लेखक-प्रो. रवि प्रकाश मौर्य 

मुख्य रूप से समय पर बाग में किए जाने वाले विभिन्न खेती के कामों पर निर्भर करता है. समय से खेती के काम या गतिविधियां न करने से बागबान को भारी नुकसान हो सकता है, जो लाभहीन उद्यम हो कर रह जाता है. बागबान आम की तोड़ाई कर बेच कर या खुद आम खा कर अकसर आम की बगिया को भूल जाते हैं कि उस के लिए भी कुछ करना है या नहीं, जिस ने मीठे फल दिए. याद रखें, फल की तुड़ाई के बाद से ले कर मंजर के आने तक क्याक्या किया जाना चाहिए, इन सिफारिशों को जब अपनाएंगे, तो निश्चित रूप से उत्पादों की उत्पादकता, गुणवत्ता के साथसाथ शुद्ध रिटर्न में वृद्धि करने में मदद मिलेगी.

गहरी जुताई और उर्वरक : फलों की तुड़ाई के बाद बाग की अच्छी तरह से गहरी जुताई करनी चाहिए. इस के बाद बाग से खरपतवार निकाल दें. उस के बाद 10 साल या 10 साल से बड़े आम के पेड़ों के लिए यूरिया 2.20 किलोग्राम, सिंगल सुपर फास्फोरस 3.12 किलोग्राम और म्यूरेट औफ पोटाश 1.73 किलोग्राम प्रति पेड़ देना चाहिए. इसी के साथ 80 से 100 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर या कंपोस्ट खाद भी देनी चाहिए. खाद व उर्वरक देने के लिए पेड़ के मुख्य तने से 2 मीटर की दूरी पर 25 सैंटीमीटर चौड़ा व 25 सैंटीमीटर गहरा घेरा पेड़ के चारों तरफ खोद दें. इस के बाद आधी मिट्टी निकाल कर अलग करने के बाद उस में सभी खाद व उर्वरक मिलाने के बाद उसे घेरे में भर देते हैं, इस के बाद शेष बची मिट्टी से घेरे को भर देते हैं, उस के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए. कीट प्रबंधन : जहां नमी ज्यादा होती है,

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