भारत में आज भी लाखों किसान ऐसे हैं जिन की पहुंच कृषि यंत्रों तक नहीं है. बड़े किसान तो इन मशीनों का फायदा उठा रहे हैं, लेकिन छोटी जोत वाले किसान पुराने तरीके अपनाते हैं या किराए पर मशीनों से अपनी खेती का काम कराते हैं.

ऐसी स्थिति में खेती की मशीनों को छोटे किसानों तक पहुंचाना एक मुश्किल भरा काम है.

आज हरित क्रांति का दौर है. ऐसे समय में किसानों की पहुंच कृषि यंत्रों तक होनी चाहिए, जिस से वे कम समय और कम लागत में अपनी फसल से अच्छा मुनाफा ले सकें.

सरकार भी किसानों के लिए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देती है, जिस का फायदा किसान उठा रहे हैं और अनेक छोटेबड़े मशीन निर्माता किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खेती से जुड़ी मशीनें बना रहे हैं.

इसी बाबत हमारी बात बलविंदर सिंह से हुई, जो किसानों की जरूरत को ध्यान में रख कर कई तरह के कृषि यंत्रों को बना रहे हैं, जिन्हें आम किसान भी आसानी से खरीद कर अपनी खेती की पैदावार बढ़ा सकते हैं. इस के साथ ही दूसरे किसानों का खेती का काम कर के भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.

‘मघर सिंह भजन सिंह एंड संस’ के मालिक बलविंदर सिंह ने बताया कि हम 1952 से कृषि की मशीनें बना रहे हैं और हमारे नाम से ही मशीनें बिक जाती हैं. मशीनों की कीमत ऐसी कि किसान आसानी से खरीद सकें, हमारी बनाई मशीनों की कीमत 10 हजार रुपए से शुरू होती है.

उन्होंने आगे बताया कि वे लगभग 10-12 तरह की मशीनें बना रहे हैं, जिन में कल्टीवेटर, सीडड्रिल, ट्रौली, ग्रास कटर, डिस्क प्लग, डिस्क हैरो व टैंकर आदि हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...