आज अभिभावक बच्चों के लिए क्या अच्छा है, क्या बुरा है इन तमाम बातों का ध्यान रखते हैं, लेकिन इस के बावजूद कई बार पेरैंट्स ऐसी गलती कर जाते हैं, जिस से बच्चे बहुत प्रभावित होते हैं. जैसे अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाने के कारण वे बच्चों के सामने ही झगड़ने लगते हैं. वे इस बात से भी अनजान रहते हैं कि इन हरकतों का बच्चों पर क्या असर पड़ेगा.
पहले संयुक्त परिवार में पतिपत्नी के बीच ऐसी घटनाएं कम ही होती थीं और अगर होती भी थीं तो समझौता करवाने के लिए कोई न कोई घर का बड़ा सदस्य रहता था. वर्तमान समय में बढ़ते एकल परिवार में घरेलू क्लेश आम बात हो गई है. ऐसे में किशोर हो रहे बच्चों की भूमिका निर्णायक हो गई है. कई बच्चे मध्यस्थता करते हुए मांबाप को समझा भी रहे हैं.
ऐसा ही एक उदाहरण हमारे पड़ोस में रहने वाली मिसेज रमा और उन के पति रमेश का है. उन में अकसर झगड़ा होता रहता था. इस की वजह थी रमेश का बहुत ज्यादा गुटखा खाना. रमा झगड़ा सिर्फ पैसों की बरबादी के कारण ही नहीं बल्कि उन के स्वास्थ्य की चिंता के कारण भी करती थीं. उन का बेटा शुरू से यह देखता आ रहा था. बचपन में तो उसे कुछ समझ नहीं आता था. उसे लगता था मम्मी, पापा से हर समय यों ही झगड़ती रहती हैं लेकिन जब वह बड़ा हुआ तो उसे समझ आया कि मम्मी सही हैं.
ऐसे में उस ने पापा को समझाने के लिए एक तरीका निकाला और कहा कि पापा मेरे दोस्त के पापा बहुत ज्यादा तंबाकू खाते हैं, जिस के कारण ग्रुप में सभी उस का मजाक उड़ाते हैं. यदि उन्होंने आप को भी तंबाकू खाते हुए देख लिया तो वे मुझे भी चिढ़ाएंगे.