने की कोशिश की. मुझे तब बड़ा ताज्जुब हुआ जब कन्याकुमारी का एक ग्रुप कटाई, सिलाई और बुनाई का व्यवसाय चलाता है, लेकिन फिर भी वे सुरक्षित नहीं.

करीब 75 हजार लोगों से मैं मिल चुकी हूं और करीब 110 वर्कशाप मैंने किये हैं, ताकि महिलाओं की समस्याओं को करीब से जानने का मौका मिले. ऐसे में मैंने देखा कि कई ग्रामीण इलाकों में टौयलेट, गैस नहीं है पर स्मार्ट फोन है, उसे ही मैंने अपना ‘टूल’ बनाया और लोगों से जुड़ती गयी. इसमें अधिकतर मैंने युवाओं का सहारा लिया. इतना ही नहीं मैंने रिसर्च पेपर और डौक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाकर गांव में दिखाई, ताकि वे जागरूरुक हों. इस मूवमेंट में मैं हर दिन 25 से 30 किलोमीटर पैदल चली और महिलाओं के लिए वर्कशौप का आयोजन कर अपनी बात उनके आगे रखी. जिससे उनकी बातें सुनी और अपनी कही जाए.

सृष्टि का कहना है कि कहने को तो शिक्षा महिला को सशक्त बनाती है और केरल जैसे प्रदेश में जहां ‘साक्षरता’ सबसे अधिक है और मैं वहां पैदल चलते हुए हजारों लड़कियों से मिली और पाया कि वहां भी लड़कियों को अपने अनुसार कैरियर चुनने का अधिकार नहीं है. शिक्षा केवल उनके विवाह के लिए ही होती है, जो सही नहीं. महिला की आजादी क्या है? इसपर कोई ध्यान नहीं देता. तमिलनाडु की शरीफा बेचने वाली एक महिला ने मुझसे कहा था कि अगर ये मिशन सफल हुआ, तो मेरी बेटी कल को सुरक्षित महसूस करेगी.

असल में अगर कोई हादसा महिला के साथ होता है, तो परिवार समाज और धर्म सब उसी को दोषी मानते हैं. वह घर के किसी कोने में पड़े रहने के अलावा कुछ नहीं कर सकती, उसके मनोबल को इतना गिरा दिया जाता है कि वह उस सदमे से निकल नहीं पाती, जबकि गलती किसी और की होती है. राजनेता से लेकर कानून कोई भी उस प्रताड़ित लड़की की सहायता नहीं करता. राजस्थान की एक महिला जो घरेलू हिंसा की शिकार थी. पढी-लिखी होने की वजह से वह इस दलदल से निकल पाई. ऐसे सभी मुद्दों को मैं ‘क्रौस बो माइल्स’ के द्वारा दूर करना चाहती हूं. इसके अंतर्गत पैदल चलकर मैं हर गांव में एक तीर छोड़ती हूं. जिसे आगे ले जाने का भार वहां के लोगों का होता है.

इस मूवमेंट की तैयारी सृष्टि ने डेढ़ साल पहले शुरू की थी. जिसमें मसल्स की ट्रेनिंग और वेट ट्रेनिंग किया, ताकि घंटों चलने के बाद शारीरिक और मानसिक समस्या न आये. उन्होंने कन्याकुमारी से श्रीनगर की यात्रा पूरी की है और अब ‘नाइट वाक’ करीब कई शहरों जैसे मुंबई, हैदराबाद, बंगलुरु, नागपुर, दिल्ली आदि जगहों पर करेंगी. इसका उद्देश्य यह है कि महिलाएं केवल दिन में ही नहीं रात में भी कहीं जा सकती हैं और ये उसकी आजादी है. इस मुहिम में वह अधिक से अधिक पुरुष और महिला को जोड़ना चाहती हैं, ताकि एक सुरक्षित देश का निर्माण हो सके और अपराधी को कड़ी सजा जल्द से जल्द मिले. सृष्टि को विश्वास है कि उन्होंने एक सोच छोड़ी है और लोगों को समझना है कि उन्हें क्या करना है. बातचीत किसी भी समस्या का हल निकाल सकती है.

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