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बेबस आंखें
केशव अपनी बेटी स्वरा से आंखें नहीं मिला पा रहे थे. इसलिए उन्होंने अपना मुंह दीवार की तरफ कर लिया. फिर बोले, ‘‘बेटी, ध्यान से सुनो, तुम लगभग 3 वर्ष की थीं.
भाग - 1
स्वरा अपने पापा केशव कुमार की कंपनी के लोगों की ‘बेबस आंखें’ का अर्थ आज समझ पाई जब उस ने अपने पापा की बेबस आंखों को पश्चात्ताप के आंसू बहाते देखा.
भाग - 2
स्वरा अभी छोटी है दादी कैसे चार यात्रा के लिए कैसे जाऊं, घर पर परेशानिया होगी.
भाग - 3
अम्मा अपनी यात्रा में बहुत खुश थीं. वे अपनी तीर्थयात्रा पूरी कर के लौट रही थीं. उस के बाद उन से संपर्क टूट गया.
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