कोई भी काम लगन और मेहनत से किया जाए, तो उस से फायदा ही होता है. खेतीकिसानी में भी खेती का रकबा भले ही कम हो, पर खेती के नए तौरतरीकों के जरीए भी ज्यादा आमदनी जुटाई जा सकती है.

इस बात को जबलपुर जिले के एक किसान ओमप्रकाश तिवारी ने साबित कर के दिखाया है. उन्होंने खेती के परंपरागत तौरतरीकों को छोड़ कर अपनी 5 एकड़ जमीन पर हरी मिर्च की खेती कर के लाखों रुपए की आमदनी ले कर एक मिसाल कायम की है.

जबलपुर जिले के घाट पिपरियां गांव के किसान ओमप्रकाश तिवारी बताते हैं कि तीखी मिर्च ने उन की जिंदगी में मिठास घोल दी है. प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप इरीगेशन सिस्टम से उन्होंने अपनी 5 एकड़ जमीन पर मिर्च की खेती कर 16 टन प्रति एकड़ का उत्पादन लिया है. ठंड के इस सीजन में 40 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से उन्होंने एक दफा में 4 लाख रुपए तक की बचत कर ली है.

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जून में तैयार करते हैं नर्सरी

ओमप्रकाश तिवारी अपने खेतों में मिर्च की खेती के लिए बाजार से उन्नत किस्म के मिर्च के बीज लाते हैं और घर पर खुद ही नर्सरी तैयार करते हैं. बारिश के पहले उन्होंने जून महीने में नर्सरी तैयार की थी. अपने खेतों के लिए उन्होंने जवाहर मिर्च का उपयोग बीज के तौर पर किया है.

खेत में बारिश के समय जुलाई महीने में मिर्च की रोपाई का काम किया जाता है. वैसे तो किसान तीनों मौसम में मिर्च की रोपाई का काम कर सकते हैं. पौधे से पौधे की दूरी 30 सैंटीमीटर और क्यारी की दूरी साढ़े 4 फुट रख कर उन्होंने मिर्च की रोपाई की थी. 7 से 8 महीनों में मिर्च की फसल तैयार हो जाती है. जवाहर किस्म के बीज से मिर्च का उत्पादन 1 हेक्टेयर में तकरीबन 280 क्विंटल तक मिल जाता है.

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