Emotional Life Story : आशुतोष के आने से नीना की आंखों में सपने तैरने लगे थे. खुशियां फिर दिल पर दस्तक देने लगी थीं लेकिन अचानक एक बार फिर सबकुछ बिखर कर रह गया.
हमेशा की तरह आज का कार्यक्रम भी बहुत अच्छा रहा था. सभी मेंबर्स ने बहुत बढ़िया गाने गाए. 2 गेस्ट सिंगर भी थे आज. उन्होंने भी बहुत बढ़िया गाया. फिर आपस में गप्पे मारते हुए विभिन्न विषयों पर बातचीत के साथ ही अगले महीने के कार्यक्रम की रूपरेखा भी बन गई.
साढ़े 10 बजे तक आभा और कीर्ति डिनर कर के चली गईं. उस के कुछ ही समय बाद मनोज जी भी नूतन और वर्मा जी के साथ चले गए. जब सभी लोग डिनर कर चुके थे तब नीना ने बिल चेक कर के मैनेजर को पैसे दिए. म्यूजिक सिस्टम वाले का हिसाब किया और अंत में 11 बजे के लगभग वह भी राजेश के साथ होटल के रूफटॉप से नीचे आ गई.
पहले उस का बेटा उसे लेने आता था लेकिन जब से शादी कर के वह हैदराबाद में सैटल हो गया है, तब से राजेश या ग्रुप का कोई अन्य मेंबर उसे रात में घर तक पहुंचा देता है. बेटा तो उस के पीछे पड़ा है कि हैदराबाद आ जाओ लेकिन अभी उस की 5 साल की नौकरी बाकी है. और फिर, वह यह ग्रुप कैसे छोड़ दे. संगीत तो उस की सांसों में बसता है. वह शास्त्रीय संगीत गायिका तो नहीं है लेकिन गाना उस का शौक तो है. इसी शौक के चलते चौबीस लोगों का यह ग्रुप परिवार सा बन गया है.
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