सौजन्या-सत्यकथा

बैंक मैनेजर सुशील कुमार की 10 नवंबर को शादी होनी थी. कार उस ने खरीद  ली थी. लोन ले कर आलीशान मकान भी बनवा लिया था. वह शानोशौकत से शादी करना चाहता था. इस के लिए उस ने अपने ममेरे भाई नितेश, उस के 2 दोस्तों सतपाल व सुखविंद्र के साथ मिल कर साजिश रची और अपने ही बैंक में 1 करोड़ 13 लाख की डकैती करा दी, लेकिन...

‘हैंड्सअप’. मुख्य गेट का शटर डाल कर अंदर घुसे तीनों युवकों ने बैंक भवन के अंदर मेज पर रखी फाइलों में उलझे बैंक प्रबंधक सुशील कुमार व कैशियर परमपाल सिंह को हथियारों की नोक पर लेते हुए कर्कश आवाज में कहा. आगंतुकों के चेहरे के हावभाव व आंखों से उगलती आग दर्शा रही थी कि विरोध करने पर वे किसी भी हद तक जा सकते थे.

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अचानक आई आफत को देख दोनों बैंककर्मियों की घिग्घी बंध गई. हाथों में हथियार व 2 युवकों के कंधे पर लटकते पिट्ठू बैग देख उन को आभास हो गया था कि वे लोग बैंक लूटने आए हैं. दो पगड़ीधारी युवकों के हाथों में पिस्टल थी और तीसरे के हाथ में लंबे फल वालाचाकू.

दोनों बैंककर्मियों ने कोई प्रतिरोध न कर के आत्मसमर्पण कर दिया. तीनों लुटेरे केशियर व बैंक मैंनेजर को धकिया कर बैंक के स्ट्रांग रूम में ले गए. वहां तीनों ने तिजोरी में रखी 2 हजार, 5 सौ व एक सौ रुपयों की गड्डियां दोनों बैगों में ठूंसठूंस कर भर लीं. दोनों बैंक अफसरों के मोबाइल पहले ही छीन लिए गए थे. मैनेजर व कैशियर को स्ट्रांगरूम में बंद कर ताला लगा दिया गया. एक लुटेरे ने मैनेजर की मेज पर रखी कार की चाबी उठा ली थी. स्ट्रांगरूम की चाबी लुटेरों ने स्ट्रांग रूम के सामने ही फेंक दी.

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