बैंक अपने ग्राहकों के समक्ष तमाम तरह की योजनाओं की जानकारी पेश करते हैं. हालांकि इनमें से कोई भी पेशकश मुफ्त नहीं होती है. बैंक, अकाउंट खुलवाने से लेकर अकाउंट बंद करवाने तक बैंक एक न्यूनतम शुल्क वसूलते हैं. हालांकि बैंक के नियम व शर्तों में इसका बाकायदा उल्लेख होता है, लेकिन खाता खुलवाते समय अक्सर बैंक अपने ग्राहकों को तमाम बातें नहीं बताते हैं. बैंक की ओर से वसूले जाने वाले ऐसे शुल्क जिसकी जानकारी बैंक नहीं देते हैं.

अकाउंट बंद करने के लिए बैंक का शुल्क

आमतौर पर ग्राहकों को यह बात पता नहीं होती है. अगर आप बैंक का अकाउंट बंद करवाना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि बैंक इसके लिए भी शुल्क वसूलता है. अगर आपके खाते को तीन महीने भी नहीं हुए है और आप उसे किसी कारण बंद करवाना चाहते हैं तो आपको इसे बंद करवाने की एवज में बैंक को 50 से 200 रुपए तक देने पड़ सकते हैं.

12 बार बैंक जाकर किया ट्रांजैक्शन तो बैंक वसूलेगा शुल्क

आमतौर पर लोग एटीएम से पैसा निकालने के बजाए बैंक जाकर ऐसा करना मुनासिब समझते हैं. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि ऐसा कर आप शुल्क बचा रहे हैं तो आपको गलतफहमी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर, आपने एक तिमाही के दौरान अपनी ब्रांच से 12 से ज्यादा बार लेन-देन किया है, तो आपके अकाउंट से 50 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन के हिसाब से रकम काटी जाती है. हालांकि यह चार्ज ज्यादातर प्राइवेट बैंक ही वसूलते हैं.

दूसरी ब्रांच में लेन-देन है महंगा

जिस बैंक में आपका खाता है आपके लिए उसी ब्रांच से पैसा निकालना बेहतर रहता है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह गलत है. ऐसा इसलिए कि अगर आप अलग किसी और ब्रांच में जाकर लेन-देन करते हैं आपको इसके लिए भी पैसे चुकाने होते हैं. निजी क्षेत्र के बैंक पहली बार ऐसे लेन-देन का चार्ज नहीं लेते हैं, लेकिन इसके बाद हर लेनदेन पर प्रति हजार पांच रुपए चार्ज वसूला जाता है.

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