सब्जी की पैदावार बढ़ाने में अच्छे बीजों की जरूरत पड़ती है. लेकिन अच्छे किस्म के बीज ज्यादातर किसानों को मिल नहीं पाते हैं. इस की खास वजह है बीजों का महंगा होना. गाजर के बीज का उत्पादन एक फायदेमंद काम है. बीज की पैदावार में निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है:

खेत का चुनाव : गाजर के बीज के उत्पादन के लिए जो खेत चुना जाए, उस में अपनेआप उगे हुए पौधे नहीं होने चाहिए.

दूरी : मधुमक्खियों व अनेक कीटों के द्वारा गाजर में परपरागण होता है, इसलिए बीज की फसल की दूसरी अलग किस्मों से आधार बीज उत्पादन के लिए 1000 मीटर व प्रमाणित बीज के लिए 800 मीटर दूरी रखनी चाहिए.

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जलवायु : बीज फसल के लिए गाजर 2 साल वाली फसल है. पहले मौसम में खाने के लिए इस्तेमाल करने लायक गाजर जड़ का विकास होता है और दूसरे मौसम में बीज वृंत निकलते हैं, जो फसल की किस्म के मुताबिक 0.5 से 1.5 मीटर की ऊंचाई तक जाते हैं. बीज उत्पादन के लिए 15 डिगरी सेंटीग्रेड तापमान सही रहता है. पहाडि़यों या ऊंचे स्थानों पर बीजोत्पादन आसानी से किया जा सकता है. प्रजाति का चयन : अच्छे उत्पादन के लिए सही प्रजातियों को चुनें. पूसा केसर, कल्याणपुर पीली, अर्लीनेट्स, पूसा यमदागिली व हरियाणा सलेक्शन वगैरह गाजर की उम्दा प्रजातियां हैं.

जमीन : अच्छे जलनिकास वाली हलकी दोमट जमीन सही रहती है.

बीज उत्पादन की विधियां

गाजर बीज उत्पादन की 2 खास विधियां हैं जड़ (गाजर) से बीजोत्पादन और बीज से बीज उत्पादन. जड़ से बीज उत्पादन विधि ज्यादा अच्छी मानी जाती है.

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