जमाती तो बदनाम है कि उन्होनें कोरोना छिपा कर समाज को बीमार कर दिया.लखनऊ की कनिका और मध्य प्रदेश की अधिकारी पल्लवी जैन ने भी ऐसी तरह से लापरवाही की.

पूरे देश मे इस बात पर हंगामा है कि जमातियों ने कोरोना की जानकारी छिपा कर देश भर में कोरोना को रोकने में मंसूबों पर पानी फेर दिया. पूरा देश एक स्वर में इस बात की आलोचना भी कर रहा है. जमातियों का यह वर्ग कम जानकार था ऐसे में वह उतने गुनाहगार नही है. जितने गुनहगार वह लोग है जो समझदार भी है और सरकार में मुख्य पदों पर बैठे भी है.
हनीमून से वापस आये अफसर ने नही दी जानकारी :
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले आईएएस अधिकारी अनुपम मिश्रा केरल कैडर से है, वो अपनी पत्नी के साथ 10 दिन के टूर पर सिंगापुर मलेशिया गए थे.जब वह वापस आये तो एयर पोर्ट पर उनको सलाह दी गई कि वो 14 दिन अपने घर मे अकेले रहे.अनुपम मिश्रा अपने जिला सुल्तानपुर चले आये और खुद को कोरोनो से बचाने के लिए किसी नियम का पालन नही की. यह जानकारी एयरपोर्ट अथॉरिटी ने केरल सरकार को दी वँहा से उत्तर प्रदेश सरकार को पता चला.

ये भी पढ़ें-coronavirus: नया रूप लेकर 102 साल पुराना दर्द

उत्तर प्रदेश में अनुपम मिश्रा की लोकेशन पहले कानपुर फिर सुल्तानपुर मिली। तब सुल्तानपुर जिले के अफसरों ने उनको एकांत में रहने के बारे में बताया. इसके बाद ही उनको घर पर रहने के लिए कहा गया.प्रशासन यह पता लगा रहा था कि उनके सम्पर्क में कितने लोग इस दौरान उनसे मिले और उनकी क्या हालत है. एक जिम्मेदार अफसर होते हुए इस तरह का काम ठीक नही था. केरल सरकार ने उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला भी किया.

एमपी की अफसर की लापरवाही
केरल कैडर के आईएएस अनुपम मिश्रा कोरोना के प्रति लापरवाही बरतने वाले अकेले अफसर नही है.मध्य प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख सचिव पल्लवी जैन का बेटा विदेश से आया. पल्लवी जैन ने यह बात छिपाई.पल्लवी जैन खुद कोरोना से तो पीड़ित हुई ही उनके सम्पर्क में आ कर 3 दर्जन से अधिक लोग कोरोना को लेकर जांच के घेरे में आ गए.

ये भी पढ़ें-कोरोना के तवे पर धर्म की रोटियां

जब देश के यह जिम्मेदार लोग इस तरह का कार्य कर सकते है तो जमाती औऱ दूसरे लोगो से हम कैसे यह उम्मीद कर की वह अपना इलाज कराएंगे या सरकार को इस बीमारी की जानकारी देगें.

अकेले रहने का डर सताता है
कोरोना में मर्ज को बताने में लोग डरते क्यो है ? इसकी सबसे प्रमुख वजह यह होती है कि लोगो को लगता है कि कोविड 19 पॉजिटिव होते ही उनको एक अलग थलग जगह पर घर परिवार से दूर रहना होगा.इस डर से वह कोरोना को बीमारी को नही बताते. डॉक्टरों का कहना है कि हमारे यँहा यह अघिक हो रहा है. विदेशों में लोग इसको छिपाते नही है. वह लोग पूरी जांच कराकर इसका इलाज करते है. हमारे देश मे जांच और बीमारी से बचने के दूसरे रास्ते चुने जाने लगते है.जिसकी वजह से मरीज को तलाश करना ही बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है. अगर मरीज समय से अस्पताल पहुच जाए तो बेहतर इलाज मिल जाता है औऱ लोग स्वस्थ हो कर अपने घर वापस पहुच जाते है. हमारे देश के लोग मानते है कि यह कैंडिल जलाने, ताली और थाली बजाने से कोरोना भाग जाएगा.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...