हर दूसरेतीसरे रोज पुलिस को मिली स्पा सेंटर पर रेड मारने की खबर हर शहर के अखबार में छपती रहती है और बताया जाता है कि स्पा सेंटर की आड़ में देहव्यापार चल रहा था. समाचार फिर शान से बनता है कि पुलिस ने फर्जी ग्राहक भेज कर भंडाफोड़ किया और मालिक या मालकिन देहव्यापार में लगी औरतों को पकडक़र जेल में बंद कर दिया.

इस के बाद क्या होता है. यह नहीं बताया जाता है. ये लड़कियां और मालिक मैनेजर कितने दिन बंद रहे और बाद में 2-3 साल बाद जज ने क्या फैसला सुनायायह भी पता नहीं चलता.

सब से बड़ी बात यह है कि यह कभी नहीं साबित होता कि देह व्यापार में लगी लड़कियों को क्या जबरदस्ती इस काम पर लगाया जा रहा थायह भी नहीं बताया जाता कि इस स्पा को बंद करने में समाज कितना सुधर गया. यह ढींग भी पुलिस नहीं मारती कि क्या लड़कियों को अपने घरों तक सुधार कर भेज दिया गया.

यह चटखारे वाली खबर असल में पुलिस के धंधे की पोल खुलती है पर मजेदार बात है कि लोग समझते हैं कि शायद यह अनैतिक धंधा बंद करने पर पुलिस ने तीर मारा है. देह व्यापार में आखिर खराबी क्या है. हर औरत का हक है वह जिस के साथ मर्जी हो उस के साथ सोएप्रेम में होने पर सोएशादी हो गई है इसलिए सोए या पैसे मिलते है इसलिए सोएउस के अपने बदन की जरूरत है इसलिए भी वह सोएं तो क्या हर्ज है.

अगर साथ सोने वाला खुश है तो पैसे भी दे सकता हैघर भी दे सकता है. साथ बच्चे भी पैदा कर सकता है. इसे गंदा व्यापार समझने का मतलब है आदमीऔरत के संबंध को गंदा समझता जो एकदम कुदरत के खिलाफ है.

हां जब इस काम का फायदा आदमी उठाने लगेंवे जबरन लड़कियां उठाकर लाएं और उन से धंधा कराएं और आमदनी जेब में रख लें तो गलत बात है पर जो समाचार छपते हैं उन में यह नहीं होता कि लड़कियां छुड़ाई गईउन्हें गुलामी से आजादी दिलाई गईउन्हें अपना पैसा दिलाया गया. समाजों ने कानून ऐसे बनाए हैं कि धंधा चलता रहे. पुलिस और दलाल माल बनाते रहें और औरतों को लूटा जाता रहे.

पुलिस अगर दखल न दे तो लड़कियां अपना खुद का गु्रप बना कर वेश्यावृति कर सकती हैं और  सारा पैसा बांट सकती हैं. पर वेश्याओं पर कानून और पुलिस की जंजीरें बांध कर पुलिस व मालिकों को यह दी गई कि कमाओ और लड़कियों को लूटो.

हाल इतना बुरा है कि शायद ही कोई समाचार छपना हो जिस में लडक़ी पुलिस में शिकायत दर्ज कराए कि उस का हिस्सा मालिकदलालपुलिस वाले खा गए. लड़कियों को बहला कर लाया गया और इस धंधे में जबरन ठूंसा गया इस के केस भी होते हों तो समाचार नहीं बनते. इस तरह के मामले में सुबूत जुटाने मुश्किल होते हैं इसलिए पुलिस हाथ नहीं लगाती. फिर पुलिस खुद लड़कियों को भगाने और धंधे में साथी हो तो वह लड़कियों की लूट की क्यों सुने.

देह व्यापार चल इसलिए रहा है कि इस में कानून अटका हुआ है. अगर कानून और समाज का अड़ंगा न हो तो देह व्यापार खतम हो जाएगालड़कियां अपनेआप खुद धंधा करेंगी और खुद कमाई करेंगी जैसे कोई खोमचे वाला करता है. आदमी और लडक़ी का सौदा अकेले होगाबिना कमीशन के. देह की मालकिन औरत हैवह किसे क्यों दे यह उस पर छोड़ेंइस देनलेन के जुर्म बना कर पुलिसकोठेवालोंदलालोंलड़कियों को उठाने का धंधा न बनाएं.     

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