लेखिका- डॉ. मेघना पासी
जब आम दिनों की दिनचर्या बदल चुकी है तब मातापिता के लिए लौकडाउन की इस अवधि के दौरान h अपने बच्चों की देखभाल करना मुश्किल हो रहा है. इस वक्त धैर्य, सूझबूझ और शांति से स्थिति का सामना करना बेहद जरूरी है. सब से बड़ी बात जो मातापिता के सामने है वह है बच्चों की दिनचर्या को सुचारू रूप से व्यवस्थित करना जिस से उन का शेड्यूल उसी तरह रहे जैसा कि पहले के दिनों में था ताकि वे सहज रहें और किसी दुविधा में न पड़ें.
निम्नलिखित कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें अमल में ला हम बच्चों की जीवनशैली को इस लौकडाउन में भी पहले की ही तरह रख सकते हैं.
1.घर में भी पढ़ाई
बच्चों का रुटीन स्कूल की तरह ही शेड्यूल करें क्योंकि वे अपनी दिनचर्या के अनुसार ढले होते हैं. पढ़ाई के घंटे सुनिश्चित कर दें जिन में वे सभी विषयों की पढ़ाई करें.
ये भी पढ़ें-#coronavirus: कोरोना से न बढ़ने दे दिल की दूरी
2.घर के कामों में रुचि जगाएं
यदि आप अपनी ऊर्जा को सही जगह पर नहीं लगाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग आपको अपने ही घर उकता देगी. इस समय अपने बच्चों को रोजमर्रा के काम सिखाएं क्योंकि यह लड़के और लड़की दोनों के लिए ही बेहद जरूरी है. बच्चों को घर के कामों में शामिल करें जैसे कि झाड़ू और पोछा लगाना, पौधों को पानी देना, घर की धूल झाड़ना, अपने बिस्तर लगाना आदि. इस तरह उन के लिए ऐसे फन गेम्स और चुनौतियां पैदा करें जिस से उन्हें घर पर ही हौप, जंप, जौग और रस्सी कूदने जैसी एक्टिविटी करने का मौका मिले.
3.अच्छी नींद लें
बच्चों के अच्छे आराम को सुनिश्चित करने के लिए हर दिन कम से कम 8-9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है. नींद के अभाव में बच्चे में कई प्रकार की बीमारियां जन्म ले सकती हैं. अपने बच्चे के बेडरूम में इलेक्ट्रौनिक उपकरण और वीडियो गेम्स आदि न रखें.
4. डर से दूर रखें-
मौजूदा स्थिति देख कर बच्चे चिंतित और तनावग्रस्त हो सकते हैं. उन से बात करें और समझें कि वे क्या सोच रहे हैं और उन के सवालों का जवाब दें. इस समय उन के डर को दूर करना हमारी जिम्मेदारी है. यह भी सुनिश्चित करें कि वे गलत समाचारों से बचे रहें.
5. खिलाएं हैल्दी और टेस्टी
बच्चे घर में रहें या स्कूल जाएं पौष्टिक आहार की उन्हें जरूरत है ही. बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सब्जियां और फल खिलाएं. पूरे दिन में अलगअलग तरह के भोजन और स्नैक्स दें ताकि खाने में उन की रुचि बनी रहे. वृद्धि और विकास के कारण एक बच्चे की पोषण संबंधी आवश्यकताएं वयस्क से अधिक होती हैं.
ये भी पढ़ें-#lockdown: बड़े शहरों में भी पॉपुलर हुई देसी कोल्डड्रिंक शिकंजी, ऐसे बनाएं
याद रखें कि हमारे हाथ की 5 अंगुलियां 5 खाद्य समूहों के रूप में होती हैं, इन में हमारे सभी भोजन शामिल हैं जो हमें हमारे सभी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं.
- बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, विटामिन, खनिज लवण सब की संतुलित मात्रा होना जरूरी है. भोजन बनाने की प्रक्रिया में जब आप एक साथ दो चीजों को मिला कर बनाते हैं तो उस की पौष्टिकता बढ़ जाती है.
- चावल और चपाती में कार्बोहाइड्रेट की प्रचुरता होती है. दालों में प्रोटीन की बहुतायत होती है तो सब्जियों में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. अपने एक समय के खाने में सारी चीजों को एक साथ खाने से भोजन की पौष्टिकता बढ़ जाती है.
- रोटी या पराठा पिज्जा तैयार करें, गेहूं के आटे या मक्का के आटे के साथ टाकोस बनाएं और रेडी-टू-ईट पैक से परहेज करें. गेहूं के आटे से बने मफिन, ब्राउनी, कुकीज और केक जैसे बेकरी आइटम पर अपना हाथ आजमाएं.
- शरीर के लिए फैट यानी वसा की भी बहुत जरूरत होती है. इस के लिए बच्चों के आहार में नियमित तौर पर डेयरी उत्पादों को शामिल करें. डेयरी उत्पादों से बच्चों को भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी और के की प्राप्ति होगी.
- मांस, मछली, मीट आदि को अच्छी तरह से पका कर खाने के लिए दें. अंडे को उबाल कर खाना आमलेट के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक होता है. अंडा प्रोटीन, कैल्शियम व ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है. प्रोटीन से हमारी मांसपेशियां मजबूत होती हैं. बच्चों को नाश्ते में ब्रेड बटर और पराठे की जगह एक कटोरी दही के साथ दलिया दें.
- बच्चे को एक पौष्टिक नाश्ता देना चाहते हैं तो उसे ओटमील दीजिए जो उसे दिनभर फिट और तरोताजा बनाए रखेगा. बीटा ग्लूकन ओट्स में भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. साथ ही, ओट्स के सेवन से कोलेस्ट्रौल लेवल कम होता है व इम्यूनिटी भी बढ़ती है.
- बादाम और अखरोट में प्रोटीन उचित मात्रा में पाया जाता है, साथ ही फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मिलता है. किशमिश से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है. इसलिए अखरोट और बादाम कुकीज़, मूंगफली, चना, ड्राई फ्रूट चिक्की जैसे स्वादिष्ट मीठे व्यंजन बच्चों को दें. रिफाइंड चीनी के बजाय गुड़ और शहद का उपयोग करें.
6. घी का सेवन
बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उसे घी जरूर दें क्योंकि यह मक्खन से अधिक सुरक्षित है. इस में तेल से अधिक पोषक तत्व हैं. घी पर हुए शोध बताते हैं कि इस से रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रौल कम होता है.
7. दूध और दुग्ध उत्पाद
यह बच्चों के विकास के लिए आवश्यक कैल्शियम और प्रोटीन का समृद्ध स्रोत होते हैं.
- यदि आप का बच्चा दूध नापसंद करता है, तो स्वाद में विविधता के लिए स्मूदी, फ्रूट शेक, खीर, पायसम और चावल की खीर दें.
- अतिरिक्त कैलोरी कम करने के नाम पर बच्चों की दूध की मात्रा को कम न करें बल्कि उन्हें कम फैट वाला दूध दें.
- ध्यान रहे कि दूध से वजन नहीं बढ़ता बल्कि हड्डियां मजबूत होती हैं और एनर्जी मिलती है, इस से ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों और तनाव में भी राहत मिलती है.
- कोशिश करें कि दूध जरूरत के हिसाब से खरीदें और फ्रिज में ढक कर रखें व जितना प्रयोग में लाना हो केवल उतना ही दूध गर्म करें.
8. फल और सब्जियां
- ये सुरक्षात्मक खाद्य पदार्थ हैं जो विटामिन, फाइटोन्यूट्रिएंट, एंटीऔक्सिडेंट और फाइबर प्रदान करते हैं जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में काफी सहायक होते हैं.
- फल और सब्जियां कैलोरी में कम होते हैं इसलिए अधिक खाए जा सकते हैं. इस के अलावा फल और सब्जियों में कोलेस्ट्रौल नहीं होता जिस से दिल की बीमारी दूर रहती है.
- बच्चों को कस्टर्ड, फ्रूट सलाद, स्ट्रौबेरी और बनाना स्मूदी के रूप में फल दें.
- सब्जियां भी दिलचस्प बनाई जा सकती हैं. उन्हें बर्गर, पास्ता, नूडल्स और पराठों में शामिल करें.
- रंगीन पूरियां बनाने के लिए आटे में चुकंदर और पालक का रस या प्यूरी मिलाएं.
- जब आप अपने बच्चों के लिए इन खाद्य पदार्थों को तैयार करने का आनंद ले रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप लौकडाउन की अवधि के दौरान उन्हें ज्यादा न खिलाएं.
9. तरल पदार्थों का सेवन भी हो भरपूर
- बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खाने के साथसाथ पानी का महत्व बहुत अधिक है ऐसे में बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाना चाहिए और सूप जैसे तरल पदार्थों का सेवन कराना चाहिए.
- इस के साथ ही बच्चों को फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ देने चाहिएं जिस से बच्चे में पानी की कमी न हो.
- बच्चों को संतुलित आहार की आदत डालने के लिए जरूरी है कि आप प्रतिदिन अपने बच्चे को उस की पसंद के 5 अलगअलग पौष्टिक खाद्य पदार्थ दें.
- बच्चे को पौष्टिक खाना खाने की आदत डलवाएं और जंक फूड से उसे दूर रखें.
इन सुझावों के साथ अपने बच्चे के साथ क्वारंटीन समय को खुशनुमा बनाएं.
(लेखिका माय-थाली कार्यक्रम से जुड़ीं हैं व पोषण सलाहकार हैं.)