मोदी ने अपने सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि उनके सरकार के हस्तक्षेप से उर्जा के किफायती इस्तेमाल वाले एलईडी बल्ब की दर 350 रपये प्रति इकाई से घट कर 50 रपये पर आ गयी है और देश भर में 77 करोड़ एलईडी बल्ब लगा कर सालाना 1.25 लाख करोड़ रपये की बचत का लक्ष्य रखा गया है.

लाल किले की प्राचीर से अपने तीसरे स्वतंत्रता दिवस संबोधन में उन्होंने कहा कि लाइट इमिटिंग डायोड (एलईडी) बल्बों से न केवल बिजली की बचत होती है बल्कि कार्बनडायओक्साइड उत्सर्जन में भी कमी आती है और यह पर्यावरण एवं अर्थव्यवस्था में योगदान देता है.

मोदी ने कहा, अगर एलईडी बल्ब लोगों के जीवन, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था में बदलाव ला सकता है, तो सरकार को इसकी कार्य संस्कृति में बदलाव लाने की भी कोशिश करनी चाहिए. सरकार के हस्तक्षेप से एलईडी बल्ब की कीमत 50 रपये पर आ गयी जो पहले 350 रपये थी.

घरों एवं सार्वजनिक लाइटिंग में एलईडी के उपयोग से बिजली की खपत में 50% से 90% तक की कमी आ सकती है. सरकार ने अबतक 13 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किये हैं और अगले तीन साल में थोक आर्डर के जरिये 70 करोड़ से अधिक बल्ब वितरित करने का उसका लक्ष्य है.

घरेलू कुशल लाइटिंग कार्यक्रम (डीईएलपी) के तहत सरकार प्रतिस्पर्धी बोली के जरिये एलईडी बल्ब खरीदती है और प्रतिस्पर्धी दर पर उसे ग्राहकों को उपलब्ध कराती है. 

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