गर्मियों में थोड़ी से लापरवाही आपको बीमार कर सकती है. आप कई बीमारियों से घिर सकते हैं, उन्ही बीमारियों में एक है एनीमिया. जो शरीर में आयरन की कमी होने से होने से होती है. शरीर में आयरन की कमी होने से हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है जिसे एनीमिया जाता है.
हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला ऐसा प्रोटीन है, जो पूरे शरीर ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है और हीमोग्लोबीन की कमी से शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमीहोने लगती है और इसी कमी की वजह से व्यक्ति में एनीमिया के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलने पर या हरे पत्तेदार सब्जियां का सेवन नहीं करने पर रक्त में आयरन की कमी हो जाती है.
एनीमिया के प्रमुख लक्षण
* अत्यधिक थकान.
* जीभ का रंग सफेद होना.
* चेहरा सफेद या पीला पड़ना.
* जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना.
* हाथ-पैरों में झनझनाहट.
* सिरदर्द रहना.
* कभी-कभी चक्कर आना और आंखों के आगे अंधेरा छा जाना .
* हृदय गति असामान्य होना.
* खाने खाने का मन नहीं करना.
* नाखूनों की रंगत सफेद पडना
* आंखों के नीचे काले घेरे होना.
एनीमिया का निदान :-
रोगी की रक्त जांच के जरिए डॉक्टर आसानी से एनीमिया के पहचान कर लेते हैं. इसके अलावा वे रोगी की अन्य जांच भी करवाते हैं जिससे एनीमिया की मुख्य वजह का पता लगाया जा सके. एनीमिया का इलाज पूरी तरह से संभव है. रोगी की शरीर की जांच व चिकित्सीय इतिहास का इसमें अहम रोल होता है. कई बार रोगी के परिवारिक इतिहास में एनीमिया की समस्या होती है जिससे वो इसका शिकार हो जाता है. इसके अलावा कोई अन्य गंभीर बीमारी होने पर भी इसके लक्षण दिखाई देते हैं. एनीमिया किसी बीमारी का लक्षण मात्र है और डॉक्टर रोगी की जांच के जरिए इस बीमारी के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं. एनीमिया के निदान के लिए निम्न जांच की जाती हैं.
इलाज से बेहतर है परहेज :-
इलाज से बेहतर है परहेज, इसलिए शरीर में खून की कमी न होने पाए, इसके लिए पौष्टिकता पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी है. ऐसे में भोज्य पदार्थों यथा मूंगफली, गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि का सेवन नियमित रूप से करते रहना चाहिए. चूंकि हमारे रक्त का एक मुख्य घटक प्रोटीन भी है, इसलिए हमें प्रोटीनयुक्त भोजन जैसे अंकुरित दालें, दूध, दही, पनीर तथा दूध से बने अन्य उत्पाद, सूखे मेवे, सोयाबीन आदि का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए लेकिन यह ध्यान रखें कि जंकफूड न खाएं, सिंथेटिक एवं फ्लेवर्ड शीतल पेयों से भी परहेज रखें.
* ‘मैगलोब्लास्टिक एनीमिया’ :-
शरीर में रक्त की कमी होने के अनेक कारण हो सकते हैं. एनीमिया रोग मुख्यत: आयरन की कमी से होता है परन्तु कई बार शरीर में फोलिकएसिड और विटामिनबी-12 की कमी होने से भी एनीमिया हो जाता है. हालांकि ऐसा बहुत कम मामलों में होता है. इसे ‘मैगलोब्लास्टिक एनीमिया’ कहते हैं. साधारण एनीमिया का पता रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा जांचने से चल जाता है जबकि मैग्लोब्लास्टिक एनीमिया का पता पेटीफलस्वीयरटेस्ट द्वारा ही चल पता है.
महिलाओं में प्रत्येक मासिक स्राव एवं प्रसव के समय अत्यधिक मात्रा में स्राव होने से भी शरीर में खून की कमी हो जाती है. कभी-कभी शरीर में खून की कमी के कारण माइनर थैलेसीमिया रोग भी हो सकता है. इस प्रकार के एनीमिया का इलाज आयरन की गोलियां से नहीं होता बल्कि इसका इलाज विशेष रूप से करवाना पड़ता है. पेट में कीड़े होने और थायराइड ग्रंथि के अधिक सक्रिय होने के कारण भी एनीमिया हो सकता है.
इनको ना कहे :-
पेप्सी और कोक को ना करे साथ ही नींद के गोलियों के सेवन से दूर रहे. साथ ही जंकफूड न खाएं, क्यों कि इनका सेवन अत्यधिक हानिकारक हो सकता है.
इन्हें हां कहे :-
प्रोटीनयुक्त भोजन जैसे अंकुरित दालें, दूध, दही, पनीर तथा दूध से बने अन्य उत्पाद, सूखे मेवे, सोयाबीन आदि का सेवन अधिक मात्रा में करना लाभदायक हो सकता है.