आज जिस तरीके से हम फल सब्जी की प्रोसेसिंग करते हैं ,उन्हें सुखाकर रखते हैं चाहे वह घरेलू तौर-तरीके हो या आधुनिक. ऐसे ही कुछ तरीकों से हम फूलों को भी सुखाकर फायदे का सौदा बना सकते हैं .
जानकारों का कहना है कि सूखे फूलों की विदेशों में खासी मांग है और भारत से अनेक देशों में इन्हें निर्यात भी किया जाता है .
जानकारों का कहना है कि सूखे फूलों की विदेशों में खासी मांग है और भारत से अनेक देशों में इन्हें निर्यात भी किया जाता है .
शुष्क तकनीक द्वारा खिले हुए फूलों को मुरझाने से पहले ही संरक्षित किया जाता है . फूलों को सुखाने के लिए पौधे से केवल फूल ही नहीं काटा जाता ,बल्कि उसका पूरा तना काटा जाता है , जिसमें, फूल,उसकी पत्तियां ,बीज, कलियां भी शामिल होती हैं.
क्या है फूल सुखाने की तकनीक : फूलों को सुखाने ये लिए उन्हें सुबह के समय काट लिया जाता है, उसके बाद उनके छोटेछोटे गुच्छे बना लिए जाते हैं, जिन्हें रस्सी के सहारे किसी अंधेरे कमरे में लटका दिया जाता है. लटकाने के लिए छत पर रस्सी का बांस आदि लगाया जा सकता है, जिस पर उन गुच्छों को लटकाया जाता है. अंधेरे कमरे में गर्मी और हवा का आवागमन भी होना चाहिए , लेकिन एक बात याद रखें कि फूलों को सुखाने के बाद उनका प्राकृतिक रंग कुछ हल्का हो जाता है जिन्हें बाद में खास तरीकों से रंगा भी जा सकता है.
इसके अलावा फुल सुखाने की अनेक तकनीकियां है ,जैसे दाब शुष्कन विधि , बंद चूल्हा शुष्कन विधि , सूर्य की रोशनी में सुखाना, कम तापमान पर सुखाना, ग्लिसरीन शुष्कन विधि.
लेकिन इन सबके लिए आप को ट्रेनिंग लेनी होगी तभी इस काम को कर सकते हैं इस की बारीकियों को समझना होगा.
लेकिन इन सबके लिए आप को ट्रेनिंग लेनी होगी तभी इस काम को कर सकते हैं इस की बारीकियों को समझना होगा.
किसी काम को शुरू करने के लिए कहीं ना कहीं से शुरुआत करनी होगी प्रकृति के भरोसे, रहकर, या सरकार के भरोसे रहकर यह काम नहीं हो सकते .हमें खुद को मजबूत बनाना होगा, समय के साथ खुद को बदलना होगा ,नई तकनीकियों को सीखना होगा तभी हम अपना आने वाला कल बेहतर बना सकते हैं.
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