इंसानी दिमाग को समझना बहुत जरूरी है. एक आम आदमी के दिमाग का वजन 3 पाउंड यानी 1 किलो 500 ग्राम तक होता है. इंसान का दिमाग 75 फीसदी से ज्यादा पानी, 10 फीसदी फैट और 8 फीसदी प्रोटीन से बना होता है. यह शरीर का सब से ज्यादा चरबी वाला अंग है.

मानव मस्तिष्क कंप्यूटर से भी ज्यादा तेज प्रतिक्रिया करता है जिस के कई रहस्य आज भी वैज्ञानिकों के लिए अबूझ पहेली बने हुए हैं. इस के कई रहस्यों से परदा हटना अभी बाकी है. इंसानी दिमाग ब्लडप्रैशर, पल्स रेट, हार्ट रेट और सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य रखता है. वह शरीर के सभी अंगों को कंट्रोल करता है.

दिमाग का दायां हिस्सा शरीर के बाएं भाग को तथा बायां हिस्सा शरीर के दाएं भाग को नियंत्रित करता है.

-       शरीर के अलगअलग हिस्सों की सूचना अलग रफ्तार से दिमाग तक पहुंचती है.

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-       ऐसा माना जाता है कि एक दिन में 20 हजार बार पलक झपकाने के कारण हम दिन में 30 मिनट तक अंधे रहते हैं.

-       दिमाग लगभग 6 मिनट तक औक्सीजन न मिलने पर भी रह सकता है, लेकिन इस से ज्यादा समय होने पर उस के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है.

स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, मछली, उभयचर आदि जानवरों में दिमाग होता है. लेकिन मानव मस्तिष्क अद्वितीय है. यह सब से बड़ा नहीं है परंतु यह हमें हर बात की कल्पना व समस्या को हल करने की शक्ति देता है. यह एक अद्भुत अंग है.

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