देश के प्रधानमंत्री जब अपने प्रजा से हाथ जोड़ कर बोले कि आप घर में रहिये तो हम सभी को समझ लेना चाहिए कि समस्या गंभीर है .इस दौरान आप घर में रहे स्वास्थ्य रहे । अपने और अपने परिवार को स्वास्थ्य रखें.
खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रखने के लिए कई बार हम बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन कर नहीं पाते। तो आइये इस 21 में नया 07 प्रण लेते है और जिसका पालन पूरी ईमानदारी से करते है , ताकि सब स्वास्थ्य रहे.
1 पोषक भोजन का सेवन करे :- इस दौरान हम मन ही मन कुछ संकल्प लेने लगते हैं कि आने वाले साल में अपना वजन कम करेंगे, अपनी फिटनेस पर ध्यान देंगे, धूम्रपान या शराब छोड़ेंगे या अधिक पोषक भोजन का सेवन करेंगे आदि. सेवन करेंगे तो न केवल बीमारियों से बचेंगे, बल्कि स्वस्थ और ऊर्जावान भी बने रहेंगे। अपने भोजन में फल, सब्जियों, साबुत अनाज और तरल पदार्थो को उचित मात्र में शामिल करें.
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2 नाश्ता करने की आदत बरक़रार रखे :- यह 21 दिन आपके सेहत के लिए खास है , आपको घर में रहना है इसका कतई यह मतलब नहीं है कि आप खाना खाने का तरीका भी बदल दें, नाश्ता करने की आदत जो आपकी बनी हुए है , उसे बरक़रार रखे, अपने दिन की शुरुआत करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, यह ऊर्जा आपको सुबह कि नास्ता से मिलता है. ब्रेकफास्ट आपके शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा उपलब्ध कराता है। ब्रेकफास्ट को हमारे दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है.
3 एक्सरसाइज की आदत डालें :- घर में ही आप छोटा व्यायाम रख सकते है. बाहर आपको जाना नहीं है आपको अपने घर के ही एक हिस्से में चाकर लगा कर घूमने का आदत को पूरा कर सकते है. इससे न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, बल्कि मानसिक शांति मिलेंगी.
4 नियमित दिनचर्या अपनाएं :- घर में रहना है इसका मतलब कतई यह नहीं है कि आप सोते रहो. अपने सोने-जागने का एक नियमित चक्र बनाएं. सेहत अगर हर दिन एक निश्चित समय पर सोएंगे और जागेंगे, आप अधिक ऊर्जावान और तरोताजा अनुभव करेंगे. इसी तरह से खाने का भी एक नियत समय बना लें, जिससे आपका शरीर उस समय तक ऊर्जा का स्तर बनाए रखने का आदी हो जाएगा.
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5 ध्यान लगाएं :- ध्यान को मस्तिष्क की खुराक कहा जाता है. ध्यान एक साधारण, लेकिन शक्तिशाली तकनीक है, जो आपके मस्तिष्क को शांत और स्थिर रखती है.आपको सिर्फ यह करना है कि आप अपनी आंखें बंद करके बैठ जाएं और गहरा आराम अनुभव करें। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होगी, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति से आप मन को काबू में कर लेंगे. हमारी कई बीमारियां मनोवैज्ञानिक होती हैं. इनसे भी बचाव करने में ध्यान हमारी काफी सहायता करता है.
6 तनाव भगाएं : – यह दौर घर में रहने का अपने और अपने परिवार के लिए घर में रहना ही है , तो लाजमी है । करियर और परिवार की जिम्मेदारियां, काम का बोझ, वक्त की कमी, रिश्तों के बीच बढ़ती दूरियां, अकेलापन और महत्वाकांक्षाएं, आपको मानसिक तनाव जरूर प्रदान करेंगी लेकिन आपको इन सब से मुस्कुरा कर लड़ना है , जान है तो जहान है. किसी भी बात का तनाव न ले खुश रहे कि आप स्वास्थ्य है.आपका नकारात्मक सोच आपके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य तथा जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव डालता है.इसलिए जरूरी है कि इस दौरान छोटी-छोटी बातों पर तनाव नहीं पालेंगे.
7 तनाव के नकारात्मक प्रभाव :- तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोनों का स्तर बढ़ जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं.इनकी वजह से दिल का तेजी से धड़कना, पाचन क्रिया का मंद पड़ जाना, रक्त का प्रवाह प्रभावित होना, नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाना और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इससे आपको हर हालत में बचाना ही है .