सरकार व वैज्ञानिक किसानों की खुशहाली के लिए मशीनों से खेती करने की बात करते हैं. मगर छोटी या मध्यम जोत के किसान यदि मशीनी खेती करना भी चाहें, तो ज्यादातर मशीनों के बिजली या ईंधन चालित होने की वजह से लागत बढ़ जाती है. इतना सब होने के बावजूद अगर मशीन बिजली चालित है, तो ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती एक बड़ी समस्या बन कर उभरती है. ऐसे में किसानों द्वारा सूर्य की रोशनी से चलने वाले कृषि यंत्रों को अपनाना बेहतर साबित होगा. इस से न सिर्फ बिजली या ईंधन पर आने वाली लागत शून्य होगी, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा. हाल ही में मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित एक फर्म ने सूरज की रोशनी से चलने वाली एक स्प्रे पंप मशीन ईजाद की है, जो बिक्री के लिए बाजार में आ चुकी है. फर्म ने इसे ‘धूप सोलर स्प्रे पंप 999’ के नाम से बाजार में उतारा है. यह मशीन इनबिल्ट बैटरी से लैस होने के कारण डीसी पावर से चलती है और जरूरत पड़ने पर छोटे इन्वर्टर के रूप में भी इस्तेमाल की जा सकती है.

खूबियां : फर्म के दावों के मुताबिक इस सोलर सिस्टम स्प्रे मशीन की निम्न खूबियां हैं:

* खेतों व बागों में पोशक तत्त्वों व दवाओं के छिड़काव के लिए ज्यादातर किराए पर मशीन ली जाती है या बिजली और ईंधन द्वारा चालित मशीनें इस्तेमाल होती हैं, जिन पर काफी लागत आती है. यह सोलर सिस्टम स्प्रे पंप मशीन पूरी तरह से सूरज की रोशनी से चलती है. लिहाजा शुरुआती लागत के बाद कोई खर्च नहीं होता है.

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