मोदी सरकार के गठन के साथ शेयर बाजार उड़ान पर है. बीएसई का शेयर सूचकांक लगातार छलांग लगा  25 हजार के रिकौर्ड स्तर को पार कर गया है.

सूचकांक 11 दिसंबर, 2007 को पहली बार 20 हजार पर पहुंचा था तो चारों तरफ खलबली मच गई थी लेकिन महज 1 माह बाद 8 जनवरी, 2008 को सूचकांक 21 हजार का स्तर छू गया. उस के बाद बाजार की 1 हजार अंक की चाल पहली बार इस

10 मार्च को दिखी जब सूचकांक 22 हजार को पार कर गया. फिर 9 मई को 23 हजार, 13 मई को 24 हजार और मतगणना से ठीक 1 दिन पहले 25 हजार अंक का स्तर बाजार के सूचकांक ने छुआ तो स्वयं में सर्वाधिक ऊंचाई हासिल करने का भी एक रिकौर्ड बन गया.

यह ठीक है कि वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल में निर्यात 2 माह की गिरावट के बाद बढ़ा है और इस दौरान महंगाई की दर में भी गिरावट आई है लेकिन ऐसा पहले भी कई बार हुआ है. कुल मिला कर बाजार को मोदी से कुछ ज्यादा ही उम्मीद है, इसलिए वहां उत्साह का माहौल है.

खबरें आ रही हैं कि मोदी राजमार्ग निर्माण, करों में सुधार, भूमि अधिग्रहण, महंगाई पर नियंत्रण के लिए आयात नीति में सुधार, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए योजनाएं बदलेंगे ताकि लोगों को मजदूरी पर निर्भर रहने के बजाय स्थायी रोजगार उपलब्ध हो सके. उधर, मूडीज को भी भरोसा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई हासिल करेगी. इन्हीं सब उम्मीदों के बीच बाजार लगातार नई ऊंचाई हासिल कर रहा है.

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