मेरे विवाह को अभी 1 वर्ष हुआ है. मैं अपनी सास के व्यवहार से बहुत परेशान हूं. मैं उन की इकलौती बहू हूं फिर भी वे मेरी गलतियां निकाल कर आसपड़ोस में बताती रहती हैं लेकिन जब मैं उन की गलतियां बताती हूं तो वे रोनाधोना शुरू कर देती हैं. पति से इस बारे में कुछ कहती हूं तो वे कहते हैं कि सबकुछ चुपचाप सहन करो. मैं बहुत परेशान हूं समझ नहीं आ रहा, क्या करूं. समस्या का समाधान करें.

 आप ने बताया कि आप के विवाह को अभी 1 साल ही हुआ है इसलिए शुरुआती दौर में आप को अपनी सास का व्यवहार अजीब लग रहा है. अभी आप को और आप की सास को एकदूसरे को समझने में वक्त लगेगा. रिश्तों के शुरुआती दौर में ऐसी समस्याएं आती हैं क्योंकि दो लोग एकदूसरे के बारे में ज्यादा नहीं जानते. आप अपने अच्छे व्यवहार से उन का मन जीतने की कोशिश कीजिए और उन की गलतियां न निकालें. घर की बड़ी होने के नाते वे आप से मानसम्मान की उम्मीद रखती हैं और जहां तक हो सके पति को अपनी इन समस्याओं के बारे में तब तक न बताएं जब तक समस्या बहुत बड़ी और गंभीर न हो. इस से आप पतिपत्नी के रिश्ते में भी कड़वाहट आएगी.

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मैं एक लड़की को पसंद करता हूं और उस से शादी करना चाहता हूं. मेरी समस्या यह है कि अभी मैं कोई नौकरी नहीं करता यानी मेरी आय का कोई साधन नहीं है. ऐसे में मैं डरता हूं कि उस के घर वालों से किस आधार पर विवाह की बात करूं. ऊपर से वह लड़की बताती है कि उस के घर वाले हम दोनों के विवाह के लिए राजी नहीं हैं. मुझे डर है कि जब तक मेरी नौकरी लगती है तब तक कहीं उस का विवाह न हो जाए. मेरे लिए मेरा प्यार और कैरियर दोनों महत्त्वपूर्ण हैं. मैं ऐसा क्या करूं जिस से मुझे नौकरी और मेरा प्यार दोनों मिल जाएं?

विवाह करने के लिए आप का आर्थिक रूप से सक्षम होना बेहद जरूरी है. लड़की के घर वालों से विवाह के लिए बात करने से पहले आप अच्छी सी नौकरी की तलाश कीजिए. हां, अगर आप चाहें तो उस के घर वालों से मिल कर अपनी इच्छा जरूर जाहिर कर सकते हैं और उन्हें तब तक अपनी बेटी का विवाह कहीं और न करने के लिए मना सकते हैं. आप अपने अच्छे व्यवहार व स्वभाव से उन का मन जीतने की कोशिश करें. लेकिन जो भी करें जल्द ही करें. इस काम में अपनी प्रेमिका की मदद लें क्योंकि वही अपने घर वालों के समक्ष आप की अच्छी छवि प्रस्तुत करने में मददगार हो सकती है.

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हाल ही में मेरी मुलाकात फेसबुक के जरिए एक लड़की से हुई है. हम दोनों ही बीए फाइनल ईयर के छात्र हैं. फेसबुक में चैटिंग के जरिए हम एकदूसरे को पसंद करने लगे और हम दोनों ने एकदूसरे के बारे में अपने घर वालों को भी बता दिया है. हम दोनों विवाह करना चाहते हैं, हमारे घर वाले भी इस बात के लिए राजी हैं. पर समस्या यह है कि हम अभी तक न तो कभी एकदूसरे से आमनेसामने मिले हैं और न ही मैं ने उस की कोई तसवीर देखी है और न ही उस ने. ऐसे में हमें क्या करना चाहिए?

फेसबुक पर चैटिंग के जरिए एकदूसरे को जाननापहचानना इतना आसान नहीं है क्योंकि चैटिंग के जरिए जब दो लोग एकदूसरे से बात करते हैं तो सिर्फ अच्छी बातें दिखाई देती हैं. आप के केस में आप ने तो एकदूसरे को देखा भी नहीं है और घर वालों से विवाह की भी बात कर ली और घर वालों ने भी बिना कुछ सोचेसमझे न जाने कैसे अपनी रजामंदी दे दी. हो सकता है सबकुछ ठीक हो लेकिन फिर भी आप दोनों एकदूसरे से जरूर मिलें. एकदूसरे के परिवार वालों से मिलें. आमनेसामने बैठ कर जिंदगी के हर पहलू पर बात करें. फिर ही कोई निर्णय लें. वैसे भी अभी आप दोनों पढ़ रहे हैं, पहले अपनी शिक्षा पूरी कीजिए, आर्थिक रूप से सैटल होइए उस के बाद ही विवाह के बारे में सोचिए. तब तक एकदूसरे को जाननेसमझने का और अधिक समय मिल जाएगा.

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मैं एक नवयुवक हूं. आएदिन मेरे मोबाइल पर मैसेज आते हैं कि उक्त मैसेज 11 लोगों को भेजें, आप की मनोकामना शीघ्र पूरी हो जाएगी. इस तरह के मैसेज देख कर मेरे अंदर अजीब द्वंद्व सा पैदा हो जाता है क्योंकि उस में लिखा होता है कि अगर आप ने यह मैसेज आगे फौरवर्ड किया तो मनवांछित फल मिलेगा और अगर बिना फौरवर्ड किए डिलीट किया तो भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. इस चक्कर में मेरा सारा मोबाइल बैलेंस खत्म हो जाता है. मुझे कोई लाभ हो या न हो लेकिन मेरा व्यर्थ का खर्च जरूर हो जाता है. ऐसे मैसेज आएदिन आते रहते हैं. मैं पसोपेश में पड़ जाता हूं, डिलीट करते भी नहीं बनता है और जबरदस्ती फौरवर्ड करना पड़ता है. आप ही मेरी दुविधा का समाधान कीजिए.

ऐसे मैसेज भेजने वाले और कोई नहीं वहमी व धार्मिक अंधविश्वासी लोग हैं जो स्वयं तो अंधविश्वासी हैं ही और चाहते हैं कि लोग भी उन का अनुसरण करें. उन का एकमात्र उद्देश्य लोगों की तार्किक शक्ति को नष्ट कर के अपना भ्रम जाल फैलाना है. आप ऐसे मैसेजेस पर बिलकुल ध्यान न दें और न ही मन में किसी प्रकार का द्वंद्व पालें. अगर इन धार्मिक अंधविश्वास से भरे मैसेज को फौरवर्ड करने से सब की मनोकामना पूरी हो जाती तो देश में कोई गरीब, भूखा नहीं होता, सब संपन्न व खुशहाल होते.     

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