लेखक-डा. संजीव कुमार वर्मा, प्रधान वैज्ञानिक 

किसान अकसर यह शिकायत करते मिल जाते हैं कि जब से उन्होंने नया भूसा खिलाना शुरू किया है, तब से कुछ पशुओं को दस्त लग गए हैं. नए भूसे में ऐसा क्या है, जिस के कारण पशु को दस्त लग जाते हैं? कुछ लोग कहते हैं कि नया भूसा गरमी करता है. गरमीसर्दी कुछ नहीं करता, आज आप को समझाते हैं कि नए भूसे से पशुओं को दस्त क्यों लग जाते हैं.

खाद्यान्न फसलों को कीड़ेमकोड़ों से बचाने के लिए कई तरह के हरबीसाइड, इंसैक्टिसाइड और पैस्टिसाइड फसलों पर छिड़के जाते हैं. ये हरबीसाइड खरपतवार तो खत्म कर देते हैं और इंसैक्टिसाइड व पैस्टिसाइड फसलों को तो कीड़ों से बचा लेते हैं, मगर इन की रेजिड्यू भूसे के ऊपर लगी

रह जाती है. यही भूसा जब पशु को खिलाया जाता है तो ये हरबीसाइड, इंसैक्टिसाइड

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और पैस्टिसाइड पशु के पाचन तंत्र में

पहुंच कर उसे डिस्टर्ब कर देते हैं और पशु को दस्त लग जाते हैं.

इन हरबीसाइड, इंसैक्टिसाइड और पैस्टिसाइड की मात्रा इतनी भी नहीं होती कि पशु मर ही जाए, मगर इतनी तो होती है कि उस का पाचन तंत्र खराब हो जाता है और उसे दस्त लग जाते हैं.

खेत में जो भी कैमिकल छिड़के जाते हैं, वे पौधे के अंदर या तो सीधे ही चले जाते हैं या फिर जब पौधा मिट्टी से अपना पोषण शामिल करता है तो उस समय ये सब कैमिकल पौधे के अंदर चले जाते हैं. वैसे तो इन का एक समय होता है जिस के बाद ये अपने आप ही डिऐक्टिवेट हो जाते हैं, मगर इन कैमिकल के डिऐक्टिवेट होने से पहले ही अगर वह भूसा पशुओं ने खाया तो ये सब कैमिकल उन के अंदर चले जाते हैं.

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