स्ट्रोक यानी पक्षाघात एक ऐसी स्थिति है जो मस्तिष्क की धमनियों को प्रभावित करती है. स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क तक औक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों को ले जाने वाली रक्त वाहिका या तो टूट जाती है या अवरुद्ध हो जाती है. जिसके कारण मस्तिष्क के टिश्यू को रक्त नहीं मिल पाता है और इससे मस्तिष्क के टिश्यू मरना शुरू हो सकते हैं.
डा. कुशल बनर्जी एम डी ;(होम) एमएससी (औक्सन ) के अनुसार स्ट्रोक के लक्षणों की गंभीरता भिन्न हो सकती है. ये मामूली ;आंखों में धुंधलापन या जबान के हलके लड़खड़ाने से काफी गंभीर ;शरीर के अंगों और श्वसन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में रूकावट हो सकते हैं.
अध्ययनों से पता चला है कि कम तापमान और वायुमंडलीय तापमान में व्यापक उतार-चढ़ाव से लोगों में स्ट्रोक की सम्भावना बढ़ जाती है और इस स्ट्रोक द्वारा मृत्यु भी हो सकती है.
सर्दियों में स्ट्रोक की घटना बढ़ जाती है और इसके स्पष्टीकरण व्यापक रूप से भिन्न होता है. यह परिकल्पित है कि निम्न तापमान धमनियों के कसने का एक कारण है जिसके परिणामस्वरूप उच्च रक्तचाप होता है जो स्ट्रोक का एक प्रमुख कारक है. निम्न तापमान रक्त को गाढ़ा कर देता है. यह रक्त परिसंचरण को धीमा कर देता है और शरीर की छोटी धमनियों में स्वतंत्र रूप से प्रसारित होने की इसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है. अन्य कारक जो स्ट्रोक में अपना योगदान कर सकते हैंए वो हैं ठंड के मौसम में वसायुक्त भोजन और शराब का अत्यधिक सेवन और शारीरिक गतिविधियों की कमी. सभी या इनमें से कुछ कारकों के संयोजन द्वारा सर्दियों के महीनों में स्ट्रोक की घटना बढ़ती है.