फेसबुक आज लड़कियों को फंसाने का सब से बड़ा और आसान तरीका बन गया है और सैंकड़ों अकेली लड़कियां बोरियत दूर करने के लिए लडक़ों को फ्रैंड बना लेती हैं जो दिखने में अच्छेे लगते हैं और मैसेज भेजने की कला जानते हैं. दिल्ली की एक 16 वर्ष की लडक़ी ऐसे ही फंसी और एक अनजान युवक से मिलती ही नहीं रही उस से प्रैग्नैंट भी हो गई. उस लडक़ी को लडक़े की शक्ल और फेसबुक प्रोफाइल के अलावा कुछ नहीं मालूम था और जब तक उसे पता चला कि वह प्रैग्नैंट वह लडक़ा कहीं और हाथ मारने चला गया था.
यह लडक़ा अब पुलिस वालों द्वारा उसे उसी के बनाए ट्रैप के कारण पकड़ा गया है पर वह 16 साला लडक़ी तो ङ्क्षजदगी भर एक दाग लिए घूमेगी. फेसबुक की पहुंच ही ऐसी नहीं है कि लाखों इस के जाल में फंस रहे हैं, यह शातिरों को पहचान कर उन के नाम उन तक पहुंचा सकता है जो भोलेभाले हैं. फेसबुक ने ऐसे कंप्यूटर सौफ्टवेयर तैयार कर लिए हैं जो हरेक का अपना प्रोफाइल बना लेते हैं और फिर किस के साथ किस शहर में उसे जोड़ा जाए उस की सलाह देना शुरू कर देते हैं.
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फेसबुक बारबार कहना शुरू कर देता है कि इतने सारे लोग आप से दोस्ती कर सकते हैं और कोई भी साधारण जना ट्रैप में फंस कर 4-5 या 8-10 को फ्रैंड बना लेता है और फिर चस्का पड़ जाता है कि जितने ज्यादा फ्रैंड बनाओ, जितने फौलोअस बढ़ाओ. इस चक्कर में तरहतरह की पिक्चर्स डाली जाती है, तरहतरह की झूठी कहानियां सुनाई जाती हैं.
जिन के ज्यादा फ्रैंड होते हैं उन में कुछ भोले होते हैं तो ज्यादातर बेहद चालाक. पहले इन चालाक लोगों के हत्थे कुल 10-20 लोग चढ़ते थे अब वे सैंकड़ों तक पहुंच सकते हैं. रातदिन अपने अनजान फैसबुक फ्रैंडों को अपना सगा मान लेने वाली लड़कियों की कमी नहीं जो हर कुछ करने को तैयार हैं. पहले वे अपने बारे में बताती हैं, फिर कपड़े उतारती हैं और फिर ब्लैकमेल होना शुरू हो जाती हैं.
फेसबुक का असली लाभ ये लोग उठा रहे हैं. घरों में बंद लोगों के लिए यह खिडक़ी ैपर बाहर जहरीले कांटे हैं या गहरी खाई है और कितने ही उस में डुबकी लगा लेते हैं.
मातापिता ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. जो समझते हैं वे भी अपने बड़े होते बच्चों के उद्वंड व्यवहार को नियंत्रित नहीं कर सकते. पहले उन को गतिविधियों के बारे में दूसरों से कुछ पता तो चल जाता था पर अब तो मोबाइल या कंप्यूटर इतना निजी हो चला है कि उस में झांकना भी मुश्किल है.
फेसबुक की ताकत आज इतनी बढ़ गई है कि वह सरकारों को बदलने लगा है, नियम कानून अपने पक्ष में कराने लगा है. उस के पास अमेरिका के सीमाएं से ज्यादा गुप्त फाइल हर नेता की है. वह जब चाहे जिस नेता को चाहे ब्लैकमेल कर सकता है. जज, अफसर लीडरों की तो छोड़ ही दें. छोटी लड़कियों का तो कहना ही क्या.