मनोज बाजपेयी निर्माण के क्षेत्र में उतर कर फिल्म ‘अलीगढ़’ का निर्माण कर चुके हैं. समस्या यह है कि फिल्म को सैंसर से ‘ए’ सर्टिफिकेट मिला है जबकि निर्देशक हंसल मेहता का मानना है कि फिल्म को यूए सर्टिफिकेट मिलना चाहिए था. हंसल सैंसर बोर्ड के इस निर्णय से बेहद खफा हैं. वे कानूनी लड़ाई तक लड़ने को तैयार हैं. हालांकि मनोज बाजपेयी बतौर निर्माता कभी नहीं चाहेंगे कि उन की फिल्म रिलीज से पहले ही कानूनी पचड़ों में फंसे लेकिन वे बेचारे क्या करें, निर्देशक की तो उन्हें माननी ही पड़ेगी क्योंकि फिल्म के निर्देशन का जिम्मा मनोज ने ही हंसल मेहता को सौंपा था.
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