लेखक- बृहस्पति कुमार पांडेय 

खेती से जुड़े काम हमारे यहां खेती के नजरिए से किसानों के लिए वैसे तो हर महीना खास होता है, लेकिन अगस्त का महीना, जिसे हम हिंदी महीने के रूप में श्रावण और भाद्रपद के नाम से जानते हैं, खेती के लिए इसलिए ज्यादा अहम होता है कि इस महीने में मानसून जोरों पर होता है और वर्षा वाले क्षेत्रों में ?ामा?ाम बारिश भी होती है. यह भी कह सकते हैं कि मानसून बरसात की ?ाड़ी लगा देता है, जिस के चलते चारों तरफ हरियाली बढ़ जाती है. अगस्त महीने में होने वाली बारिश जहां फसलों के लिए फायदेमंद होती है, वहीं कई तरह के कीड़ेमकोड़े भी पनपते रहते हैं, जो फसल और पशुओं के साथसाथ हमारी सेहत के लिए भी नुकसानदायक होते हैं. इस महीने ज्यादा मच्छर पनपने से मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है. साथ ही, पशुओं में खुरपकामुंहपका रोग का प्रकोप भी बढ़ जाता है.

वहीं अधिक बारिश से फसलों में भी कीटों व बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. इस समय बारिश अधिक होने से फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों की तादाद काफी बढ़ जाती है, जो बोई गई फसल की पत्तियों का रस, फूल व फलों को अपना भोजन बनाते हैं. इस से पैदावार में काफी कमी आ जाती है. ऐसे में अगर कीटों का प्रकोप फसल में दिखाई पड़े, तो अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र के फसल सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क कर समाधान पा सकते हैं. इस के अलावा फसल में बहुत सी बीमारियां भी फैलती हैं, जिस से उपज में कमी के साथसाथ गुणवत्ता भी गिर जाती है. इन बीमारियों से बचने के लिए किसानों को रोगरोधी किस्मों का चयन और बीजोपचार का उपाय अपनाना चाहिए. बीमारी का प्रकोप दिखाई देने पर कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें. अगस्त के महीने में हमारे खेतों में बोई गई फसल के बीच और मेंड़ों पर घासफूस उग आते हैं, जो फसल की वृद्धि की दर को रोक देते हैं, जिस से फसल का उत्पादन प्रभावित हो जाता है. ऐसे में यह सुनिश्चित कर लें कि फसल में खरपतवार बिलकुल ही न उगने पाएं, अगर खरपतवार उग आए हों, तो निराईगुड़ाई कर के उन्हें फसल से निकाल दें.

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