इन दिनों साइबर ब्लैकमेलिंग का क्राइम तेजी से फैला है. ऐप्स और इंटरनेट पर लोगों को परेशान करना, डरानाधमकाना और ठगी कर लेना दिनप्रतिदिन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. इसी तरह बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स मोबाइल ऐप्स के जरिए मुसलिम महिलाओं की औनलाइन नीलामी के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि...

हरियाणा में भी लौकडाउन लग चुका था. दिल्ली का बौर्डर सील था. आवागमन मुश्किल था. 24 वर्षीया मधुलिका कनाट प्लेस जाना चहती थी.

घर में अकेली पड़ीपड़ी ऊबने लगी थी. सोचने लगी कि क्या करे कि पैसे की आमदनी हो और दिल भी बहलता रहे.

थोड़ी देर बालकनी में चहलकदमी करने के बाद रोहित की याद आई. उस ने उस का फोन मिला दिया, ‘‘हैलो रोहित, कैसे हो? क्या हो रहा है? मेरे लायक कोई काम है तो बताओ न. मैं घर में बोर हो रही हूं.’’

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‘‘तो तुम 2 महीने बाद फोन कर रही हो और ऊपर से एक साथ इतने सवाल दाग दिए,’’ रोहित शिकायती लहजे में बोला.

‘‘हां यार, मेरी गलती है. तभी तो खाली पड़ी सड़ रही हूं.’’ मधुलिका बोली.

‘‘तुम चाहो तो घर बैठे डिजिटल मार्केटिंग का काम कर लो.’’ रोहित बोला.

‘‘कर दूंगी. कोई क्लाइंट मिला है क्या?’’ मधुलिका ने पूछा.

‘‘क्लाइंट तो नहीं मिला है, लेकिन एक कंपनी है, जो सेलिब्रेटीज को ट्रोल करवाने और कमेंट्स लिखवाती है. बोलो तो उस के साथ तुम्हें जोड़ दूं, लेकिन फेक आईडी बनानी होगी.’’ रोहित झिझकते हुए बोला.

‘‘सोच कर बताती हूं. वैसे किस के लिए काम करना होगा?’’ मधुलिका ने जिज्ञासा से पूछा.

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