देश में कोरोना का कहर अभी थमा नहीं कि बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी. पटना के कंकड़बाग और कतरीसराय के इलाकों में बर्ड फ्लू के संक्रमण की जानकारी मिली है, बिहार के वैशाली जिले में 2 दर्जन कौवे मरे हुए मिले, ये खबर मिलते ही आसपास के लोग सकते में आ गए. जानकारी मिलते ही बीमारी की रोकथाम के लिए बिहार सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं . पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों को मारा जाने लगा है और उन्हें जमीन के अंदर दबा दिया गया ,जिससे कि बीमारी न फैले .

इस काम में पशुपालन विभाग की टीम और और जिला प्रशासन के लोग लगे हुए हैं . मुर्गियों में बर्ड फ्लू संक्रमण की जानकारी मिलते ही केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई है.पशु वैज्ञानिकों का कहना है कि आमतौर पर यह बीमारी दिसंबर जनवरी के ठंड वाले मौसम में होती है, लेकिन इस बार मौसम के बारबार बदलाव होने के कारण इस समय मुर्गियों में इस बीमारी का प्रकोप हो गया है . उनका यह भी कहना है कि सामान्य तौर पर जब मौसम गर्म होता है तो यह वायरस वाला खुद ही मर जाता है.

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बताया गया कि मार्च के इस महीने में बर्ड फ्लू के लक्षण एक कौवे में पाए गए और वहीं से यह बीमारी मुर्गियों में फैल गई उसके बाद यह बीमारी संक्रमित पशुओं पक्षियों द्वारा आम लोगों में फैल सकती है. इसलिए सरकार द्वारा तुरंत कदम उठा लिए गए .पटना के पशुपालन विभाग द्वारा बर्ड फ्लू को लेकर उससे बचाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है .लोगों को बीमार मुर्गियों के संपर्क में न आने की सलाह दी गई है .मुर्गियों में आम लोगों तक फैलने वाली इस बीमारी से बचने के लिए मुर्गी पालन को दस्ताने पहनने और साबुन और पानी से हाथ साफ करने की भी सलाह दी गई है .मरी हुई मुरगियों को जमीन में दबाने की भी सलाह दी गई है .

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