सब से पहले अपनी डाइट से टौक्सिन का सेवन कम करें, अल्कोहल, कौफी, सिगरेट, रिफाइंड शूगर और सैचुरेटेड फैट, ये सब शरीर में टौक्सिन का कार्य करते हैं और शरीर की कार्यप्रणाली में रुकावट पैदा करते हैं. एक अच्छी डिटौक्स डाइट में 60% तरल और 40% ठोस खाद्य पदार्थ होना चाहिए. डिटौक्सीफिकेशन का पहला नियम है अपने शरीर को हाइड्रेट रखें. डिटौक्स डाइट प्लान के दौरान, फू्रटजूस, वेजीटेबल जूस ही लें और स्मोकिंग, अल्कोहल, कौफी और दूसरे स्टिमुलेट्स से बच कर ही रहें, साथ ही रेड मीट, फैट्स और शूगर वगैरह से बच कर रहें.
पहले 2 से 3 दिन तक शौर्ट व हलकी डाइट लें. डिटौक्सीफिकेशन की साइकिल हफ्ते में 1 दिन और महीने में 3 दिनों की रखें, अगर इस से लंबे समय की डिटौक्सीफिकेशन डाइट लेनी हो तो किसी डायटीशियन की सलाह लें.इस के अलावा पौजिटिव सोच रखें इस से दिमाग फ्रैश रहता है और चुनौतियों को स्वीकार करने में सक्षम होता है. खुद को रिलैक्स रखने के लिए 6 से 8 घंटे की नींद ले, तनाव में न रहें. आप संगीत सुन कर, किताबें पढ़ कर और स्विमिंग कर के तनावमुक्त रह सकते हैं.
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डिटौक्स करने वाले जरूरी आहार
नारियल पानीः
ताजे नारियल के जूस में कई इलेक्ट्रोलाइट्स और एंटीऔक्सीडेंट होते हैं. जो शरीर से टौक्सिंस को निकाल कर बौडी सिस्टम को साफ करते हैं. नारियल पानी में बड़ी मात्रा में बौडी में विषैले पदार्थों को बाहर निकालने की गजब की क्षमता होती है.
ग्रीन टीः
ग्रीन टी में एंटीऔक्सीडेंट्स होने की वजह से यह बौडी के फैट को खत्म करती है. इस से मैटाबोलिज्म भी स्ट्रांग रहता है और हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों से छुटकारा मिलता है. डायजेस्टिव सिस्टम की परेशानियां भी दूर हो जाती हैं.
खीरा, ककड़ीः
खीरे में मौजूद 95% पानी यूरिन के रास्ते से खतरनाक कैमिकल्स और एसिडिक पदार्थों को बाहर कर देता है. बौडी के लिए जरूरी पानी की कमी को ककड़ी खा कर काफी हद तक पूरा किया जा सकता है. पानी बौडी के आधे नुकसानदायक चीजों को डिटौक्सीफाई करने का काम करता है.
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मौसमी फलों का सेवनः
तरबूज, खीरा, ककड़ी, संतरा, अंगूर और सेब का रस, नीबू, अदरक शलगम तथा बीट रूट से बौडी को डिटौक्स कर सकते हैं.
केल की पत्तीः
यह एक बेहतरीन डिटौक्सीफाइंग जूस है. केल पत्ती को पीस कर इस में कुछ बूंदें नीबू रस, 1 चम्मच पिसा हुआ अदरक मिला कर तैयार कर और सुबह सेवन करें.
हरी प्याजः
एंटी औक्सीडेंट और सल्फर से भरपूर हरी प्याज डिटौक्सीफिकेशन (पौइजन केमिकल के प्रभाव को खत्म करना) में मदद करने वाले एंजाइम्स को एक्टिव कर देता है, साथ ही इस में कैलोरी भी बहुत कम होती है.
अखरोटः
इस में ओमेगा-3 होता है, यह दिल को हैल्दी रखता है साथ ही डिटौक्सीफिकेशन का काम भी बखूबी करता है. इस में मौजूद कौपर, मैग्नीशियम और बायोटीन कैंसर की बीमारी को दूर करते हैं.
हरा धनियाः
इस के एंटीसेप्टिक इंग्रीडिएंट्स नुकसानदायक तत्त्वों को सैल्स से दूर रखते हैं. साथ में लीवर की सफाई करने वाले एंजाइम्स को बढ़ाते हैं. इस की पत्तियों को चबा कर खाने से या खाने में डाल कर इस के बीजों को खाने से शरीर में मौजूद हानिकारक कैमिकल्स को आसानी से दूर किया जा सकता है.
सूरजमुखी के बीजः
सेलेनियम कैमिकल और विटामिन ई से भरपूर ये बीज लिवर के काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं. ये बौडी में बैड कोलेस्ट्रौल बनने से भी रोकते हैं. इस में मौजूद मैग्नीशियम दिल को हैल्दी रखने का काम करता है.
पालकः
पालक में डिटौक्सीफाइंग का गुण बड़ी मात्रा में पाया जाता है. इसे सब्जी, सूप या पीस कर पेस्ट तैयार कर के भी ले सकते हैं. नींबू, कालीमिर्च मिला कर पी सकते हैं.
ग्रीन ऐप्पलः
इस का स्वाद थोड़ा तीखा होता है. इसे रोज सुबह के समय लें. यह शरीर को अंदर से साफ करता है.
ब्लू बैरीः
छोटीछोटी ब्लूबैरी में बौडी को डिटौक्स करने के गुण होते हैं. इस में मौजूद एंथोक्रेनाइंस और एंटीऔक्सीडेंट शरीर में जमा विषैले पदार्थों को बाहर निकालते हैं.
विटामिन मिनरल हैं जरूरीः
फोलिक एसिड, विटामिन बी, कैल्सियम, विटामिन सी, डी और बी-12 की मात्रा शरीर में बनाएं रखें. रोजाना जरूरत के अनुसार विटामिन और मिनरल का सेवन करें.
पुदीनाः
यह शरीर में मौजूद टौक्सिन को आसानी से बाहर निकालता है. पुदीने की पत्तियों को मसल लें. फिर उस में नीबू की कुछ बूंदे डाल लें इस में नमक, कालीमिर्च डाल कर खाएं.