गांवों में शादी और दूसरे अवसरों पर मालपुआ काफी पसंद किया जाता है. इसे तैयार करना आसान होता है. जाडे़ के दिनों में अब यह शहरी मिठाई की दुकानों पर खूब बनने लगा है. मालपुआ की अच्छी बात यह होती है कि यह अनाज, दूध और चीनी से मिल कर तैयार होता है. इस में खराब होने वाला कुछ नहीं होता है. उत्तर भारत की सभी मिठाई की दुकानों में मालपुआ मिल जाता है. इसे घर पर भी तैयार किया जाता है. अच्छा मालपुआ बनाने के लिए दूध, सूजी और मैदे की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए. देशी घी में तले मालपुए ज्यादा ही स्वादिष्ठ होते हैं. मुरादाबाद की रहने वाली पकवान विशेषज्ञ आरती तरुण गुप्ता कहती हैं, ‘मालपुआ अपनेआप में बहुत ही स्वादिष्ठ और पसंद किया जाने वाला पकवान है. यह साधारण पुओं से एकदम अलग होता है.’ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह खूब बिकता है. सब से अच्छी बात यह है कि गांवों से ले कर शहरों तक हर जगह मालपुआ मिल जाता है. सभी जगहों पर इसे पसंद किया जाता है.

मालपुआ के लिए सामग्री : 4 कप फुल क्रीम दूध, 1 बड़ा चम्मच सूजी, 4 बड़े चम्मच मैदा, 1 बड़ा चम्मच चीनी, 2 इलायची और तलने के लिए पर्याप्त घी.

चाशनी के लिए सामग्री : 1 कप चीनी, आधा कप पानी, 6 से 8 केसर के धागे, 1 बड़ा चम्मच इलायची. मालपुओं को सजाने के लिए कुछ पिस्ते व बादाम.

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मालपुआ बनाने की विधि : सब से पहले कड़ाही में दूध डाल कर उबालें. पहले उबाल के बाद आंच को धीमा कर दें. दूध को गाढ़ा होने दें. जब दूध गाढ़ा हो जाए तो आंच बंद कर दें. गाढ़े दूध को ठंडा होने दें. चाशनी बनाने से पहले केसर के धागों को दूध में भिगो कर अलग रख दें और इलायची छील कर बारीक पीस लें.

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