ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन सामने आया है जो काफी खतरनाक है. यह नया स्‍ट्रेन पहले के वायरस की तुलना में 70 फीसदी अधिक तेजी से फैलता है. इसी वजह से यूरोप के कई देशों ने ब्रिटेन के लिए ‘दरवाजे’ बंद कर दिए हैं. भारत ने भी ब्रिटेन से आने-जाने वाली फ्लाइट्स पर 31 दिसंबर तक के लिए रोक लगा दी है. इस बीच जो  दिल्ली सरकार ने पिछले 2 हफ्ते में ब्रिटेन से आए सभी लोगों की घर-घर जाकर जांच करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि 9 दिसंबर से अब तक ब्रिटेन से लगभग 7,000 लोग दिल्ली पहुंचे हैं. वहीं, ब्रिटेन से भारत आए 20 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

उन सभी को क्वारंटीन कर दिया गया है और उनके सैंपल टेस्ट के लिए भेज दिए गए हैं. टेस्ट के नतीजों से जवाब मिलेगा कि ब्रिटेन का नया वायरस भारत में दाखिल हुआ है या नहीं. ये भी गौर करने वाली बात है कि फ्लाइट बंद होने से पहले ब्रिटेन से भारत पहुंचे 8 यात्रियों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात पता चली थी. उनमें से 6 यात्री लंदन से एयर इंडिया के विमान से दिल्ली पहुंचे थे.  इनमें से एक यात्री ने दिल्ली से चेन्नई के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट ली थी. उसे चेन्नई में टेस्ट के बाद कोरोना पॉजिटिव पाया गया. वहीं ब्रिटेन से कोलकाता पहुंचे 2 यात्रियों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इन सभी के सैंपल पुणे भेजे गए हैं ताकि ये पता लगाया जा सके कि क्या इनमें ब्रिटेन में फैला कोरोना वायरस का नया वर्जन है या नहीं.

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ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है. ब्रिटेन के एक लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट के दौरान कोरोना वायरस के इस खतरनाक स्ट्रेन का पता चला है. टेस्ट के दौरान पता चला कि यह वायरस पहले के कोविड-19 वायरस की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और सुपर स्प्रेडर है. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नए वायरस के कारण कोरोना की वैक्सीन के कम प्रभावकारी होने की उम्मीद नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. भारत सरकार भी लगातार बैठक कर रही है. इस बीच, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल से साफ किया है कि ब्रिटेन वाला कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अभी तक भारत में सामने नहीं आया है.

ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया रूप बेहद संक्रामक माना जा रहा है और इसका युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करने की आशंका है. केंद्र सरकार ने इस वायरस को लेकर चेतावनी जारी की है और पिछले एक महीने में ब्रिटेन से भारत आने वाले यात्रियों की जांच या उन पर निगरानी रखी जा रही है. ब्रिटेन में इस नए वायरस के प्रसार के बाद वहां के कई इलाकों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. भारत समेत 40 से ज्यादा देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है.

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नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल का कहना है कि ‘कोरोना का नया रूप बहुत ज्यादा संक्रामक है और यह तेजी से फैल सकता है. यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, यह वायरस युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर रहा है. वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस का नाम बी.1.1.7. रखा है. हालांकि, अब तक उपलब्ध आंकड़ों, विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन और सतर्क रहना पड़ेगा. हमें इस नई चुनौती से निपटना होगा. यह वायरस 70 गुना ज्यादा संक्रमण फैलाता है. एक तरीके से कह सकते हैं कि यह ‘सुपर स्प्रेडर’ है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है. वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर इलाज को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीकों पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा. पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है. यह जल्दी संक्रमण फैला सकता है.’

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कोरोना वायरस को लेकर होने वाली स्वास्थ्य मंत्रालय की रोज़ाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया है कि तकरीबन साढ़े पांच महीनों के बाद देश में एक्टिव मामलों की संख्या तीन लाख से कम हुई है. मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा, ‘पिछले 7 हफ्तों में औसत दैनिक नए मामलों में कमी आई है. 57 फीसदी नए मामले मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल से सामने आए हैं. 61 फीसदी मौतें यूपी, छत्तीसगढ़, दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से हुई हैं.’

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