जब पूरा विश्व कोरोना के कहर से जूझ रहा है, चीन से ही फैल रहे हंता वायरस से लोगों में दहशत है. जानिए कैसे फैलता है यह वायरस और कैसे करें बचाव…

लगभग 196 देशों में फैला कोरोना वायरस हजारों की जिंदगियां लील चुका है और लाखों लोग इस की चपेट में हैं, वहीं चीन से ही फैला एक नया व खतरनाक हंता वायरस अब नई मुसीबत पैदा कर सकता है.

चीन के एक सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक, युन्नान प्रांत के रहने वाले एक शख्स को बस में यात्रा के दौरान उल्टियां हुईं और वह बेहोश हो गया. जब उस की जांच कराई गई तो वह में हंता वायरस पोजिटिव पाया गया.
रिपोर्ट में प्रकाशित खबर के मुताबिक यह वायरस जिंदा चूहों को खाने से फैलता है.

कैसे फैलता है

खबरों के मुताबिक हंता वायरस चूहों के खाने अथवा इस के संपर्क में आने से फैलता है. अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति इस के संपर्क में आता है तो वह भी इस का शिकार हो सकता है. आमतौर पर कोई व्यक्ति अगर चूहों के मल, यूरिन आदि को छूने के बाद अपनी आंख, नाक, कान और मुंह को छूता है तो वह इस वायरस से संक्रमित हो सकता है.

क्या हैं लक्षण

हंता वायरस भी जानलेवा होता है और इस वायरस से संक्रमित होने पर इंसान को तेज बुखार, सिर में दर्द, शरीर में दर्द, पेट दर्द रहता है. वह बारबार उलटियां करने लगता है और उसे डायरिया हो जाता है. इलाज में देरी होने पर संक्रमित व्यक्ति के फेफड़े में पानी भर जाता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. इलाज में देरी होने पर मौत भी हो सकती है.

अब सोशल मीडिया पर लोग जम कर निकाल रहे हैं भङास

कोरोना वायरस के आतंक के दौरान चीन से ही इस वायरस के फैलने के डर से सोशल मीडिया पर भी लोग जम कर भङास निकाल रहे हैं.
यूजर्स लिख रहे हैं,”चीन अब एक वायरस देश बन चुका है, जिस की सभ्यता और रहनसहन के तौरतरीकों ने इंसान को खतरे में डाल दिया है.”
एक यूजर ने लिखा,”कुदरत के साथ खिलवाङ करने का नतीजा देखो इंसान. हम ने जंगलों को उजाङे, नदियों की धाराएं मोङ दीं, बेजबानों को मार कर खाने लगे. अब नतीजे भुगतो.”

एक ने लिखा,”इंसानी अस्तित्व को बचाए रखना है तो लोगों को मांसाहार छोङ शाकाहारी बनना चाहिए. मरे हुए लाश को नोचनोच कर खाने वालो अब तो सुधर जाओ.”

आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल शक्ति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान में मैथिली भोजपुरी अकादमी के वाइस चेयरमैन नीरज पाठक ने बताया,”यह खबर मैं ने भी देखी है कि चीन में इस वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई है. मुझे लगता है कि चीन के लोगों को अब अपने खानपान की आदतों में सुधार करना होगा. इंसान खतरे में है और न सिर्फ चीन बल्कि पूरे विश्व के लोगों को अब आधुनिकता के नाम पर फूहङता और लापरवाही छोङनी होगी.”

शाकाहार अपनाओ, जीवन बचाओ

यों दुनिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञ शुरू से ही यह मानते रहे हैं कि मांसाहारी व्यक्ति शाकाहारी से कम समय जीते हैं. इतना ही नहीं मांसाहारी व्यक्ति में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें शाकाहारी लोगों की तुलना में अधिक होती हैं.
हार्ट अटैक अथवा किडनी फेल्योर होने के मामले मांसाहारी लोगों में ज्यादा रहती है.
विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इंसानों द्वारा जानवरों को जिंदा खाया जा रहा, अधपका खाया जा रहा है, यहां तक कि जिंदा कीङेमकौङों को शराब में डूबो कर स्वाद के लिए खाया जा रहा है. यह मानव सभ्यता के लिए खतरा है, जिस से लोग अनजान हैं.

लाइफस्टाइल बदलने की जरूरत

मगर सवाल यह भी है कि जो कोरोना वायरस महामारी बन चुका है, लोगों की जिंदगियां खत्म कर रहा है, अब बहुत लोग अपने खानपान और लाइफस्टाइल बदलने की भी बात करने लगे हैं. सच भी है, आधुनिकता जरूरी है पर अच्छा हो कि विज्ञान को हथियार बनाया जाए. चांदतारों पर जाने की बात करने वाला इंसान अगर पूजापाठ के नाम पर अंधविश्वास का रास्ता चुनेंगे, बलि प्रथा से बेजबानों की बलि देंगे, तो उस से न सिर्फ इंसान और इंसानियत खतरे में आ जाएगा, चांदतारों पर जाने की बात भी बेमानी साबित हो जाएगी.

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