घर के बगीचे में सब्जियों की खेती करने को हम किचन गार्डन कह सकते हैं. किचन गार्डन यानी गृहवाटिका में सब्जी उत्पादन का प्रचलन पुराने समय से ही चला आ रहा है. इस में सब्जी उत्पादन का खास मकसद यह होता है कि पूरे परिवार को सालभर ताजा सब्जी मिलती रहे.

इस किचन गार्डन में सब्जियों के अलावा फलफूल वगैरह को भी उगाया जा सकता है. इसी वजह से इसे परिवार आधारित रसोई उद्यान यानी गृहवाटिका या किचन गार्डन भी कहते हैं.

इस तरह के सब्जी उत्पादन में खास मकसद माली फायदा न हो कर परिवार के पोषण लैवल को बढ़ाना व घर में ही ताजा सब्जियों का उत्पादन करना होता है. सब्जियों का चयन परिवार के सदस्यों के मुताबिक ही किया जाता है.

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आप अपने घर के आंगन में, गमलों में, घर की छत पर या आप के आसपास कोई खाली जगह है, तो आसानी से घर में सब्जी का बगीचा यानी किचन गार्डन बना सकते हैं. इस से आप को ताजा सब्जियां भी मिलेंगी और साथ ही साथ उत्पादन ज्यादा हो तो आप इन सब्जियों को बेच कर कुछ पैसे भी कमा सकते हैं.

घर पर सब्जियां लगाने के तरीके

घर पर सब्जियां लगाने के कुछ खास तरीके हैं :

* गमले और प्लास्टिक ट्रे में सब्जी लगाना.

* घर की छत पर सब्जी लगाना.

* घर में खाली पड़ी जमीन में क्यारी बना कर सब्जी लगाना.

गमले और प्लास्टिक ट्रे में सब्जी लगाना : गमले में सब्जी उगाने के लिए आप को ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती है. बालकनी या ऐसी थोड़ी सी भी खाली जगह, जहां गमला रख सकते हैं, वहां बहुत आसानी से गमले में सब्जियों को उगा सकते हैं.

गमला मिट्टी का हो, तो यह काफी अच्छा रहेगा. इस के अलावा आप अपने घर पर पड़ी खराब बालटियां, तेल के कनस्तर, लकड़ी की पटरियां आदि भी इस्तेमाल कर सकते हैं, बस उन के नीचे 2 या 4 छेद कर के पानी की निकासी जरूर कर दें.

गमले के पेंदे के छेद पर कुछ कंकड़ डाल देंगे तो मिट्टी जम कर छेद बंद नहीं होंगे. गमलों में टमाटर, बैगन, गोभी जैसी सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं.

टिन या प्लास्टिक की ट्रे, जिस में 3 या 5 इंच मिट्टी आती हो, उस में हम हरा धनिया, मेथी, पुदीना वगैरह सब्जियां उगा सकते हैं. भिंडी वगैरह के पौधे को गमले में गिरने से बचाने के लिए सपोर्ट देते हुए कुछ स्टिक जरूर गाड़ दें.

गमले में लौकी, तुरई, करेला, मूली, गोभी, भिंडी, प्याज वगैरह सब्जियों को लगा सकते हैं. इस तरह के पौधों के लिए गमले का आकार थोड़ा बड़ा होना चाहिए, जिस में 10-12 किलोग्राम मिट्टी आ सके.

बेलदार सब्जियों जैसे लौकी, तुरई, टिंडा, करेला, सेम आदि के लिए बड़े गमले की जरूरत होती है. कम से कम 12 इंच या उस से बड़े गमले में बेलदार सब्जियां उगाई जा सकती हैं.

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बैगन, मिर्च, टमाटर, प्याज, अदरक, मिर्च जैसी छोटी सब्जियों के लिए मध्यम आकार के गमले (6 से 10 इंच) सही रहते हैं. धनिया, पालक, मेथी, सौंफ जैसी सब्जियों के लिए कम ऊंचाई, लेकिन ज्यादा चौड़ाई वाले गमले सही रहते हैं.

घर की छत पर सब्जी लगाना : सब्जियां लगाने से पहले छत पर एक मोटी प्लास्टिक की चादर बिछा दें, फिर ईंटों या लकड़ी की पट्टियों से चारदीवारी बना लें. उस में समान रूप से मिट्टी बिछा दें और पानी की निकासी भी रखें.

छत पर सब्जी लगाने से गरमी के दिनों में आप का घर भी ठंडा रहता है, जिस से आप को काफी राहत मिलेगी.

घर में खाली पड़ी जमीन में क्यारी बना कर सब्जी लगाना : हमारे घर में या घर के आसपास कोई खाली जगह हो, तो ऐसी जगह का इस्तेमाल हम सब्जियां उगाने के लिए कर सकते हैं.

यदि वहां की मिट्टी ठोस हो, तो पहले उसे खुदाई कर के खेत जैसी बना लें और अगर मुमकिन हो, तो उस में किसी तालाब की उपजाऊ मिट्टी और गोबर की सड़ी खाद वगैरह डाल कर अच्छी तरह से जुताई कर दें. उस के बाद उस में छोटीछोटी क्यारियां बना कर आप अपनी मनपसंद सब्जियों को लगा सकते हैं.

अगर आप के पास सिंचाई के लिए पानी की कमी हो, तो किचन से निकले फालतू पानी को पाइप द्वारा सब्जियों की सिंचाई कर सकते हैं. आजकल आरओ से पानी के शुद्धीकरण में काफी पानी बरबाद होता है, इसलिए आप एक पतली नली से यह पानी किसी सब्जी की क्यारी में या पेड़ की जड़ में छोड़ सकते हैं.

अगर आप के पास बड़ा किचन गार्डन लगाने की जगह है, तो आप क्यारी बना कर लगा सकते हैं. उस में एक भाग में फल वाले पेड़ और दूसरे भाग में सब्जियों के पौधे लगाए जा सकते हैं.

पेड़ इस तरह से लगाएं कि वे दूसरे पौधों पर छाया न डालें. इस हिसाब से आप के प्लौट का उत्तर और उत्तरपश्चिम का कोना फलदार पेड़ों के लिए सही रहता है.

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कुछ फलदार पेड़ और सब्जियां साथसाथ भी लगाई जा सकती हैं. किचन गार्डन बड़ा होने पर हम इस तरह की सब्जियां भी लगा सकते हैं, जिन को निकाल कर उन को लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है, जैसे प्याज, लहसुन, टमाटर, अदरक वगैरह. इसी तरह मटर को भी लगाया जा सकता है.

सब्जियों का चयन आप को इस तरह से करना चाहिए कि बाजार में आने से पहले वे सब्जियां आप को मिल जाएं. जो सब्जियां महंगी होती हैं, उन को भी किचन गार्डन में प्राथमिकता देनी चाहिए.

घर के पिछले हिस्से में ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां सूरज की रोशनी पहुंचती हो, क्योंकि सूरज की रोशनी से ही पौधे का विकास मुमकिन है. पौधों को रोज 5-6 घंटे सूरज की रोशनी मिलना बहुत जरूरी होता है, इसलिए गार्डन छाया वाली जगह पर न बनाएं.

बगीचे के एक किनारे खाद का गड्ढा बनाएं, जिस में घर का कचरा और पौधों का अवशेष डाला जा सके, जो बाद में सड़ कर खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके.

बगीचे की सुरक्षा के लिए कंटीली झाड़ी व तार से बाड़ लगाएं, जिस में लता वाली सब्जियां उगाएं. रोपाई की जाने वाली सब्जियों के लिए किसी किनारे पर पौधशाला बनाएं, जहां पौध तैयार की जा सके.

जड़ वाली सब्जियों को मेंड़ों पर उगाएं. समयसमय पर निराईगुड़ाई करें. सब्जियों, फलों व फूलों के तैयार होने पर तुड़ाई करते रहें. सब्जियों का चयन इस तरह करें कि सालभर मिलती रहें.

घर में कौनकौन सी सब्जियां लगा सकते हैं?

रबी के मौसम की सब्जियां : इस मौसम की सब्जियां सितंबरअक्तूबर महीने में लगा सकते हैं, जैसे फूलगोभी, पत्तागोभी, शलजम, बैगन, मूली, गाजर, टमाटर, मटर, सरसों, प्याज, लहसुन, पालक, मेथी वगैरह.

खरीफ के मौसम की सब्जियां : इस मौसम की सब्जियों को लगाने का सही समय जूनजुलाई का महीना है. इस समय भिंडी, मिर्च, लोबिया, अरबी, टमाटर, करेला, लौकी, तोरई, शकरकंद वगैरह सब्जियों को लगा सकते हैं.

जायद के मौसम की सब्जियां : इस मौसम की सब्जियां फरवरीमार्च और अप्रैल महीने में लगाई जाती हैं. इस में टिंडा, खरबूजा, तरबूज, खीरा, ककड़ी, टेगसी, करेला, लौकी, तुरई, भिंडी जैसी सब्जी लगा सकते हैं.

गमले में फलसब्जी के पौध लगाने की विधि

  1. गमले में पौध तैयार करने के लिए आप को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई विधि बताई जा रही है. इस विधि का आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
  2. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, गमले में पौधे लगाने के लिए गमले का आकार थोड़ा बड़ा होना चाहिए, जिस में तकरीबन 10-12 किलोग्राम या ज्यादा मिट्टी आ जाए.
  3. गमले को सूखी उपजाऊ मिट्टी से भर कर फिर उस में से 2 किलोग्राम के तकरीबन मिट्टी निकाल दें और बाकी मिट्टी को फर्श या जमीन पर डाल कर इस में 200 ग्राम डीएपी, 100 ग्राम म्यूरेट औफ पोटाश, एक किलोग्राम वर्मी कंपोस्ट अच्छी तरह से मिला लें.
  4. अगर मिट्टी में पोषक तत्त्वों (जिंक, सल्फर, कौपर, मैगनीज, बोरोन वगैरह) की कमी हो, तो बाजार से ले कर इन की थोड़ी मात्रा मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें, फिर इस मिट्टी को गमले में भर दें.
  5. गमला ऊपर से तकरीबन 2-3 इंच खाली रखना चाहिए.
  6. गौरतलब है कि गमलों में लगाने के लिए कलम, बडिंग या गूटी से तैयार अच्छी प्रजाति के पौधे ही लगाने चाहिए. ऐसे पौधे 1 से 2 साल में फल देने लगते हैं. नीबू की प्रजाति ऐसी लगाएं, जिन पर साल में 2 बार फल जरूर आएं या 12 महीने फलफूल लगे रहें.
  7. गमले में पौधे लगा कर उस में पानी लगाएं, इस तरह मिट्टी नीचे दब जाएगी. गमला ऊपरी सतह पर 2-3 इंच खाली रहना चाहिए, ताकि समयसमय पर पानी लगाया जा सके.
  8. गमलों में जरूरत के मुताबिक पानी देते रहें. फूल आते समय ज्यादा पानी दें. पौधों को रोशनी भी मिलनी चाहिए, इसलिए ऐसी जगह रखें कि दिन में कुछ घंटे उन को सूरज की रोशनी मिल सके.
  9. जिन गमलों में सीधे बीज बो कर सब्जी (जैसे भिंडी, पालक, मेथी, धनिया वगैरह) लगानी हो, तो उन में बीजों को मिट्टी में मिला कर फिर हलका पानी लगाएं. आने वाले दिनों में सही नमी बनाए रखें. घर में गमलों की नियमित देखभाल करते रहें.

छत पर सब्जी लगाना

अगर आप के मकान की छत खुली हुई है, तो उस पर पौलीथिन की शीट डाल कर उस के ऊपर 4-5 इंच मोटी गोबर की सड़ी खाद मिली मिट्टी की परत डाल कर भी उथली जड़ वाली सब्जियां, जैसे पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, टमाटर, धनिया, पुदीना, बथुआ, पालक, मेथी वगैरह उगा सकते हैं.

12 इंची या जरूरत के मुताबिक (उगाए जाने वाले पेड़पौधों के मुताबिक) या इस से बड़े मिट्टी, सीमेंट या प्लास्टिक के बने गमलों का इस्तेमाल करें.

गमलों को सूखी उपजाऊ मिट्टी से भर लें और फिर तकरीबन एक किलोग्राम मिट्टी को गमले से वापस निकाल लें, बाकी मिट्टी को फर्श या जमीन पर पलट दें. अब इस में 50 ग्राम डीएपी, 50 ग्राम म्यूरेट औफ पोटाश या फिर 100 ग्राम डीएपी, 500 ग्राम केंचुआ की खाद (वर्मी कंपोस्ट) या गोबर की खाद अच्छी तरह मिला दें.रोग व कीट नियंत्रण बैगन, भिंडी, फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर में सफेद मक्खी सूंड़ी की समस्या ज्यादा होती है. यदि पत्तियां हिलाने से हरे रंग के कीट या रस चूसने वाले कीट या बारीक सफेद मक्खी दिखाई दे, तो पौधों पर पानी की बौछार मार कर धुलाई करें या नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर, उस पानी को ठंडा कर के छान कर पौधों पर छिड़काव करें, वरना कृषि माहिरों से भी संपर्क कर सकते हैं.

अगर आप को गमले में सब्जी की तैयार नर्सरी बैगन, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, मिर्च, शिमला मिर्च आदि में से कोई भी (जिस का मौसम हो) लगानी है, तो उस का एक पौधा या बड़े गमले में एक से ज्यादा पौधे लगा कर उस में पानी डालें और ध्यान रखें कि पानी गमले से बाहर न निकले, इस के लिए गमलों को तकरीबन 2 इंच खाली रखें. पानी लगाने पर अगर पौधा गिर जाता है, तो उसे सीधा खड़ा कर मिट्टी का सहारा दें.

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