लेखक- डा. सोनाली शर्मा
रसोईघर की बाड़ या पोषण वाटिका या फिर गृह वाटिका उस वाटिका को कहा जाता है, जो घर के अगलबगल में हो. यह वाटिका घर के आंगन में ऐसी खुली जगह पर होती है, जहां पारिवरिक मेहनत से, परिवार के इस्तेमाल के लिए विभिन्न मौसमों में मौसमी फल और विभिन्न सब्जियां उगाई जाता
पोषण वाटिका का मकसद
इस का मकसद रसोईघर के पानी व कूड़ाकरकट का इस्तेमाल कर के घर की फल व सागसब्जियों की दैनिक जरूरतों को पूरा करना होता है.
आजकल बाजार में बिकने वाली चमकदार फलसब्जियों को रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कर के उगाया जाता है. रसायनों का इस्तेमाल खरपतवार, कीड़े व बीमारियों रोकने के लिए किया जाता है.
इन रासायनिक दवाओं का कुछ अंश फलसब्जी में बाद तक भी बना रहता है. इस के कारण इन्हें इस्तेमाल करने वालों में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम होती जा रही है.
इस के अलावा फलों व सब्जियों के स्वाद में अंतर आ जाता है, इसलिए हमें अपने घर के आंगन या आसपास की खाली जगह में छोटीछोटी क्यारियां बना कर जैविक खादों का इस्तेमाल कर के रसायनरहित फलसब्जियों को उगाना चाहिए.
स्थान का चयन
इस के लिए स्थान चुनने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती, क्योंकि अधिकतर ये स्थान घर के पीछे या आसपास ही होते हैं. घर से मिले होने के कारण थोड़ा कम समय मिलने पर भी काम करने में सुविधा रहती है.
गृह वाटिका के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए, जहां पानी पर्याप्त मात्रा में मिल सके, जैसे नलकूप या कुएं का पानी, स्नान का पानी, रसोईघर में इस्तेमाल किया गया पानी पोषण वाटिका तक पहुंच सके.