पावर सरपल्स होने के बाद भारत बांग्लादेश के साथ मिलकर पावर ट्रांसमिशन की क्षमता दोगुनी करने को लेकर काम कर रहा है. दोनों देश तीसरी ग्रिड को बनाने के लिए भी तैयार हैं जिससे दोनों देशों में बढ़ती पावर जनरेशन का फायदा उठाया जा सके.

सूत्रों के अनुसार भारत और बांग्लादेश बहरामपुर-बेहरामारा लाइन की क्षमता को दोगुना कर 1 हजार मेगावॉट करने को लेकर काम कर रहे हैं. इसके साथ ही त्रिपुरा-कोमिला लाइन की क्षमता को बढ़ाकर 200 मेगावॉट किया जाएगा. अभी तक इन दो लाइनों के द्वारा ही दोनों देशों के बीच पावर ट्रांसमिशन होता है. अब तीसरी लाइन असम से बिहार होते हुए बांग्लादेश पहुंचेगी. अभी यह प्रॉजेक्ट शुरुआती चरण में है जिसकी क्षमता 2000 मेगावॉट होगी.

नई लाइन उत्तर-पूर्वी राज्यों में पनबिजली परियोजनाओं को नई गति देगी. इनमें से कई परियोजनाएं बांग्लादेश के साथ मिलकर बनेंगी. एशियाई डिवेलपमेंट बैंक के अनुसार इस तरह के प्रॉजेक्ट और लाइन्स क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ ऊर्जा के नवीकरणीय संसाधनों के प्रयोग को बढ़ावा देते हैं. बांग्लादेश के अलावा भारत नेपाल को पावर का निर्यात करता है और भूटान से पावर का आयात करता है. भारत में इस साल पावर जनरेशन पिछले साल की तुलना मे 9 प्रतिशत बढ़ा है.

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