आजकल बच्चों में जंक फूड खाने की आदत बढ़ गई है, जिसके कारण बच्चें घर का खाना नही खाना चाहते. बच्चों में  बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाउमीन, मोमोज जैसे जंक फूड खाने की आदत बहुत बढ़ गई है. इन सबसे बच्चों में दिन-प्रतिदिन मोटापा बढ़ता जा रहा है, इस बात से आप रूबरू होंगे ही. लेकिन हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक जंक फूड ज्यादा खाने से बच्चों की याददाशत कमजोर होने का खतरा होता है. छोटी उम्र के बच्चे, जो स्कूल जाते हैं, उन बच्चों को मानसिक विकास तेजी से हो रहा होता है और जंक फूड की आदत ऐसे बच्चों को ज्यादा जल्दी लग जाती है. जिससे बच्चों का मानसिक विकास रूक सकता है साथ ही बच्चें का दिमाग कमजोर होने की संभावना भी होती है. आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि जंक फूड से होने वाले नुकसान और ये कैसे  स्वास्थय पर बुरा असर डालती है.

याददाशत कमजोर होना

रिसर्च के मुताबिक जो बच्चे सप्ताह में 3-4 बार जंक फूड खाते है उन बच्चों की याददाशात कमजोर होती है साथ ही सही तरीकें से मानसिक विकास भी नही हो पाता. जंक फूड स्वादिष्ट लगने की वजह से ये पेट तो भर देती है पर जो पोषक तत्व बच्चों को आहार में मिलना चाहिए वो नही मिलता. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि खाने में विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स की मात्रा होनी जरूरी है. जंक फूड में ये सभी बिल्कुल नही पाई जाती, जिसके कारण मस्तिष्क का विकास सही तरीकें से नही हो पाता.

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छोटे बच्चों में मोटापे का कारण

जंक फूड ज्यादातर शुगर, तेल और एकस्ट्रा कैलोरी से बनती है. जो बच्चों की सेहत के सही संतुलन को बिगाड़ देती है. आजकल बच्चे बाहर खेलने से ज्यादा समय मोबाइल फोन में गेम खेलकर या टीवी देखकर बिताते है. जिसके कारण वो पूरे दिन बैठ कर या लेटकर बिताते है, इसी वजह से उनकी एक्सट्रा कैलोरी बर्न नही हो पाती और से बच्चों में मोटापा बढ़ने का कारण होता है. मोटापे के कारण आजकल कम उम्र में ही शुगर और हृदय की बीमारी की संभावना होने लग जाती है.

6 साल से 12 साल तक के बच्चों पर की गई रिसर्च

इस रिसर्च के लिए 6 से 12 साल तक के बच्चों को चुना गया. इस रिसर्च के बाद शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहंचे कि जिन बच्चों में जंक फूड की आदत नही वे उन बच्चों से जिन्हें हफ्ते में एक या दो बार जंक फूड खाने की आदत है उनसें ज्यादा स्वस्थ है.

जंक फूड्स से बच्चों में होता है एलर्जी का खतरा

रिसर्च के मुताबिक ऐसे फूड्स जिनमें चीनी की मात्रा बहुत अधिक मात्रा में हो, नमक की मात्रा बहुत अधिक हो, प्रौसेस्ड हो, माइक्रोवेव में बनाया या गर्म किया गया हो, इन सभी फूड से बच्चों को एलर्जी हो सकती है. इन सभी से खाने में  जंक फूड में एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs)’ की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे बच्चों को एलर्जी ता खतरा हो सकता है.

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कम उम्र में डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा

ज्यादा (AGEs) वाले आहार जैसे- पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, डोनट्स, कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा, चाउमीन आदि के ज्यादा खाने से औक्सिडेटिव से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इन बीमारियों में डायबिटीज पुख्य रूप में होता है. साथ ही आलू के चिप्स, फ्रेंच फ्राइज जैसे जंक फूड में सोडियम की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. ज्यादा मात्रा में सोडियम हमारे दिल के लिए हानिकारक होता है. इसके अलावा लंबे समय तक इस तरह के फूड खाते रहने से बच्चों की हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं. औस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निकोलस चेरुबिन के मुताबिक रिसर्च में इस बात के ठोस सबूत मिले हैं कि जंक फूड खाने और एक्सरसाइज ना करने वाले लोगों में टाइप-2 डायबिटीज और दिमाग की कार्य करने की क्षमता में गिरावट आती है.

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