अभिनेता नाना पाटेकर अपनी बेबाक राय और गंभीर अभिनय के लिए जाने जाते हैं. महाराष्ट्र में आत्महत्या कर चुके किसानों की मदद करते हैं. इस काम के लिए उन्होंने ‘नाम फाउंडेशन’ नामक संस्था भी बनाई है. महाराष्ट्र के कोंकण में बीते दिनों एक शैक्षिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उन्हें धर्म और जाति जैसी चीजों पर बिलकुल यकीन नहीं है. लिहाजा, सभी आवेदन पत्रों पर मौजूद इस कौलम को हटा देना चाहिए. नाना पाटेकर की तरह अगर अन्य चर्चित अभिनेता भी जातिधर्म से बाहर निकलने का आग्रह करेंगे तो लोगों में सार्थक संदेश जाएगा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...