किचन क्वीन कही जाने वाली महिलाएं भले ही अपने परिवार के 1-1 सदस्य के स्वास्थ्य और स्वाद को ध्यान में रख कर भोजन पकाती हों, मगर जब बात खुद की सेहत और पसंद की आती है, तो वे समझौता कर लेती हैं. इस बाबत एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंस की सीनियर डाइटीशियन डाक्टर शिल्पा ठाकुर कहती हैं कि महिलाओं को खुद के लिए कुछ करना हो तो हमेशा आलस कर जाती हैं. खासतौर पर जब बात खानेपीने से जुड़ी हो, तो खुद के प्रति और भी लापरवाह हो जाती हैं. घर में कुछ भी बचा मिल जाए या फिर बाहर से पैक्ड फूड से ही उन का काम चल जाता है. मगर इस तरह उन के शरीर में सही तरह से पोषक तत्त्व नहीं पहुंच पाते और वे किसी न किसी बीमारी का शिकार हो जाती हैं. ऐसे में बिना सख्त डाइट प्लान के सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रख कर भी महिलाएं पोषक आहार ले सकती हैं:

पैक्ड फूड का सेवन कम करें 

अच्छा और स्वास्थ्यवर्धक आहार लेने की कड़ी में महिलाओं को सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना है कि घर में पके भोजन को ज्यादा अहमियत देनी है. बिस्कुट, केक, नमकीन और पैक्ड फूड का सेवन कम से कम करना है. डा. शिल्पा कहती हैं कि महिलाएं अकसर सही आहार लेने की जगह पैक्ड नमकीन, केक, बिस्कुट और चिप्स खा कर पेट भर लेती हैं. इन सभी फूड आइटम्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत अधिक होती है जबकि रोजाना महिलाओं को अपने आहार में केवल 130 ग्राम कार्बोहाइड्रेट ही लेना चाहिए. कार्बोहाइड्रेट की इस मात्र में चीनी, फाइबर और स्टार्च तीनों ही शामिल होते हैं. आहार में इस से अधिक कार्बोहाइड्रेट लेने पर महिलाएं मोटापे का शिकार भी हो सकती हैं.

सुबह का नाश्ता जरूर करें

अधिकतर महिलाएं सुबह का नाश्ता नहीं करतीं और यदि करती भी हैं तो समय से नहीं करतीं. डा. शिल्पा कहती हैं कि सुबह का नाश्ता करना बेहद जरूरी है, क्योंकि रात के खाने के बाद सुबह तक लगभग 12 घंटे पेट में कुछ नहीं जाता. यदि ऐसे में नाश्ता न किया जाए तो ऐसिडिटी बनने लगती है. इसलिए सुबह का नाश्ता 8 से 9 बजे के बीच कर लेना चाहिए. नाश्ते में ताजे फल, स्प्राउट्स और लो फैट दूध लेना सब से अच्छा रहता है. महिलाओं के लिए एनर्जी लैवल को बनाए रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि उन्हें सुबह से ही शारीरिक और मानसिक गतिविधियों से जूझना पड़ता है. फल शरीर में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ाते हैं, जिस से ऐनर्जी बढ़ती है. साथ ही इन में मौजूद प्रोटीन और फाइबर्स आहार को संतुलित बनाते हैं.

संतुलित आहार लें

महिलाओं के शरीर को कई जैविक बदलावों से गुजरना पड़ता है. ये बदलाव पीरियड्स शुरू होने से ले कर गर्भधारण करने और मेनोपौज होने तक निरंतर चलते रहते हैं. इस में कई हारमोनल बदलाव भी होते हैं, जिन से महिलाओं को ऐनीमिया, हड्डियों के कमजोर होने और औस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इन बीमारियों से उबरने के लिए महिलाओं के शरीर को आयरन, मैग्नीशियम, कैल्सियम, विटामिन डी, विटामिन बी9 जैसे विभिन्न पोषक तत्त्वों की जरूरत पड़ती है. सिर्फ दालरोटी और सब्जी खाने से ये पोषक तत्त्व प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं. इस के लिए महिलाओं को सुबहशाम, दिनरात के आहार में बदलाव की जरूरत है. साथ ही उन्हें अलगअलग वक्त पर अलगअलग पोषक तत्त्वों से भरपूर भोजन करने की आवश्यकता है. उदाहरण के तौर पर गेहूं की रोटी की जगह कभीकभी रागी, बाजरा, मक्का या सिंघाड़े के आटे की रोटी खानी चाहिए. इसी तरह दलिया, सूजी और बेसन से बने व्यंजन भी आहार में शामिल करने चाहिए. यदि फलों का सेवन कर रही हैं, तो रोज अलग फल खाएं. किसी एक फल को रोज न खाएं.

भरपूर पानी पीएं

अधिकतर महिलाओं को वाटर रिटैंशन की समस्या होती है. इस तरह की परेशानी में सुबह उठने के बाद चेहरे और शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आ जाती है.  यह सोडियम और प्रिजर्वेटिव फूड आइटम्स का सेवन करने से होता है. इस से बचने के लिए महिलाओं को खूब पानी पीना चाहिए. पानी से इलैक्ट्रोलाइट लैवल अच्छा बना रहता है, जिस से बीपी में उतारचढ़ाव की समस्या नहीं होती. साथ ही मैटाबोलिज्म का स्तर भी बढ़ जाता है, जिस से शरीर की चरबी नहीं बढ़ती.

कैफीन कम लें

दफ्तर में बैठेबैठे काम करने वाली महिलाओं को चाय और कौफी की लत लग जाती है. डा. शिल्पा कहती हैं कि यह मिथ है कि चाय और कौफी लेने से नींद नहीं आती, बल्कि इस में मौजूद कैफीन के असर के खत्म होते ही और भी अधिक आलस्य घेर लेता है और कमजोरी महसूस होने लगती है. दरअसल, कैफीन कैल्सियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और विटामिन डी जैसे मिनरल्स को शरीर में अवशोषित होने से रोकती है, जिस से चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अवसाद, थकावट, बेचैनी आदि परेशानियां उन्हें घेर लेती हैं. इसलिए चायकौफी की जगह कोई हैल्थ ड्रिंक लें या जूस लें. इन में मौजूद प्रोटीन और फाइबर से सेहत को लाभ मिलेगा.

ऐसी हो डाइट

कैल्सियम: 19-50 वर्ष की महिलाओं को रोजाना आहार में 1000 मिलीग्राम कैल्सियम लेना चाहिए. इस के लिए दूध, हरी सब्जियां, टोफू और अनाज को भोजन में शामिल करना चाहिए.

मैग्नीशियम: मैग्नीशियम का काम कैल्सियम को रक्त से हड्डियों में अवशोषित करना है.  दिन भर में 400 मिलीग्राम मैग्नीशियम का सेवन महिलाओं के लिए जरूरी है. इस के लिए बीज वाली सब्जियां, खीरा और ब्रोकली खानी चाहिए.

आयरन: महिलाओं को रोजाना अपनी खुराक में 14 मिलीग्राम आयरन जरूर लेना चाहिए. हरी सब्जियां आयरन का सब से अच्छा स्रोत हैं. आयरन के अवशोषण के लिए खुराक में विटामिन सी युक्त पदार्थों को भी शामिल करें.

प्रोटीन: महिलाओं को अपने वजन के हिसाब से प्रति किलोग्राम वजन पर 0.8 ग्राम प्रोटीन हर दिन के आहार में शामिल करना चाहिए.

जिंक: 19 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को अपने आहार में 8 मिलीग्राम जिंक की मात्र को भी शामिल करना चाहिए. यह त्वचा, बालों, अवसाद और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं को दूर करता है.  चीज, दूध और राजमा जिंक के सब से अच्छे स्रोत हैं.

विटामिन डी: शरीर में कैल्सियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी भी बहुत महत्त्वपूर्ण है. सोया मिल्क व मशरूम विटामिन डी के सब से अच्छे स्रोत हैं.

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