रसगुल्ला बंगाली मिठाई है. यह छेने और चीनी से तैयार होती है. अच्छे रसगुल्ले की पहचान यह होती है कि वे एकदम मुलायम होते हैं. रसगुल्ले सफेद और हलका पीलापन लिए बनाए जाते हैं. इन का साइज भी अलगअलग हो सकता है. छोटेछोटे साइज वाले रसगुल्ले ज्यादा पसंद किए जाते हैं.
अब डब्बाबंद रसगुल्ले ज्यादा बिकते हैं, जिन को महीनों महफूज रखा जा सकता है. मिठाई के बाजार को देखें तो रसगुल्ले सब से खास जगह रखते हैं. रसगुल्ला भले ही बंगाली मिठाई हो, पर इसे पूरे देश के लोग स्वाद ले कर खाते हैं. यही वजह है कि लगभग हर शहर में बंगाली मिठाइयों की दुकानें मिल जाती हैं.
खानपान की चीजों में लोग इस बात का पूरा खयाल रखते हैं कि उन को सफाई से बनाया जाए और उन्हें सही तरह से रखा जाए. जिस दुकान में गंदगी होती है, वहां लोग कम जाते हैं. रसगुल्ला निकालने के लिए भी हाथ के बजाय चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए.
कैसे तैयार करें रसगुल्ला
- रसगुल्ला बनाने के लिए 150 ग्राम छेना लें.
- इस के बाद किसी साफ बरतन में 2 कप पानी में छेना डाल कर करीब 10 मिनट तक उबालें.
- इस के बाद इसे ठंडा होने दें. फिर छेना बाहर निकाल लें. छेना दोनों हाथों में ले कर मसल लें.
- छेना तब तक मसलें, जब तक वह पूरी तरह चिकना न हो जाए. छेना जितना चिकना होगा, रसगुल्ले उतने ही मुलायम बनेंगे.
- इस छेने से 10 गोलगोल रसगुल्ले तैयार करें. ध्यान रखें कि रसगुल्ले एक ही साइज के हों. साइज अलगअलग होगा तो ये देखने में अच्छे नहीं लगेंगे.
- रसगुल्ले भिगोने के लिए चाशनी तैयार करनी होगी. चाशनी तैयार करने के लिए कड़ाही में 2 कप चीनी डाल कर उस में 4 कप पानी डालें और मध्यम आंच पर उबालें.
- जब यह मिश्रण थोड़ा गाढ़ा हो जाए तो उसे उंगली में लगा कर देखें. उस में तार बनने लगें तो उसे आंच से उतार लें. उस में 2 छोटे चम्मच गुलाबजल और इलायची पाउडर खुशबू के लिए डालें.
- चाशनी में रसगुल्ले डालें और 20 मिनट तक उबालें. हर 5 मिनट उबालने के बाद उस में थोड़ाथोड़ा पानी डालते रहें. पानी नहीं डालेंगे तो चाशनी कम हो जाएगी और रसगुल्ले जल भी सकते हैं.
- तैयार रसगुल्लों को कुछ देर ठंडा होने के लिए रख दें. हलके मुलायम रसगुल्ले चाशनी में ऊपर तक आ जाते हैं. जो रसगुल्ले ठीक नहीं होते वे नीचे बैठ जाते हैं.
‘छेने की मिठाई में रसगुल्ले सब से खास होते हैं. इन्हें बनाने में समय का सब से ज्यादा ध्यान रखना चाहिए. छेना अगर सही नहीं बनता तो रसगुल्ले भी सही नहीं बनते हैं. छेना बनाने के लिए दूध को फाड़ना पड़ता है. अगर घर पर छेने के रसगुल्ले बनाने हों, तो छेना बाजार से खरीदा जा सकता है.’
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन