कोरोना वायरस से फैली महामारी का हमला अभी कम भी नहीं हुआ था कि टिड्डी दल के हमले ने कृषि वैज्ञानिकों समेत किसानों को चिंता में डाल दिया है. राजस्थान से मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके के हमीरपुर और  झांसी में इन के हमले की सूचना मिली है.

टिड्डी दल में करोड़ों की तादाद में तकरीबन 2 से ढाई इंच लंबे कीट होते हैं, जो फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं. ये कीट सभी तरह के हरे पत्तों पर हमला करते हैं और किसी इलाके में शाम 6 बजे से रात  8 बजे के आसपास पहुंच कर जमीन पर बैठ जाते हैं, वहीं पर रातभर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और फिर सुबह 7 बजे से 8 बजे के आसपास उड़ान भरते हैं.

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कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव

* टिड्डी दल केवल रात के समय फसलों पर बैठते हैं. इन पर उसी समय हमला करने की जरूरत होती है.

* टिड्डी दल जिस जगह पहुंचेगा, वहां मादा कीट जमीन पर अंडे छोड़ देती हैं और वे फिर दोबारा लौटते हैं.

* जब तक टिड्डी दल लौटता है, तब तक दूसरे कीट, जो अंडे के रूप में होते हैं, वे बड़े हो चुके होते हैं.

* टिड्डी दल पर निगरानी रखने के लिए किसान शाम को फसलों पर जरूर नजर रखें. अगर उन का प्रकोप हो तो तुरंत अपने कृषि विज्ञान केंद्र या जिला प्रशासन को सूचित करें.

* इन से छुटकारा पाने के लिए रात के समय कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

* जिस तरफ हवा होती है, ये कीट उसी तरफ उड़ान भर देते हैं. ये कीट एक उड़ान में तकरीबन 100 से 150 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं.

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