नेहा खाती तो बहुत थी, लेकिन उस के खाने में पौष्टिक तत्त्वों की हमेशा कमी रहती थी जिस कारण किशोरावस्था में उस की ग्रोथ रुक गई थी. यही नहीं वह कोई भी काम करती तो उसे जल्दी थकान होने लगती. यह बात उस ने अपने पेरैंट्स से भी छिपाई. फिर एक दिन वह अचानक बेहोश हो गई. जब उसे अस्पताल में दाखिल किया गया तो पता चला कि उस के शरीर में आयरन की बहुत कमी है.
ऐसा सिर्फ नेहा के साथ ही नहीं बल्कि बहुत सी किशोरियों के साथ होता है, जो अपने खानपान का बिलकुल ध्यान नहीं रखती हैं, जबकि इस उम्र में उन के शरीर को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है. इसलिए उन्हें अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्त्व लेने चाहिए ताकि वे स्वस्थ रहें.
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शरीर में आयरन की भूमिका
आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन का सब से महत्त्वपूर्ण घटक होता है. यह शरीर में औक्सीजन पहुंचाने के साथसाथ उसे ऊर्जा देने का भी काम करता है. यही नहीं यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. इस की कमी से कमजोरी आना, जल्दी थक जाना, सिरदर्द, चेहरे का पीला पड़ना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
न होने दें आयरन की कमी
अपनी डाइट में आयरनयुक्त खा-पदार्थों को शामिल करने के साथसाथ चिकित्सक की सलाह से आयरन सप्लिमैंट्स का भी प्रयोग कर सकती हैं. इस के अलावा निम्न बातों का भी ध्यान रखें:
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– शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से ऐनीमिया होता है. लाल रक्त कोशिकाएं मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करती हैं. इस में आयरनयुक्त भोजन लेने की जरूरत होती है.
– फौलिक ऐसिड नई कोशिकाओं को विकसित करता है. यदि किशोरी के शरीर में खून की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम होने लगे तो चिकित्सक की सलाह से इस की पूर्ति के लिए सप्लिमैंट्स लिए जा सकते हैं.
– फौलिक ऐसिड ब्रैस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर की आशंका को कम करता है.
– आयरन और फौलिक ऐसिड प्राकृतिक रूप से पाने के लिए सही मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबूत दालें और फल खाने की जरूरत होती है.
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– आयरन और फौलिक ऐसिड की कमी से शरीर का मैटाबोलिज्म सही तरीके से काम नहीं करता, जिस के कारण पर्याप्त मात्रा में भोजन न मिलने की वजह से शरीर की ऊर्जा तेजी से खत्म हो जाती है.
– आजकल के प्रतिस्पर्धा के दौर में अच्छा कैरियर सुनिश्चित करने के लिए लड़कियों को काफी मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में समय पर पोषक पदार्थों से युक्त भोजन कर पाना उन के लिए संभव नहीं हो पाता जिस के चलते उन्हें जल्दीजल्दी थकान महसूस होती है.
– पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव की वजह से आयरन की कमी किशोरियों में अधिक होती है. यह एक बड़ी वजह है, पर वे इस पर ध्यान नहीं देतीं, जबकि उन्हें आयरन सप्लिमैंट लेने की जरूरत होती है.
आयरन की कमी के लक्षण
– आयरन की कमी से थकान महसूस होती है, क्योंकि हीमोग्लोबिन को बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है. हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में औक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं होने के कारण हड्डियों और टिशू तक कम औक्सीजन पहुंच पाती है तो थकान महसूस होती है.
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– स्किन में पीलापन आयरन की कमी से आता है. इस से स्किन अनहैल्दी लगती है. उस की रैडनैस खत्म होने लगती है.
– आयरन की कमी के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन के कम होने से औक्सीजन का स्तर घटता है, जिस से सांस लेने में दिक्कत आती है. सिरदर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. पैरों में भी वीकनैस आ जाती है.
– आयरन की कमी से स्किन और बालों तक औक्सीजन की सप्लाई नहीं होने के कारण वे ड्राई और कमजोर हो जाते हैं.
– नाखूनों का कमजोर होना भी आयरन की कमी का मुख्य कारण है. इसलिए किशोरियों को अपनी डाइट में आयरन को जरूर शामिल करना चाहिए.
अगले भाग में पढ़िए कैसे पूरा करें आयरन की कमी और किन चीजों को खाने से मिलता है आयरन?